ETV Bharat / bharat

'स्टील्थ' फोकस के साथ चीन के ट्विन-सीटर J-20 फाइटर ने दुनिया को चौंकाया

अपने नए और आगामी सैन्य प्लेटफार्मों के लिए चुपके से क्षमता विकसित करना चीन की पुरानी फितरत रही है. 'स्टील्थ' फोकस के साथ चीन के ट्विन-सीटर J-20 फाइटर ने दुनिया को चौंका दिया है. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

J-20 फाइटर ने दुनिया को चौंकाया
J-20 फाइटर ने दुनिया को चौंकाया
author img

By

Published : Nov 8, 2021, 6:12 PM IST

नई दिल्ली : पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) के J-20 फाइटर को हाल ही में चेंगदू (Chengdu) के एयरबेस से उड़ान भरते हुए देखा गया. हालांकि खास बात ये सामने आई है चीन ने टू-सीटर कॉकपिट- 'लो-ऑब्जर्वेबल' कॉन्फ़िगरेशन के साथ पांचवीं पीढ़ी के विमान को और भी घातक बनाया है. ये दुनिया का तीसरा स्टील्थ लड़ाकू विमान है.

J-20 का नया संस्करण चोरी-छिपे उच्च प्रदर्शन वाला सामरिक जेट है जिसमें एक के बजाय टू सीटर कॉकपिट है. दरअसल जे -20 के मुख्य डिजाइनर यांग वेई ने ट्रेनर संस्करण को खारिज कर दिया है. इसीलिए दो चालक दल की अवधारणा पर काम किया गया. इसका फायदा ये है कि मुख्य पायलट पूरी तरह से सैन्य संपत्तियों के संचालन पर ध्यान केंद्रित रखेगा. सह-पायलट स्वायत्त ड्रोन और अन्य पेलोड का संचालन कर सकता है. वह आधुनिक सैन्य युद्ध को अज्ञात क्षेत्रों में ले जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि तकनीक में भविष्य के युद्ध लड़ने के तरीके को बदलने की क्षमता है.

तीसरा स्टील्थ लड़ाकू विमान
एफ-22 और एफ-35 के बाद तैनात होने वाला ये तीसरा विमान है जो स्टील्थ लड़ाकू विमान है. अमेरिका पहले से ही इन स्टील्थ लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहा है. उधर, चीन FC-31 (जिसे J-31 भी कहा जाता है) है ट्विन-सीटर मध्यम आकार वाले स्टील्थ फाइटर पर काम कर रहा है. माना जाता है कि यह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के आगामी विमानवाहक पोत के लिए है, जो 2024 तक उसे मिल जाएगा.

J-20 के अलावा और FC-31 को तेजी से बनाया जा रहा है. इसकी संभावित रेंज 8,500 किमी से अधिक होगी. यह पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों को संचालित करने की क्षमता वाला होगा.

स्टील्थ की बात की जाए तो हाल ही में अनावरण किया गया GJ-11 'शार्प स्वॉर्ड' स्टील्थ सशस्त्र टोही ड्रोन है, जो कथित तौर पर दुनिया में सबसे अत्याधुनिक यूएवी है. 4 मीटर के पंख वाली GJ-11 की रेंज 4,000 किमी है. इसकी सर्वाधिक रफ्तार 1,000 किमी की है. यह एक पेलोड है जिसमें निर्देशित सटीक हथियार और भारी हथियार दोनों शामिल हैं.

पेंटागन की रिपोर्ट में क्या
पेंटागन की हाल ही में जारी रिपोर्ट 'मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' के मुताबिक पीएलएएएफ एक नए स्टील्थ स्ट्रैटेजिक बॉम्बर के विकास के साथ अपनी पावर प्रोजेक्शन क्षमता का विस्तार कर रहा है. इस नए स्टील्थ बॉम्बर में परमाणु क्षमता भी होगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलएएएफ क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों पर प्रहार करने के लिए नए मध्यम और लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर भी विकसित कर रहा है. PLAAF नेताओं ने सार्वजनिक रूप से 2016 में कार्यक्रम की घोषणा की थी हालांकि इस प्रकार के उन्नत बॉम्बर को विकसित करने में एक दशक से अधिक समय लग सकता है.

पढ़ें- चीन ने हॉटन हवाई पट्टी पर तैनात किए जे-20 लड़ाकू विमान

PLAAF और पीएलए नेवल एविएशन मिलकर लगभग 2,250 लड़ाकू विमानों का संचालन करते हैं जिनमें लड़ाकू, रणनीतिक बमवर्षक, सामरिक बमवर्षक, बहु-मिशन सामरिक और हमले वाले विमान शामिल हैं. यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी विमानन शक्ति है. 355 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों के साथ पीएलए नेवल एविएशन ( PLAN) संख्या में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. ये 2030 तक जहाजों की संख्या 460 तक बढ़ने की महत्वाकांक्षा रखती है.

पढ़ें- चीन से सटे इलाके में 14000 फीट की ऊंचाई पर -20 डिग्री तापमान के बीच भारतीय सेना का अभ्यास

नई दिल्ली : पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) के J-20 फाइटर को हाल ही में चेंगदू (Chengdu) के एयरबेस से उड़ान भरते हुए देखा गया. हालांकि खास बात ये सामने आई है चीन ने टू-सीटर कॉकपिट- 'लो-ऑब्जर्वेबल' कॉन्फ़िगरेशन के साथ पांचवीं पीढ़ी के विमान को और भी घातक बनाया है. ये दुनिया का तीसरा स्टील्थ लड़ाकू विमान है.

J-20 का नया संस्करण चोरी-छिपे उच्च प्रदर्शन वाला सामरिक जेट है जिसमें एक के बजाय टू सीटर कॉकपिट है. दरअसल जे -20 के मुख्य डिजाइनर यांग वेई ने ट्रेनर संस्करण को खारिज कर दिया है. इसीलिए दो चालक दल की अवधारणा पर काम किया गया. इसका फायदा ये है कि मुख्य पायलट पूरी तरह से सैन्य संपत्तियों के संचालन पर ध्यान केंद्रित रखेगा. सह-पायलट स्वायत्त ड्रोन और अन्य पेलोड का संचालन कर सकता है. वह आधुनिक सैन्य युद्ध को अज्ञात क्षेत्रों में ले जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि तकनीक में भविष्य के युद्ध लड़ने के तरीके को बदलने की क्षमता है.

तीसरा स्टील्थ लड़ाकू विमान
एफ-22 और एफ-35 के बाद तैनात होने वाला ये तीसरा विमान है जो स्टील्थ लड़ाकू विमान है. अमेरिका पहले से ही इन स्टील्थ लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहा है. उधर, चीन FC-31 (जिसे J-31 भी कहा जाता है) है ट्विन-सीटर मध्यम आकार वाले स्टील्थ फाइटर पर काम कर रहा है. माना जाता है कि यह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के आगामी विमानवाहक पोत के लिए है, जो 2024 तक उसे मिल जाएगा.

J-20 के अलावा और FC-31 को तेजी से बनाया जा रहा है. इसकी संभावित रेंज 8,500 किमी से अधिक होगी. यह पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों को संचालित करने की क्षमता वाला होगा.

स्टील्थ की बात की जाए तो हाल ही में अनावरण किया गया GJ-11 'शार्प स्वॉर्ड' स्टील्थ सशस्त्र टोही ड्रोन है, जो कथित तौर पर दुनिया में सबसे अत्याधुनिक यूएवी है. 4 मीटर के पंख वाली GJ-11 की रेंज 4,000 किमी है. इसकी सर्वाधिक रफ्तार 1,000 किमी की है. यह एक पेलोड है जिसमें निर्देशित सटीक हथियार और भारी हथियार दोनों शामिल हैं.

पेंटागन की रिपोर्ट में क्या
पेंटागन की हाल ही में जारी रिपोर्ट 'मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' के मुताबिक पीएलएएएफ एक नए स्टील्थ स्ट्रैटेजिक बॉम्बर के विकास के साथ अपनी पावर प्रोजेक्शन क्षमता का विस्तार कर रहा है. इस नए स्टील्थ बॉम्बर में परमाणु क्षमता भी होगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलएएएफ क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों पर प्रहार करने के लिए नए मध्यम और लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर भी विकसित कर रहा है. PLAAF नेताओं ने सार्वजनिक रूप से 2016 में कार्यक्रम की घोषणा की थी हालांकि इस प्रकार के उन्नत बॉम्बर को विकसित करने में एक दशक से अधिक समय लग सकता है.

पढ़ें- चीन ने हॉटन हवाई पट्टी पर तैनात किए जे-20 लड़ाकू विमान

PLAAF और पीएलए नेवल एविएशन मिलकर लगभग 2,250 लड़ाकू विमानों का संचालन करते हैं जिनमें लड़ाकू, रणनीतिक बमवर्षक, सामरिक बमवर्षक, बहु-मिशन सामरिक और हमले वाले विमान शामिल हैं. यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी विमानन शक्ति है. 355 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों के साथ पीएलए नेवल एविएशन ( PLAN) संख्या में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. ये 2030 तक जहाजों की संख्या 460 तक बढ़ने की महत्वाकांक्षा रखती है.

पढ़ें- चीन से सटे इलाके में 14000 फीट की ऊंचाई पर -20 डिग्री तापमान के बीच भारतीय सेना का अभ्यास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.