नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित लगभग दो अरब डॉलर के घोटाले में वांछित नीरव मोदी द्वारा भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर की गई अपील ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है. इस तरह वह प्रत्यर्पण रोकने संबंधी अपील के पहले चरण में अपनी लड़ाई हार गया है और अब उसके पास मौखिक सुनवाई के वास्ते नए सिरे से अपील दायर करने के लिए केवल पांच दिन का समय है.
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था जो धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में वांछित है. नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि हमने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के कल के फैसले को देखा है जो प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ उसकी (नीरव) अपील के खिलाफ था. उन्होंने कहा कि हम उसे न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए उसके जल्द भारत प्रत्यर्पण को लेकर प्रयास जारी रखेंगे.
वांछित हीरा कारोबार मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि भारतीय पक्ष डोमिनिका के प्रशासन के सम्पर्क में है जहां उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास अभी तत्काल कोई अन्य जानकारी नहीं है. गौरतलब है कि डोमिनिका की मजिस्ट्रेट अदालत ने कथित तौर पर अवैध रूप से डोमिनिका में प्रवेश को लेकर मेहुल चोकसी के खिलाफ सुनवाई 25 जून तक स्थगित कर दी है.
स्थानीय मीडिया ने पिछले सप्ताह यह जानकारी दी थी. चोकसी, नीरव मोदी का रिश्तेदार है और पीएनबी बैंक घोटाला सामने आने से कुछ सप्ताह पूर्व दोनों जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे. नीरव मोदी यूरोप होते हुए अंतत: ब्रिटेन पहुंच गया जहां उसे भारत प्रत्यर्पण को लेकर अदालती मामले का सामना करना पड़ा.
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वहीं, चोकसी ने एंटिगुआ एवं बारबूडा की नागरिकता ले ली थी. चोकसी 23 मई को रहस्यमय तरीके से एंटिगुआ एवं बरबूडा से गायब हो गया और उसके अगले दिन पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने को लेकर उसे हिरासत में ले लिया गया.
(पीटीआई-भाषा)