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जानिए कहां पर अग्नि समाधि के लिए क्यों मजबूर हुई विधवा महिलाएं?

रायपुर में गुरुवार को बड़ी संख्या में विधवा महिलाओं ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने अग्नि समाधि (fire mausoleum) में बैठकर जान देने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से उन्हें रोक दिया.

रायपुर
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Published : Sep 9, 2021, 7:05 PM IST

रायपुरः 52 दिनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षक (panchayat teacher) की विधवा और उनके परिजनों ने अग्नि समाधि (fire mausoleum) में अपनी जान देने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस बल के द्वारा समाधि स्थल को तोड़ा और पानी डालकर आग को बुझाया.

काफी देर तक अनुकंपा संघ और पुलिस (Compassionate Union and Police) के बीच बहस और झूमझटकी हुई. अनुकंपा संघ की विधवाओं की मांग है कि जब तक सरकार (Government) उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक वह इस तरह का प्रदर्शन करती रहेंगी. इसके पहले शनिवार को राजधानी में कफन ओढ़कर महिलाओं ने प्रदर्शन किया था.

अनुकंपा नियुक्ति के लिए विधवा महिलाओं ने प्रदर्शन किया.

राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार को दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा और उनके परिजनों ने अग्नि समाधि बना कर दो विधवा महिलाओं उस पर बिठाया था. नीचे आग जल रही थी जिसके बाद पुलिस ने उस आग को बुझाया. समाधि पर बैठी इन महिलाओं का कहना है कि सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी ऐसे में हम तो सामान्य हैं और विधवा भी हैं.

उन्होंने कहा कि लगातार 52 दिनों से आज तीजा उपवास के दिन प्रदर्शन (Teeja fasting day performance) कर रही हैं, बावजूद इसके सरकार (Government) के द्वारा कोई सुधि नहीं लिया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे अनुकंपा संघ का साफ कहना है कि जब तक इनकी अनुकंपा नियुक्ति की मांग पूरी नहीं होगी, प्रदर्शन स्थल (performance venue) से नहीं हटेंगे. गुरुवार का यह प्रदर्शन केवल प्रदर्शन नहीं था बल्कि आने वाले समय में अग्नि समाधि बनाकर अपनी जान तक देने को तैयार हैं.

मंत्रियों के चौखट पर लगा रहे हैं फरियाद

अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार शिक्षा मंत्री (Minister of Education) के पास भी गया लेकिन शिक्षा मंत्री ने इन्हें पंचायत मंत्री (Panchayat Minister) के पास भेज दिया. इस तरह से अनुकंपा संघ एक मंत्री से दूसरे मंत्री और दूसरे मंत्री से तीसरे मंत्री के घर की चौखट पर जा कर फरियाद कर रहा है. बावजूद, इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. विधवाओं का कहना है कि हम सरकार से किसी तरह का कोई नया नौकरी नहीं मांग रहे हैं बल्कि हमारे पति की मृत्यु (husband's death) होने के बाद उनकी जगह पर अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) की मांग कर रहे हैं. शिक्षक की नहीं तो कम से कम नियमों को शिथिल करते हुए चपरासी या बाबू की नौकरी सरकार दे दे.

नियुक्ति को लेकर सरकार के कठोर हैं मानदंड

सरकार ने दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा बता रखी है. इसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मानदंड (hard standards) तय किए गए हैं जिसके चलते उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक (late panchayat teacher) के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी-रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में डीएड, बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे?

संविलियन शिक्षाकर्मियों के परिजनों को ही अनुकंपा नियुक्ति

प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों (panchayat teachers) के निधन हुए हैं, उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों (dependent families) को सड़क पर उतर कर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

प्रदेश में 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की हैं विधवाएं

छत्तीसगढ़ में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं जो अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड (D.Ed), बीएड (B.Ed) और टीईटी (Tet) की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualifications) के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी (Class III and IV) या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों, ग्राम पंचायत में सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए.

ये भी पढ़ें- यहां सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा रहे IAS अधिकारी, जानिए वजह

रायपुरः 52 दिनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षक (panchayat teacher) की विधवा और उनके परिजनों ने अग्नि समाधि (fire mausoleum) में अपनी जान देने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस बल के द्वारा समाधि स्थल को तोड़ा और पानी डालकर आग को बुझाया.

काफी देर तक अनुकंपा संघ और पुलिस (Compassionate Union and Police) के बीच बहस और झूमझटकी हुई. अनुकंपा संघ की विधवाओं की मांग है कि जब तक सरकार (Government) उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक वह इस तरह का प्रदर्शन करती रहेंगी. इसके पहले शनिवार को राजधानी में कफन ओढ़कर महिलाओं ने प्रदर्शन किया था.

अनुकंपा नियुक्ति के लिए विधवा महिलाओं ने प्रदर्शन किया.

राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार को दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा और उनके परिजनों ने अग्नि समाधि बना कर दो विधवा महिलाओं उस पर बिठाया था. नीचे आग जल रही थी जिसके बाद पुलिस ने उस आग को बुझाया. समाधि पर बैठी इन महिलाओं का कहना है कि सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी ऐसे में हम तो सामान्य हैं और विधवा भी हैं.

उन्होंने कहा कि लगातार 52 दिनों से आज तीजा उपवास के दिन प्रदर्शन (Teeja fasting day performance) कर रही हैं, बावजूद इसके सरकार (Government) के द्वारा कोई सुधि नहीं लिया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे अनुकंपा संघ का साफ कहना है कि जब तक इनकी अनुकंपा नियुक्ति की मांग पूरी नहीं होगी, प्रदर्शन स्थल (performance venue) से नहीं हटेंगे. गुरुवार का यह प्रदर्शन केवल प्रदर्शन नहीं था बल्कि आने वाले समय में अग्नि समाधि बनाकर अपनी जान तक देने को तैयार हैं.

मंत्रियों के चौखट पर लगा रहे हैं फरियाद

अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार शिक्षा मंत्री (Minister of Education) के पास भी गया लेकिन शिक्षा मंत्री ने इन्हें पंचायत मंत्री (Panchayat Minister) के पास भेज दिया. इस तरह से अनुकंपा संघ एक मंत्री से दूसरे मंत्री और दूसरे मंत्री से तीसरे मंत्री के घर की चौखट पर जा कर फरियाद कर रहा है. बावजूद, इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. विधवाओं का कहना है कि हम सरकार से किसी तरह का कोई नया नौकरी नहीं मांग रहे हैं बल्कि हमारे पति की मृत्यु (husband's death) होने के बाद उनकी जगह पर अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) की मांग कर रहे हैं. शिक्षक की नहीं तो कम से कम नियमों को शिथिल करते हुए चपरासी या बाबू की नौकरी सरकार दे दे.

नियुक्ति को लेकर सरकार के कठोर हैं मानदंड

सरकार ने दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा बता रखी है. इसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मानदंड (hard standards) तय किए गए हैं जिसके चलते उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक (late panchayat teacher) के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी-रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में डीएड, बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे?

संविलियन शिक्षाकर्मियों के परिजनों को ही अनुकंपा नियुक्ति

प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों (panchayat teachers) के निधन हुए हैं, उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों (dependent families) को सड़क पर उतर कर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

प्रदेश में 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की हैं विधवाएं

छत्तीसगढ़ में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं जो अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड (D.Ed), बीएड (B.Ed) और टीईटी (Tet) की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualifications) के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी (Class III and IV) या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों, ग्राम पंचायत में सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए.

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