नरेंद्रपुर (पश्चिम बंगाल): एक नवजात की कीमत 2 लाख! पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 पीजी के कस्बे नरेंद्रपुर में पुलिस ने नवजात को कथित रूप से बेचने के आरोप में बच्चे की मां सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया. एक स्थानीय निवासी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार किए गए लोगों में बच्चे की मां, मध्यस्थता करने वाले दंपति और बच्चे को खरीदने वाली महिला शामिल है.
नवजात को क्यों बेचना चाहती थी मां? : शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पता चला कि महिला के पति की काफी पहले मौत हो चुकी है. इसके बाद उसके दूसरे व्यक्ति से संबंध हो गए. उस अफेयर की वजह से वह गर्भवती हो गई. जब उसके पड़ोसियों को घटना का पता चला तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया. इसके बाद महिला ने अजन्मे बच्चे को नष्ट करने का फैसला किया.
पुलिस के मुताबिक मामले की जानकारी तापस मंडल और शांति मंडल नाम के दंपति को हुई. इसके बाद शांति ने पंचसायर इलाके की रहने वाली झूमा माझी को फोन किया. चूंकि झूमा की कोई संतान नहीं थी इसलिए शांति ने उसे गोद लेने के लिए मना लिया. प्रक्रिया चलती रही. झूमा ने बच्चे को 2 लाख रुपये में खरीदा और 11 दिन के नवजात को घर ले आई. उस पैसे की व्यवस्था करने के लिए उसने अपनी जमीन भी बेच दी.
यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ में सभी ने घटना से इनकार किया. मां के मुताबिक, उसने अपने बच्चे को नहीं बेचा. उसने अपने बच्चे को उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसे दे दिया. झूमा भी यही बात दोहराती है.
उसका कहना है कि 'मैंने बच्चा नहीं खरीदा. मैंने बच्चे का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए उसे गोद लिया. दूसरी ओर, यह महिला (बेबी की मां) आर्थिक समस्या से जूझ रही है. इसके लिए मैंने उसे 2 लाख रुपये दिए. बच्चे के लिए नहीं.'
इस प्रक्रिया में मध्यस्थता करने वाले दंपति का भी दावा है कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है. उन्होंने सिर्फ झूमा की मदद करने की कोशिश की. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इसके पीछे कोई बाल तस्करी गिरोह है.