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खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर पर पहुंची - retail inflation

सब्जी, मांस, मछली जैसे खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation ) बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गयी. खुदरा महंगाई दर (retail inflation rate) का यह स्तर रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे से थोड़ा ऊपर है.

retail inflation
खुदरा मुद्रास्फीति
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Published : Feb 15, 2022, 7:21 PM IST

नई दिल्ली : सब्जी, मांस, मछली जैसे खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गयी. जारी किए गए आधिकारिक आंकड़े के अनुसार तेल और वसा खंड में खुदरा मुद्रास्फीति 18.7 प्रतिशत रही. ईंधन एवं प्रकाश, कपड़ा और जूता-चप्पल (फुटवियर) तथा परिवहन एवं संचार क्षेत्रों समेत अन्य खंडों में महंगाई दर सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़ी.

इस बीच दिसंबर 2021 की मुद्रास्फीति के आंकड़े को 5.59 प्रतिशत से संशोधित कर 5.66 प्रतिशत कर दिया गया है. जनवरी 2021 में यह 4.06 प्रतिशत थी. इससे पहले जून 2021 में मुद्रास्फीति 6.26 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के जारी मुद्रास्फीति आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी 2022 में 5.43 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 4.05 प्रतिशत थी. अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई दर बढ़कर जनवरी में 3.39 प्रतिशत रही जो दिसंबर 2021 में 2.62 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार मांस और मछली श्रेणी में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.47 प्रतिशत रही जो पिछले महीने 4.58 प्रतिशत थी. सब्जियों के मामले में महंगाई दर बढ़कर 5.19 प्रतिशत हो गयी जबकि दिसंबर में इसमें 2.99 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. हालांकि तेल एवं वसा खंड में महंगाई दर नरम होकर 18.70 प्रतिशत रही. ईंधन अैर प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति कम होकर 9.32 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 10.95 प्रतिशत थी.

रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.

क्यों बढ़ रही खुदरा मुद्रास्फीति?

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार उच्च खुदरा मुद्रास्फीति का जोर उच्च खाद्य और पेय मुद्रास्फीति से आया. जो दिसंबर 2021 में 4.47% से बढ़कर 5.58%, 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया. सिन्हा कहते हैं कि हालांकि खाद्य तेल, फल, मिष्ठान्न और गैर-मादक पेय और तैयार भोजन जैसे कुछ खाद्य पदार्थों में पिछले साल दिसंबर में उनकी कीमतों की तुलना में इस साल जनवरी में मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई.

यह भी पढ़ें- शेयर बाजार : सेंसेक्स ने एक दिन पहले के नुकसान की भरपाई की, 1,736 अंक चढ़ा

अनाज, मांस जैसे कई अन्य सामान, अंडा, सब्जियां और दालें व अन्य चीजों के अलावा जनवरी में कीमतों में वृद्धि देखी गई. सिन्हा बताते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि अब घरेलू सामान और सेवाओं ने एक संरचनात्मक मोड़ ले लिया है. कपास की ऊंची कीमतों के कारण कपड़ों और जूतों की मुद्रास्फीति अब 97 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसी तरह घरेलू सामान और सेवाओं में मुद्रास्फीति 7.1% थी जो इस साल जनवरी में 94 महीने के उच्चतम स्तर पर थी.

नई दिल्ली : सब्जी, मांस, मछली जैसे खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गयी. जारी किए गए आधिकारिक आंकड़े के अनुसार तेल और वसा खंड में खुदरा मुद्रास्फीति 18.7 प्रतिशत रही. ईंधन एवं प्रकाश, कपड़ा और जूता-चप्पल (फुटवियर) तथा परिवहन एवं संचार क्षेत्रों समेत अन्य खंडों में महंगाई दर सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़ी.

इस बीच दिसंबर 2021 की मुद्रास्फीति के आंकड़े को 5.59 प्रतिशत से संशोधित कर 5.66 प्रतिशत कर दिया गया है. जनवरी 2021 में यह 4.06 प्रतिशत थी. इससे पहले जून 2021 में मुद्रास्फीति 6.26 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के जारी मुद्रास्फीति आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी 2022 में 5.43 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 4.05 प्रतिशत थी. अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई दर बढ़कर जनवरी में 3.39 प्रतिशत रही जो दिसंबर 2021 में 2.62 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार मांस और मछली श्रेणी में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.47 प्रतिशत रही जो पिछले महीने 4.58 प्रतिशत थी. सब्जियों के मामले में महंगाई दर बढ़कर 5.19 प्रतिशत हो गयी जबकि दिसंबर में इसमें 2.99 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. हालांकि तेल एवं वसा खंड में महंगाई दर नरम होकर 18.70 प्रतिशत रही. ईंधन अैर प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति कम होकर 9.32 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 10.95 प्रतिशत थी.

रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.

क्यों बढ़ रही खुदरा मुद्रास्फीति?

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार उच्च खुदरा मुद्रास्फीति का जोर उच्च खाद्य और पेय मुद्रास्फीति से आया. जो दिसंबर 2021 में 4.47% से बढ़कर 5.58%, 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया. सिन्हा कहते हैं कि हालांकि खाद्य तेल, फल, मिष्ठान्न और गैर-मादक पेय और तैयार भोजन जैसे कुछ खाद्य पदार्थों में पिछले साल दिसंबर में उनकी कीमतों की तुलना में इस साल जनवरी में मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई.

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अनाज, मांस जैसे कई अन्य सामान, अंडा, सब्जियां और दालें व अन्य चीजों के अलावा जनवरी में कीमतों में वृद्धि देखी गई. सिन्हा बताते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि अब घरेलू सामान और सेवाओं ने एक संरचनात्मक मोड़ ले लिया है. कपास की ऊंची कीमतों के कारण कपड़ों और जूतों की मुद्रास्फीति अब 97 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसी तरह घरेलू सामान और सेवाओं में मुद्रास्फीति 7.1% थी जो इस साल जनवरी में 94 महीने के उच्चतम स्तर पर थी.

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