नई दिल्ली : फसल सीजन 2021-22 के फसलों के उत्पादन को लेकर तीसरा पूर्वानुमान आ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार देश में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 314.51 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 की तुलना में 3.77 मिलियन टन अधिक है, लेकिन गेहूं का प्रोडक्शन 106.41 मिलियन टन ही रहेगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत कम है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि गर्मी के जल्दी शुरू होने के कारण इस साल गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ा है. यह पिछले सीजन के हिसाब से तीन फीसदी कम है. राहत की बात यह है कि उपज अनुमान से कम होने के बावजूद उत्पादन का औसत पिछले पांच साल के मुकाबले ज्यादा है. 2021-22 के दौरान गेहूं का उत्पादन 106.41 मिलियन टन होने का अनुमान है. जबकि पिछले पांच साल का औसत 103.88 मिलियन टन है. इस हिसाब से 2.53 मिलियन टन अधिक गेहूं का उत्पादन ज्यादा हुआ है. बता दें कि पहले अनुमान लगाया गया था कि इस सीजन में 111 मिलियन टन गेहूं का प्रोडक्शन हो सकता है.
कृषि विभाग के मुताबिक, इस साल 2021-22 में फसलों के कुल प्रोडक्शन में पिछले पांच साल के मुकाबले 23.80 मिलियन टन की बढ़ोतरी हुई है. अनुमान है कि इस साल चावल, मक्का, दलहन, तिलहन, चना, रेपसीड और सरसों और गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. कृषि मंत्री ने कहा कि इतनी सारी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ किसानों की अथक मेहनत और वैज्ञानिकों की लगन का परिणाम है.
2021-22 के दौरान प्रमुख फसलों का अनुमानित उत्पादन का आकलन राज्यों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है . पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल 314.51 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हो सकता है. इस साल 129.66 मिलियन टन चावल, 33.18 मिलियन टन मक्का, 11.75 मिलियन टन सरसों का उत्पादन होने की संभावना है, जो एक नया रिकॉर्ड है. इसके अलावा 27.25 मिलियन टन दाल, 38.50 मिलियन टन तेलहन का उत्पादन होने की उम्मीद जताई गई है. कृषि मंत्री के अनुसार, इस बार गन्ने का पैदावार भी रेकॉर्ड स्तर पर हुआ है, जो अनुमान के मुताबिक 430.50 मिलियन टन है.
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