तिरुवनंतपुरम: केरल के तिरुवनंतपुरम में थंपनूर पुलिस स्टेशन के SHO समेत अन्य पुलिस अधिकारी उस समय हैरान रह गये, जब उन्होंने हिंदी में 'मुझे बचाओ' की गुहार सुनी. यह पश्चिम बंगाल का एक प्रवासी मजदूर बिरशु रंबा था, जो मदद मांगने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचा था. पहले तो पुलिस को लगा कि उसका कोई पीछा कर रहा है लेकिन पुलिस को हकीकत जानने में ज्यादा देर नहीं लगी. दरअसल, बिरशु रंबा ने एक करोड़ की लॉटरी जीती है. इसलिए मजदूर को जान का खतरा सता रहा है.
प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसने फिफ्टी-फिफ्टी केरल लॉटरी (एक करोड़) जीती है. पुलिस के लिए यह अविश्वसनीय था. थानेदार ने बिरशू के हाथ से टिकट लेकर जांच की और पुष्टि की कि यह प्रथम पुरस्कार का टिकट है. इसलिए पश्चिम बंगाल का मूल निवासी बिरशू रंबा था, जो बुधवार को तिरुवनंतपुरम शहर के एक पुलिस स्टेशन में मदद मांगने पहुंचा था.
बिरशु रंबा ने बताया कि सोमवार को थंपनूर में एक लॉटरी टिकट विक्रेता से लॉटरी खरीदी थी. बुधवार शाम को वह लॉटरी का रिजल्ट जानने के लिए दोबारा विक्रेता के पास गया. फिफ्टी-फिफ्टी लॉटरी के 55वें खंड के विजेता नंबरों का निरीक्षण करते समय विक्रेता भी यह जानकर दंग रह गया कि प्रवासी श्रमिक एक करोड़ (1 करोड़) का विजेता है. उसने बिरशू रंबा को बताया कि उसकी लॉटरी में एक करोड़ का इनाम निकला है. विक्रेता ने उन्हें पुलिस सुरक्षा लेने की भी सलाह दी.
रंबा का उत्साह अधिक समय तक नहीं रहा. साथ ही चिंता हुई कि लॉटरी के लिए कोई उसे नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए उसने पुलिस स्टेशन में शरण लेने का फैसला किया. वह भागकर पास के थंपनूर पुलिस स्टेशन गया और पुलिस से गुहार लगाई कि उसे सुरक्षा की जरूरत है. उन्होंने लॉटरी अधिकारियों को लॉटरी सौंपने के लिए पुलिस सहायता का भी अनुरोध किया. इस पर एसएचओ ने बिरशु रंबा को सुरक्षा का आश्वासन भी दिया. केरल पुलिस ने खुद अपने FB पेज पर बिरशु रंबा की कहानी शेयर की है.
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तीन महीने पहले भी हुई थी घटना: तीन महीने पहले भी पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी श्रमिक बदेस ने केरल में 75 लाख रुपये की लॉटरी जीतने के बाद पुलिस स्टेशन में शरण मांगी थी. बदेस को यह भी डर था कि कहीं कोई इतनी बड़ी रकम का टिकट चुरा न ले. उसने पुलिस से उसे और लॉटरी टिकट को बचाने की गुहार लगाई थी.