नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को संपन्न हो गया. 7वीं विधानसभा का अंतिम सत्र 4 दिसंबर को संपन्न हुआ, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने विधायकों के साथ इस 5 वर्षों की यात्रा को यादगार बताया है. विधानसभा की पहली बैठक 24 फरवरी 2020 को आयोजित की गई थी और अब तक कुल 74 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में सदस्यों द्वारा किए गए विधायी कार्यों की सराहना की. पाँच वर्षों की अवधि में सदन में कुल 1095 प्रश्न सूचीबद्ध किए गए, जिससे विधायकों को प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछने का भरपूर अवसर मिला. विशेष उल्लेख के 702 मामले उठाए गए और 26 विधेयकों को पारित किया गया. इसके अलावा, 04 सरकारी संकल्प, 14 अन्य संकल्प और 13 प्रस्ताव भी पारित किए गए. वहीं, सदन में अल्पकालिक चर्चाओं की संख्या 39 रही, जबकि 13 ध्यानाकर्षण विषयों पर चर्चा हुई.
विधानसभा की विभिन्न समितियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनकी 19 रिपोर्ट प्रस्तुत और स्वीकृत की गई. सीमित अधिकारों और केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभा होने के बावजूद, इस अवधि में उल्लेखनीय कार्य हुए. विधानसभा अध्यक्ष ने निष्पक्ष रूप से सदन का संचालन करने का दावा किया.
स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि ''मैंने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को समान महत्व दिया और सदन के समय का अधिकतम सदुपयोग करना अपना मुख्य दायित्व समझा. यदि किसी को मेरी कार्यशैली से ठेस पहुँची हो, तो मैं इसे व्यक्तिगत न लेने की अपील करता हूं. अध्यक्ष ने सभी विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से यह कार्यकाल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.''
राम निवास गोयल ने इस ऐतिहासिक अवसर को भावुक पल बताते हुए कहा कि यह हम सबके लिए एक यादगार क्षण है. आज इस विधानसभा का आखिरी सत्र है और इसके बाद हम आगामी चुनावों की तैयारी में लग जाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को उनके आगामी राजनीतिक जीवन के लिए शुभकामनाएँ दीं, जिससे इस सत्र का समापन एक सकारात्मक और उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ.
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