कोलकाता : पर्सनल प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel Training) के पूर्व मुख्य सचिव (former chief secretary) अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandopadhyay) को केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पेनल्टी प्रोसीडिंग (penalty proceeding) के नोटिस को लेकर लगता है केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) आमने सामने आ गई हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (chief minister Mamata Banerjee) ने बुधवार को कहा कि इस संकट में वह और उनकी सरकार बंदोपाध्याय के साथ हैं. बंदोपाध्याय वर्तमान में राज्य सरकार के मुख्य सलाहकार (chief advisor) हैं.
मुख्यमंत्री (chief minister) ने बुधवार को राज्य सचिवालय (state secretariat) में मीडियाकर्मियों से कहा, 'क्या केंद्र सरकार (Union government) को अलपन जैसा कुशल अधिकारी मिलेगा. यह सिर्फ उनके खिलाफ युद्ध नहीं है. यह देश के कोने-कोने के तमाम नौकरशाहों के खिलाफ जंग है. मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार को एक दिन अपनी गलती का एहसास होगा.'
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि राज्य सरकार इस संघर्ष में अलपन बंदोपाध्याय के साथ कैसे खड़ी होगी?
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'मुझे बताया गया है कि कानूनी विकल्प मौजूद हैं, जो अलपन को लेने होगें, अलपन को हमारा पूरा समर्थन रहेगा.'
यह पहला मौका है जब सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले पर कुछ कहा है, हालांकि तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी और नोटिस को बदले की राजनीति करार दिया था.
पढ़ें - टीएमसी-कांग्रेस-लेफ्ट एक साथ, कहा- अलपन को नोटिस 'बदले की भावना' से प्रेरित
उन्होंने दावा किया कि प्रोसिडिंग की धमकी देकर केंद्र सरकार राज्य सरकार को यह मैसेज देनी की कोशिश कर रही है और वह राज्य में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार से हताश है.
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) की टीम बुधवार को पश्चिम बंगाल पहुंची. चुनाव के बाद की हिंसा (post poll violence) की शिकायतों की पृष्ठभूमि में स्थिति की समीक्षा करने के लिए उन्हें विभिन्न स्थानों का दौरा करना चाहिए.