कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. अगर वह अगले 55 दिनों में विधायक नहीं बनीं, तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना होगा. ममता को उनके ही पुराने सिपहसालार भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने हराया था.
ममता ने नंदीग्राम सीट से हुए चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन आज अदालत ने इस मामले की अगली तारीख 15 नवंबर तय कर दी. ऐसे में उनके सामने और कोई भी विकल्प नहीं बचा है. ममता को 5 नवंबर तक विधायक बनना होगा.
टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से गुहार लगा रही है कि खाली सीटों पर उपचुनाव करवाए जाएं. लेकिन आयोग कोरोना महामारी का हवाला देकर चुनाव की तारीखों का एलान नहीं कर रहा है.
आपको बता दें कि ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट भवानीपुर रही है. लेकिन इस बार उन्होंने शुभेंदु का मुकाबला करने के लिए नंदीग्राम सीट को चुना था. भवानीपुर से टीएमसी के शोभनदेव चट्टोपाध्याय विधायक बने थे. वे यहां से इस्तीफा दे चुके हैं. माना जा रहा है कि ममता इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी.
ममता और उनकी पार्टी टीएमसी का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में फैसला नहीं ले रहा है.