कोलकाता : चुनावी प्रक्रिया को 'लोकतंत्र का मजाक' करार देने वाली विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा के विरोध में पश्चिम बंगाल में आज 12 घंटे बंद का आह्वान किया है (west bengal bjp calls for 12 hour bandh today). इसी के अंतर्गत आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने हुगली रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक समेत अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्षी दल हार को भांपते हुए बहाने खोजने की कोशिश कर रहे हैं. कड़ी सुरक्षा और कोविड-19 दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के बीच रविवार शाम 5 बजे तक 95.6 लाख मतदाताओं में से 76.51 प्रतिशत ने 2,000 से अधिक वार्ड में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. राज्य चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आई हैं. कुछ शिकायतें मिली हैं. हमने कुछ क्षेत्रों में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की. वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि वह किसी भी तरह के बंद या हड़ताल की अनुमति नहीं देगी.
डीजीपी ने कहा, मतदान शांतिपूर्ण रहा
पश्चिम बंगाल के डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान ‘किसी की मौत या गोली चलने’ की कोई खबर नहीं है. मालवीय ने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं और पुलिस ने हिंसा के सभी मामलों में कार्रवाई की है.
हालांकि उत्तर से दक्षिण तक बंगाल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हिंसा, धांधली की घटनाएं और पुलिस के साथ झड़पें की खबरें हैं. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, रविवार को जो हुआ, वह मतदान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मजाक था.’’ उन्होंने कहा कि दक्षिण से उत्तर बंगाल की हर नगरपालिका में सत्ताधारी दल के गुंडों द्वारा चुनावों को तमाशा बना दिया गया, इसलिए सोमवार को इसके विरोध में 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया गया है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने स्थिति से अवगत कराने को कहा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास को आज सुबह स्थिति से अवगत कराने के लिए तलब किया है. उत्तरी दिनाजपुर जिले के दलखोला क्षेत्र में तृणमूल समर्थकों द्वारा धांधली के आरोपों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस के साथ भिड़ गए. उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
पुलिस ने जब टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा कथित अनियमितता को रोकने की कोशिश की तो मुर्शिदाबाद जिले के धुलियां नगरपालिका क्षेत्र में हिंसा और झड़प की सूचना मिली. पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर और ईंट फेंकी, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. उत्तर 24 परगना के भाटपारा नगर पालिका में स्थिति तनावपूर्ण थी, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच छिटपुट झड़पें हुईं. भाजपा के एक उम्मीदवार ने एक वार्ड में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों पर धांधली का आरोप लगाते हुए एक ईवीएम तोड़ दी. तृणमूल ने गड़बड़ी के आरोपों से इनकार किया है. उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी इलाके में उस समय हंगामा हो गया जब बाइक सवार बदमाशों ने मतदाताओं को डराने के लिए इलाके में बम फेंके. गुस्साए स्थानीय लोगों ने जवाबी कार्रवाई में कुछ बदमाशों की पिटाई की और कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की. राज्य के कई हिस्सों में अज्ञात गुंडों ने ईवीएम को नष्ट कर दिया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (congress leader adhir ranjan chowdhury) को मुर्शिदाबाद जिले में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भागते देखा गया, क्योंकि मीडिया में कांग्रेस और वाम दलों के उम्मीदवारों की पिटाई की खबरें सामने आईं. बहरामपुर नगर पालिका में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौधरी की कार के सामने आंदोलन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि वह तृणमूल कांग्रेस के मतदान एजेंटों को धमकाने और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे थे. चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया. उत्तर 24 परगना के विभिन्न नगरपालिका क्षेत्रों में मोटरसाइकिल सवार राजनीतिक कार्यकर्ता सड़कों पर घूमते रहे और कथित तौर पर मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जाने से रोका. यहां तक कि निकाय चुनावों को कवर करने वाले मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्शा गया, क्योंकि कई पत्रकारों, फोटोग्राफरों और कैमरामैन को पीटा गया. कुछ पत्रकार अस्पताल में भर्ती हैं. हुगली जिले के आरामबाग इलाके में वाम मोर्चा के उम्मीदवारों को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े गुंडों द्वारा पीटा गया, लेकिन सत्तारूढ़ दल ने इस आरोप से इनकार किया. राज्य भर में हिंसा के बाद भाजपा ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक एक मार्च निकाला, जबकि कांग्रेस ने एसईसी के कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका.
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व्यापक हिंसा के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, "यदि विपक्षी दलों के पास मतदान एजेंट नहीं हैं, तो हमें दोषी नहीं ठहराया जा सकता, आज की चुनावी हिंसा के लिए विपक्ष को दोषी ठहराया जाना चाहिए. भाजपा ने बंद का आह्वान किया है ताकि कल अशांति सुनिश्चित की जा सके. माकपा ने नगर निकाय चुनावों को तमाशा करार दिया और कहा कि वह सोमवार को राज्यभर में आंदोलन करेगी. मतों की गिनती दो मार्च को होगी.