नई दिल्ली : डीयू के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी (DU Vice-Chancellor Professor PC Joshi) ने कहा है कि हम छात्रों को बोर्ड से प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देंगे. छात्र चाहे किसी भी बोर्ड के हों, उन्हें प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ' अभी तक हमने मेरिट के आधार पर छात्रों को दाखिला दिया है. इस साल भी कोरोना के मद्देनजर हम छात्रों को बोर्ड से प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देंगे. छात्र चाहे वह सीबीएसई (CBSE) हो या अन्य बोर्ड के सभी को बोर्ड से प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University ) उन अंकों का उपयोग करके मेरिट (सूची) जारी करेगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय इस साल 15 जुलाई के आसपास अपनी पंजीकरण प्रक्रिया (registration process) शुरू करेगा, और सभी बोर्डों (राज्य और सीबीएसई) के छात्रों को समान महत्व दिया जाएगा.
कुलपति ने कहा कि बोर्ड के नतीजे घोषित होते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन पिछले वर्षों के विपरीत, इस वर्ष इसमें (प्रवेश) विलंबित होगा.
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सीबीएसई और सीआईएससीई द्वारा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द किये जाने के बाद अधिकारियों ने कहा कि विश्वविद्यालय की दाखिला समिति और अकादमिक परिषद के साथ चर्चा कर स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा.
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रमुख राजीव गुप्ता ने कहा, 'विश्वविद्यालय 15 जुलाई को पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. हमें उम्मीद है कि तब तक अधिकतर बोर्ड न केवल यह तय कर लेंगे कि उन्हें क्या करना है बल्कि वे अपने परिणाम भी घोषित कर देंगे.'
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हर साल, विश्वविद्यालय के कॉलेज पाठ्यक्रमों के लिए कट-ऑफ घोषित करते हैं और मानदंडों को पूरा करने वाले छात्र संबंधित कॉलेजों में आवेदन करते हैं. केन्द्रीय विश्वविद्याल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) पर भी शिक्षा मंत्रालय के फैसले का इंतजार है.
गुप्ता ने कहा, 'मंत्रालय जो कहेगा, हम उसका अनुसरण करेंगे. हम दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के चलते पूरी दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन हुई थी.