नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण 20 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा था. हालांकि, इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है जिससे इस लक्ष्य को अब 2025-26 तक पूरा कर लिया जाएगा. इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (आईएफजीई) - सीबीजी प्रोड्यूसर्स फोरम के वैश्विक सीबीजी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने देश के ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ाने के लिए जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 को अधिसूचित किया है.
शुद्ध शून्य और आयात में कमी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्वदेशी जैव ईंधन का उत्पादन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. हमने 2013-14 में पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण को 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर जुलाई 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया है. इससे 41,500 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत, किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी हुई है. हमने 2030 से 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने के अपने लक्ष्य को भी आगे बढ़ाया है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सीबीजी के उत्पादन से कई लाभ होंगे जैसे प्राकृतिक गैस के आयात में कमी, जीएचजी उत्सर्जन में कमी, कृषि अवशेषों को जलाने में कमी, किसानों को लाभकारी आय प्रदान करना, रोजगार सृजन और प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन. पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 2030 में ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वर्तमान में हम प्राकृतिक गैस की अपनी आवश्यकता का लगभग 50 प्रतिशत आयात कर रहे हैं. सीबीजी के तेजी से विस्तार से घरेलू संसाधनों से हमारी अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत का 2024-25 तक 5000 वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने और 15 एमएमटी सीबीजी का उत्पादन करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जो देश में उपयोग किए जा रहे अन्य गैसीय ईंधनों को प्रतिस्थापित करेगा. अब तक 46 सीबीजी/बायोगैस संयंत्रों को चालू किया गया है और बिक्री की गई है. 100 से अधिक रिटेल आउटलेट्स से शुरू किया गया है.'
(एएनआई)