नई दिल्ली: विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में 18 महीने बाद शामिल हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आतंकवादियों और ड्रग माफिया पर लगने वाला कानून मेरे और अरविंद केजरीवाल पर लगाकर हमें जेल भिजवा दिया. मुझे कस्टडी के दौरान कुछ अफसरों ने बीजेपी के कुकर्मो, कुचक्रों और साजिशों के बारे में भी बताया.
अफसरों ने बताया कि बीजेपी वाले ईडी-सीबीआई के पीछे पड़े थे कि कथित शराब घोटाले को 10 हजार करोड़ का घोटाला बना दो, लेकिन अफसरों ने कहा कि जब किसी के पास से एक चवन्नी नहीं मिली, तो कैसे बना दें? इसलिए आज मैं चोरों की आंख में आंख डालकर कह रहा हूं कि तुम्हें छोड़ेंगे नहीं.
मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों के बयान का हवाला दिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्होंने जो मनोहर कहानियां रची उसमें कुछ नहीं निकला और आगे भी कुछ नहीं निकलेगा. मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं ईडी और सीबीआई की कस्टडी में रहा हूं. कस्टडी में उन बेचारे अफसरों के पास कुछ पूछने के लिए नही होता था. 10-15 मिनट आधे घंटे बात करते थे. 24 घंटे कस्टडी में रखते थे तो मेरे से गप्पे मारते थे, बातें बताते थे. फिर वो भी धीरे-धीरे खुलने लगे और बताने लगे कि उन्हें ये सब क्यों करना पड़ रहा है. बेचारे इज्जत भी करते थे, बोलते थे कि हमारे घर में भी थोड़ी सी दिक्कत है. समझ नहीं आ रहा है, बच्चों को कैसे पढ़ाएं. मैं बैठकर उनके बच्चों को भी गाइड करता था. पूछताछ के नाम पर उन्होंने बहुत बयान लिए. लेकिन उन्होंने जब पूरे आत्मविश्वास के साथ असली मामला बताया तो मैं भी सुनकर चौंक गया. बीजेपी सीबीआई और ईडी दोनों के पीछे पड़ी हुई थी कि किसी भी तरह इस तथाकथित शराब घोटाले को 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला बनाओ. अधिकारियों ने कहा कि 10 हजार करोड़ का घोटाला तो तब बनाएं जब एक चवन्नी भी मिले. यहां तो किसी से यहां चवन्नी भी नहीं मिल रही. कहां से 10 हजार करोड़ का केस बनाएं?
सिसोदिया के सामने अधिकारियों ने किया पर्दाफाश?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि वो मुझे बता देते थे कि अभी हमें आदेश है कि संजय सिंह को भी लाना है. बाद में चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को भी लाना है. उन्होंने मुझे पहले ही सब बता दिया था. बोले कि चुनाव से पहले कुछ करेंगे, ऊपर से जब आदेश आएगा तब करेंगे. जब संजय सिंह को ले गए तो वहां भी सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि अगर हम केस की मेरिट पर चले गए तो तुम्हारा केस बिगड़ जाएगा. इसलिए बेहतर होगा कि इसे जमानत देने दो. थोड़ी देर में ईडी ने भाजपावालों से पूछा और बोला कि हां, देने दो बेल.
एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है बीजेपी
आगे उन्होंने कहा कि देश तो कानून से चलता है, लेकिन भाजपा 75 साल से चले आ रहे कानून से नहीं चलेगी. नेता प्रतिपक्ष को भी इस बात का दुख है. देश में कानून का राज है. इसीलिए इन्होंने विपक्ष के जितने नेताओं पर गैरकानूनी काम किए, उसके लिए इन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से कानूनी गालियां पड़ रही हैं. अब तो लोअर कोर्ट भी इन्हें गालियां देने लगा है. आज सुप्रीम कोर्ट और लोअर कोर्ट एजेंसियों को लताड़ रहे हैं, वह असल में भाजपा को लताड़ रहे हैं. आज पूरे देश में इनकी थू-थू हो रही है कि भाजपा को सत्ता क्या मिल गई, एजेंसियों का खुला दुरुपयोग होने लगा. केवल नेताओं के खिलाफ ही नहीं, देश के व्यापारियों के खिलाफ भी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के लाखों व्यापारियों के खिलाफ बीजेपी ने ईडी को शोषण का अड्डा बना रखा है. पहले पीएमएलए के नोटिस दिलवाते हैं, चार बड़े व्यापारियों को जेल में भेज देते हैं और उसके बाद धमकी देते हैं कि देखों चार बड़े व्यापारी और चार बड़े नेता जेल में डाल रखे हैं, एक साल से निकलने नहीं दिया. आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं वाले कानून लगाकर तुम्हें भी जेल में डाल देंगे नहीं तो चंदा दो. बेचारे व्यापारियों को फिर चंदा देना पड़ता है. व्यापारियों का ऐसा शोषण कर रखा है कि आज कितने हाई नेटवर्थ इनकम वाले व्यापारी देश छोड़ कर चले गए और उनमें से कईयों को पीएमएलए का नोटिस भेजा गया था.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह केवल विपक्षी दलों का सवाल नहीं है. इन्होंने 17 महीने मुझे जेल में रखा. लेकिन इससे असली नुकसान देश और दिल्ली की जनता को हुआ, जिसने भरोसा करके शिक्षा मंत्री बनाया था, मैं स्कूल, अस्पताल बना रहा था, टीचर्स यूनीवर्सिटी, स्पोर्ट्स यूनीवर्सिटी और स्किल यूनिवर्सिटी बनवाई थी. उसका इन्होंने क्या हाल कर रखा है.
AAP विधायकों पर लगाए इतने केस
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्होंने 50 से ज्यादा केस दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर लगा रखे हैं. कई केस मेरे ऊपर भी लगा रखे हैं. लेकिन धीरे-धीरे कई केस खत्म हो गए. अब बाकी केस भी खत्म हो जाएंगे. इन्होंने सत्येंद्र जैन के ऊपर तीन केस लगाए. जिनमें से दो केस खारिज हो गए. अभी एक केस बचा है, वो भी खारिज हो जाएगा. इन्होंने 2012 का एक मामला निकालकर गोपाल राय पर एक केस लगाया. गोपाल राय उससे मुक्त हो गए. ये लोग कानून के राज की बात कर रहे हैं? जरनैल सिंह पर दो केस लगाए, दोनों मामाले खत्म हो गए है. संजीव झा पर तीन केस लगाए, दो में मुक्त हो गए. एक अभी बाकी है उससे भी बाहर आएंगे. ये बता रहे हैं कि कानून का राज है? कौन से कानून की बात कर रहे हैं? ये सारे केस किस कानून में आते हैं? ये बीजेपी के झूठ बोलने और एजेंसियों के दुरुयोग के अलावा किसी और कानून में नहीं आते.
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