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वाजे ने देखमुख पर लगाया आरोप, अदालत ने सीबीआई को पूछताछ के लिए अनुमति दी

एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ के लिए इजाजत दे दी है. वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन मिलने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था.

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Published : Apr 7, 2021, 10:41 PM IST

मुंबई : विशेष एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ के लिए बुधवार को सीबीआई को मंजूरी प्रदान कर दी. वहीं वाजे ने देशमुख और शिवसेना के मंत्री अनिल परब के खिलाफ नए आरोप लगाकर सनसनी फैला दी.

इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने राज्य पुलिस विभाग को सौंपी गयी एक रिपोर्ट में कहा कि सचिन वाजे को पिछले साल जून में तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के जोर देने पर अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में तैनात किया गया था. हालांकि तत्कालीन संयुक्त सीपी (अपराध) ने इस पर आपत्ति जतायी थी.

वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन मिलने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था. वाहन में जिलेटिन की छड़ें रखी थीं.

उस समय से ही सुर्खियों में रहे वाजे ने बुधवार को दावा किया कि देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवाएं जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी. वाजे ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य मंत्री परब ने उससे मुंबई के कुछ ठेकेदारों से पैसे एकत्र करने को कहा था. परब ने वाजे के दावे को खारिज कर दिया.

पिछले साल पुलिस सेवा में बहाल किए गए वाजे ने एक पत्र में सनसनीखेज दावा किया. वाजे ने वह पत्र विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश करने का प्रयास किया, लेकन विशेष न्यायाधीश पीआर सित्रे ने उनके पत्र को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया और उन्हें आवश्यक प्रक्रिया का पालन करने को कहा.

वाजे ने चार पृष्ठों के अपने हस्तलिखित पत्र में दावा किया कि उन्हें छह जून 2020 को सेवा में विधिवत बहाल कर दिया गया, लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि उस फैसले को पलट दिया जाए.

वाजे ने कहा, 'जाहिरा तौर पर तब (राकांपा अध्यक्ष) शरद पवार ने मुझे फिर से निलंबन के तहत रखने का आदेश दिया था. उस समय तत्कालीन गृह मंत्री सर (देशमुख) ने भी मुझसे कहा था कि वह पवार साहब को मना लेंगे और इस उद्देश्य के लिए उन्होंने मुझसे दो करोड़ रुपये देने को कहा.'

वाजे (49) ने कहा, 'मैंने इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने में असमर्थता जताई थी. इस पर गृह मंत्री सर ने मुझे बाद में भुगतान करने को कहा.'

वाजे ने अपने पत्र में दावा किया कि जनवरी 2021 में मंत्री परब ने उन्हें बीएमसी में सूचीबद्ध फर्जी ठेकेदारों के खिलाफ जांच करने और लगभग 50 ऐसे ठेकेदारों से कम से कम दो करोड़ रुपये वसूल करने को कहा.

शिवसेना नेता परब ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. परब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और मेरी दो बेटियों के नाम पर कसम खाता हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है.'

पढ़ें - सचिन वाजे की 'चिट्ठी' वायरल, महाराष्ट्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गठबंधन सरकार की छवि खराब करने के लिए भाजपा की यह रणनीति थी. इस बीच मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को सचिन वाजे की एनआईए हिरासत नौ अप्रैल तक बढ़ा दी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया था.

वाजे को बुधवार को विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के सामने पेश किया गया, जिन्होंने वाजे की हिरासत नौ अप्रैल तक बढ़ा दी.

मुंबई : विशेष एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ के लिए बुधवार को सीबीआई को मंजूरी प्रदान कर दी. वहीं वाजे ने देशमुख और शिवसेना के मंत्री अनिल परब के खिलाफ नए आरोप लगाकर सनसनी फैला दी.

इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने राज्य पुलिस विभाग को सौंपी गयी एक रिपोर्ट में कहा कि सचिन वाजे को पिछले साल जून में तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के जोर देने पर अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में तैनात किया गया था. हालांकि तत्कालीन संयुक्त सीपी (अपराध) ने इस पर आपत्ति जतायी थी.

वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन मिलने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था. वाहन में जिलेटिन की छड़ें रखी थीं.

उस समय से ही सुर्खियों में रहे वाजे ने बुधवार को दावा किया कि देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवाएं जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी. वाजे ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य मंत्री परब ने उससे मुंबई के कुछ ठेकेदारों से पैसे एकत्र करने को कहा था. परब ने वाजे के दावे को खारिज कर दिया.

पिछले साल पुलिस सेवा में बहाल किए गए वाजे ने एक पत्र में सनसनीखेज दावा किया. वाजे ने वह पत्र विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश करने का प्रयास किया, लेकन विशेष न्यायाधीश पीआर सित्रे ने उनके पत्र को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया और उन्हें आवश्यक प्रक्रिया का पालन करने को कहा.

वाजे ने चार पृष्ठों के अपने हस्तलिखित पत्र में दावा किया कि उन्हें छह जून 2020 को सेवा में विधिवत बहाल कर दिया गया, लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि उस फैसले को पलट दिया जाए.

वाजे ने कहा, 'जाहिरा तौर पर तब (राकांपा अध्यक्ष) शरद पवार ने मुझे फिर से निलंबन के तहत रखने का आदेश दिया था. उस समय तत्कालीन गृह मंत्री सर (देशमुख) ने भी मुझसे कहा था कि वह पवार साहब को मना लेंगे और इस उद्देश्य के लिए उन्होंने मुझसे दो करोड़ रुपये देने को कहा.'

वाजे (49) ने कहा, 'मैंने इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने में असमर्थता जताई थी. इस पर गृह मंत्री सर ने मुझे बाद में भुगतान करने को कहा.'

वाजे ने अपने पत्र में दावा किया कि जनवरी 2021 में मंत्री परब ने उन्हें बीएमसी में सूचीबद्ध फर्जी ठेकेदारों के खिलाफ जांच करने और लगभग 50 ऐसे ठेकेदारों से कम से कम दो करोड़ रुपये वसूल करने को कहा.

शिवसेना नेता परब ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. परब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और मेरी दो बेटियों के नाम पर कसम खाता हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है.'

पढ़ें - सचिन वाजे की 'चिट्ठी' वायरल, महाराष्ट्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गठबंधन सरकार की छवि खराब करने के लिए भाजपा की यह रणनीति थी. इस बीच मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को सचिन वाजे की एनआईए हिरासत नौ अप्रैल तक बढ़ा दी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया था.

वाजे को बुधवार को विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के सामने पेश किया गया, जिन्होंने वाजे की हिरासत नौ अप्रैल तक बढ़ा दी.

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