संयक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) को बताया कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसकी सरजमीं से संचालित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ 'प्रभावी एवं अपरिवर्तनीय' कार्रवाई करने के लिए कहा जाए. भारत ने कहा कि इस्लामाबाद को 'नैतिकता के उच्च मार्ग' पर चलने की बात नहीं कहनी चाहिए जो केवल झूठ की खानों से भरा हुआ है.
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए भारत के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी एस के कौमुदी (V.S.K. Kaumudi) ने कहा, जैसा कि उम्मीद थी, पाकिस्तान का शिष्टमंडल फिर से भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने और झूठे किस्से गढ़ने का रुख अपना रहा है. वह सोमवार को महासभा में सदस्य राष्ट्रों के आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुख के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे.
भारत के खिलाफ सुनियोजित नफरत पैदा करता है पाक
उन्होंने 'आतंकवाद के वैश्विक संकट: वर्तमान खतरों और नये दशक के लिए उभरते चलनों के मूल्यांकन' सत्र में कहा, 'जो देश अपने अल्पसंख्यक नागरिकों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त रहता है और भारत के प्रति असुरक्षा की गहरी भावना रखता है एवं सुनियोजित नफरत पैदा करता है, उसके प्रतिनिधिमंडल से कुछ नया सुनने की हम उम्मीद भी नहीं कर सकते थे.'
उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति (जीसीटीएस) की सातवीं समीक्षा समाप्त हो गई है और पाकिस्तान के झूठे विमर्श को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने सरसरी तौर पर खारिज कर दिया था. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी कौमुदी के बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसके नियंत्रण वाली सीमा में काम कर रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी, प्रमाणिक और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने को कहे और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने को न कहे जिसमें सिर्फ झूठ छिपा है.
इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग का मुद्दा उठाया
भारत के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी एस के कौमुदी ने कहा, आज, आतंकवादी दुष्प्रचार, कैडर को कट्टरपंथी बनाने एवं भर्ती करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग, आंतकवाद के लिए धन मुहैया कराने के लिए क्राउडफंडिंग (इंटरनेट मुहिम) मंचों और भुगतान के नये तरीकों के दुरुपयोग कर रहे हैं और आतंकवाद को रोकने के लिए किन नये प्रतिमानों का प्रयोग किया जाएगा, वे इन्हीं आधारों पर तय होंगे. उन्होंने कहा, 'मौजूदा चिंताओं' में 'एक और जुड़ी चिंता' ड्रोनों का प्रयोग है.
कौमुदी ने महासभा में सदस्य राष्ट्रों की आतंकवादी रोधी एजेंसियों के प्रमुखों के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में कहा, किफायती एवं आसानी से उपलब्ध विकल्प होने की वजह से भयावह उद्देश्यों जैसे खुफिया जानकारी जुटाने, हथियारों या विस्फोटकों को पहुंचाने और लक्षित हमलों के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा इन हवाई/उप सतही मंचों का प्रयोग दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए आसन्न खतरा एवं चुनौती बन गया है.
कोरोना की वजह से इंटरनेट का प्रभाव बढ़ा
कौमुदी ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके कारण एकांत में रहने पर मजबूर होने ने लोगों पर इंटरनेट के प्रभाव को और बढ़ा दिया है जिससे वे आतंकवादी संगठनों द्वारा कट्टर बनाए जाने और भर्ती किए जाने के प्रति संवेदनशील बनाता है.उन्होंने कहा कि ;सम्मोहित करने वाले वीडियो गेम' के जरिए आतंकवादी दुष्प्रचार फैलाना आतंकवादियों द्वारा वैश्विक महामारी के दौरान अपनाई गई एक और रणनीति है.