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विश्व शांति के लिए रैली ऑफ होप की शुरुआत, 10 लाख लोग ले रहे हिस्सा

रैली ऑफ होप की तरफ से दुनिया की बड़ी वर्चुअल ऑनलाइन समिट रविवार सुबह 6 बजे से शुरू हो चुकी है. विश्व शांति के लिए 10 लाख लोग ऑनलाइन रैली में हिस्सा ले रहे हैं. कोरोना संक्रमण से दुनिया में छाई निराशा और अवसाद को वन मिलियन रैली ऑफ होप दूर करेगी.

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Published : Nov 22, 2020, 5:06 PM IST

Virtual rally for peace by universal peace fedretion
रैली का मकसद लोगों की निराशा को दूर करना

नई दिल्ली : विश्व शांति के लिए काम करने वाली यूएन से मान्यता प्राप्त संस्था यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ) रविवार को वर्चुअल रैली 'रैली ऑफ होप' का आयोजन कर रही है. बता दें, यह रैली सुबह 6 बजे से शुरू हुई है. 'रैली ऑफ होप' का मकसद कोरोना संक्रमण से दुनिया में छाई निराशा को दूर करने के साथ-साथ सभी सेक्टरों में आशा का संचार करना और देशों के बीच शांति का पैगाम देना है.

निराशा से बाहर निकालने की मुहिम

यूपीएफ का मकसद दुनियाभर में अमन, समाज में भाईचारे और सांस्कृतिक सौहार्द को बढ़ावा देना है. कोरोना काल में जब दुनिया में वैश्विक आतंकवाद बढ़ा है और कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं ऐसे में यूनाइटेड नेशन की सामाजिक और आर्थिक संस्था 'वन मिलियन रैली ऑफ होप' कार्यक्रम के माध्यम से वन मिलियन लोगों को एक मंच से जोड़ने का प्रयास कर रही है.

देखें वीडियो

'शांति के बिना दुनिया में विकास नहीं'

रविवार 22 नवंबर को आयोजित हो रही इस वैश्विक कार्यक्रम के बारे में वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से यूपीएफ एशिया पैसिफिक के मीडिया प्रमुख राॅबर्ट किटेल ने कहा कि दुनिया में शांति के बिना विकास संभव नहीं है. सभी लोगों की स्वतंत्रता और संपन्नता का आधार ही अमन-शांति है. यही वजह है कि तीसरी बार रैली ऑफ होप का आयोजन किया जा रहा है. यह विश्व की सबसे बड़ी वर्चुअल ऑनलाइन समिट होने जा रही है. इस कार्यक्रम में अमेरिका, इंडोनेशिया, कनाडा, श्रीलंका, अफ्रीका सहित दुनियाभर के करोड़ों लोग जुड़ेंगे. रैली ऑफ होप की पहली रैली आठ अगस्त को हुई थी, जिसमें दुनियाभर के 20 करोड़ लोग शामिल हुए थे.

'भारत की विश्व शांति में अहम भूमिका'

बीजेपी के राज्य सभा सांसद और आईएपीपी के चेयरमैन भुवनेश्वर कलीटा ने यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ)के कार्यो की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भारत के लाखों की संख्या में लोग जुड़ेंगे. भारत की विश्वशांति में अहम भूमिका रही है. कोरियन यु़द्ध के बाद मानव जीवन को बचाने में भारत की ओर से चिकित्सक दल का शामिल होना ये साफ संदेश देता है. उन्होंने कहा कि 'तीसरे रैली ऑफ होप' वर्चुअल समिट कोरियाई युद्ध के नायकों को समर्पित है. कोरियाई युद्ध के 70 साल पूरे हो रहे हैं. इस वर्चुअल समिट में लिटिल एंजल्स ग्रुप सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए खुशियां बिखेरेंगी.

'कोरोना वायरस ने दुनिया भर में फैलाई निराशा'

भारत के पूर्व राजदूत केवी राजन ने कहा कि दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है. वर्तमान में कोरोना वायरस एक ऐसी समस्या है, जिससे भारत के लोगों में निराशा बढ़ी है. ऐसे में यूपीएफ जैसी संस्था बेहतर माहौल, अमन और शांति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही है.

पढ़ें: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कोरोना सबसे बड़ी चुनौती: G20 सम्मेलन में बोले पीएम

'समाज के हर तबके के लोग शांति की पहल के साथ जुड़ें'

वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने 22 नवंबर को ग्लोबली आयोजित होने वाले कार्यक्रम रैली ऑफ होप के बारे में कहा कि केवल यूनाइटेड नेशन और यूनिवर्सल पीस फेडरेशन की शांति की के लिए काम नहीं करें. बल्कि सोसायटी की भी जिम्मेदारी है कि इस कार्य में हिस्सा लें.

नई दिल्ली : विश्व शांति के लिए काम करने वाली यूएन से मान्यता प्राप्त संस्था यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ) रविवार को वर्चुअल रैली 'रैली ऑफ होप' का आयोजन कर रही है. बता दें, यह रैली सुबह 6 बजे से शुरू हुई है. 'रैली ऑफ होप' का मकसद कोरोना संक्रमण से दुनिया में छाई निराशा को दूर करने के साथ-साथ सभी सेक्टरों में आशा का संचार करना और देशों के बीच शांति का पैगाम देना है.

निराशा से बाहर निकालने की मुहिम

यूपीएफ का मकसद दुनियाभर में अमन, समाज में भाईचारे और सांस्कृतिक सौहार्द को बढ़ावा देना है. कोरोना काल में जब दुनिया में वैश्विक आतंकवाद बढ़ा है और कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं ऐसे में यूनाइटेड नेशन की सामाजिक और आर्थिक संस्था 'वन मिलियन रैली ऑफ होप' कार्यक्रम के माध्यम से वन मिलियन लोगों को एक मंच से जोड़ने का प्रयास कर रही है.

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'शांति के बिना दुनिया में विकास नहीं'

रविवार 22 नवंबर को आयोजित हो रही इस वैश्विक कार्यक्रम के बारे में वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से यूपीएफ एशिया पैसिफिक के मीडिया प्रमुख राॅबर्ट किटेल ने कहा कि दुनिया में शांति के बिना विकास संभव नहीं है. सभी लोगों की स्वतंत्रता और संपन्नता का आधार ही अमन-शांति है. यही वजह है कि तीसरी बार रैली ऑफ होप का आयोजन किया जा रहा है. यह विश्व की सबसे बड़ी वर्चुअल ऑनलाइन समिट होने जा रही है. इस कार्यक्रम में अमेरिका, इंडोनेशिया, कनाडा, श्रीलंका, अफ्रीका सहित दुनियाभर के करोड़ों लोग जुड़ेंगे. रैली ऑफ होप की पहली रैली आठ अगस्त को हुई थी, जिसमें दुनियाभर के 20 करोड़ लोग शामिल हुए थे.

'भारत की विश्व शांति में अहम भूमिका'

बीजेपी के राज्य सभा सांसद और आईएपीपी के चेयरमैन भुवनेश्वर कलीटा ने यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ)के कार्यो की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भारत के लाखों की संख्या में लोग जुड़ेंगे. भारत की विश्वशांति में अहम भूमिका रही है. कोरियन यु़द्ध के बाद मानव जीवन को बचाने में भारत की ओर से चिकित्सक दल का शामिल होना ये साफ संदेश देता है. उन्होंने कहा कि 'तीसरे रैली ऑफ होप' वर्चुअल समिट कोरियाई युद्ध के नायकों को समर्पित है. कोरियाई युद्ध के 70 साल पूरे हो रहे हैं. इस वर्चुअल समिट में लिटिल एंजल्स ग्रुप सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए खुशियां बिखेरेंगी.

'कोरोना वायरस ने दुनिया भर में फैलाई निराशा'

भारत के पूर्व राजदूत केवी राजन ने कहा कि दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है. वर्तमान में कोरोना वायरस एक ऐसी समस्या है, जिससे भारत के लोगों में निराशा बढ़ी है. ऐसे में यूपीएफ जैसी संस्था बेहतर माहौल, अमन और शांति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही है.

पढ़ें: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कोरोना सबसे बड़ी चुनौती: G20 सम्मेलन में बोले पीएम

'समाज के हर तबके के लोग शांति की पहल के साथ जुड़ें'

वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने 22 नवंबर को ग्लोबली आयोजित होने वाले कार्यक्रम रैली ऑफ होप के बारे में कहा कि केवल यूनाइटेड नेशन और यूनिवर्सल पीस फेडरेशन की शांति की के लिए काम नहीं करें. बल्कि सोसायटी की भी जिम्मेदारी है कि इस कार्य में हिस्सा लें.

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