श्योपुर। कूनो अभ्यारण में लगातार हो रही चीतों की मौत ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. चीता प्रोजेक्ट से विकास की उम्मीद लगाए ग्रामीण भी इन मौतों से खासे चिंतित हैं. उन्हें डर है कि अगर यही स्थिति रही तो चीता प्रोजेक्ट कहीं ट्रांसफर ना हो जाए, इसलिए कूनो अभ्यारण के आसपास बसे गांव के लोग चीतों के स्वास्थ्य के लिए भगवान की शरण में पहुंच गए हैं और वह महामृत्युंजय का पाठ करा रहे हैं ताकि बचे हुए चीते पूरी तरह सुरक्षित रह सकें.
महामृत्युंजय मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ: श्योपुर के कराहल तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में चीतों की सुरक्षा और गंभीर रूप से बीमार चल रहे नन्हें शावक की सेहत में जल्द सुधार की कामना को लेकर पिछले दो दिनों से हवन और महामृत्युंजय मंत्र का जाप, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है. ग्रामीणों के साथ चीता मित्र भी पूजा पाठ में शामिल हैं. चीता मित्र का कहना है कि मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में ग्रामीण एकत्रित होकर अपनी-अपनी श्रद्धानुसार, हवन और पूजा अर्चना कर रहे हैं.
चीता मित्र और ग्रामीणों का कहना है कि लगातार कूनो अभ्यारण में हो रही मौतों को लेकर वह काफी परेशान हैं क्योंकि इतिहास में पहली बार कूनो अभ्यारण का नाम विश्व पटल पर छाया है जिसे उम्मीद है कि आगामी समय में जिले में विकास होगा और यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन जिस तरह लगातार मौतें हो रही हैं उससे काफी परेशान हैं.
चीता प्रोजेक्ट: 17 सितंबर 2022 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने कूनो पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीते छोड़े थे. 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा कुनबा लाया गया था. कूनो अभ्यारण में हो रही मौतों को लेकर मध्य प्रदेश सरकार से लेकर मोदी सरकार काफी चिंतित नजर आ रही है. कूनों नेशनल पार्क में हो रही चीतों की मौत के बीच केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चीतों से संबंधित मुद्दों पर 29 मई को चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे.