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सिलगेर में फिर हजारों ग्रामीणों ने क्यों खोला मोर्चा ?

सिलगेर फायरिंग केस का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. बीजापुर और सुकमा के सरहदी गांव सिलगेर में हजारों की संख्या में ग्रामीण जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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Published : May 18, 2022, 12:52 AM IST

anniversary of the Silger Firing case
सिलगेर में फिर हजारों ग्रामीणों ने क्यों खोला मोर्चा

बीजापुर: सुकमा और बीजापुर के सरहदी इलाके में बसा धुर नक्सल प्रभावित गांव सिलगेर एक बार फिर सुलग उठा है. यहां सिलगेर फायरिंग कांड के एक साल पूरे होने पर हजारों की संख्या में ग्रामीण जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. गांव वालों ने सिलगेर से पुलिस कैंप हटाने की मांग की है. 17 मई 2021 को सिलगेर में पुलिस और ग्रामीणों में संघर्ष की स्थिति पैदा हुई. इसमें पुलिसवालों ने गोली चला दी. जिसमें कथित रूप से तीन लोगों की मौत की बात सामने आई. जबकि 1 की भगदड़ में मौत हुई थी. गांव वाले इसका ही विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने मारे गए लोगों को नक्सली बताया था.

ग्राम सभा के बिना अनुमति के कैंप खोलने का आरोप: सिलगेर कांड के एक साल पूरे होने पर यहां ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली और जनसभा का आयोजन किया. इस सभा को सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने संबोधित किया. लोगों ने यहां शहीद स्मारक पर फूल चढ़ाए और इस घटना के शहीदों को याद किया. मनीष कुंजाम ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बस्तर के आदिवासियों के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया. मनीष कुंजाम ने सरकार पर पांचवीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप भी लगाया. उन्होंने 25 मई को पैदल मार्च करने की बात कही.

सिलगेर में सभा
सिलगेर में सभा

सिलगेर कांड में जांच की मांग: यहां प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार से सिलगेर फायरिंग के घटना की जांच की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि गोली कांड को हुए 1 साल पूरे हो गए हैं. पीड़ितों के परिवारवालों को मुआवजा नहीं दिया गया. सिलगेर में बीते एक साल से आंदोलन चल रहा है ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. एक बार फिर सिलगेर कांड की बरसी पर लोगों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है.

ये भी पढ़ें: Silger Firing Case: 'सीएम भूपेश के पास लखीमपुर जाने की फुर्सत लेकिन सिलगेर आंदोलनकारियों से मिलने का समय नहीं'

कवासी लखमा के बदले सुर: सिलगेर की घटना पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यू टर्न लिया है. सुकमा विधायक कवासी लखमा ने धरोरा के पास आदिवासी सभा में कहा कि भूपेश सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कुछ घटनाएं आदिवासियों के साथ घटी हैं. लखमा ने कहा कि सिलगेर में 4 लोगों की मौत हमारी सरकार में हुई है, इस बात का हमें दुख है.लखमा ने कहा कि हम सिलगेर के पीड़ितों से बात करके उनको न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधि मंडल सिलगेर पहुंचने से पहले बांगापाल से लौटा वापस

ये है मामला: 12 मई 2021 को सिलगेर में कैम्प स्थापित होने से नाराज ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में जुटकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. विरोध के दौरान 17-18 मई को मौजूद ग्रामीणों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच तनाव बढ़ने लगा. इसी बीच पथराव और गोलियां चलीं. फायरिंग रुकने के बाद सिलगेर में 3 लोगों की मौत हो चुकी थी. एक महिला फायरिंग की भगदड़ में फंसकर घायल हो गई. घयाल होने के बाद उसकी भी मौत हो गई.

बीजापुर: सुकमा और बीजापुर के सरहदी इलाके में बसा धुर नक्सल प्रभावित गांव सिलगेर एक बार फिर सुलग उठा है. यहां सिलगेर फायरिंग कांड के एक साल पूरे होने पर हजारों की संख्या में ग्रामीण जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. गांव वालों ने सिलगेर से पुलिस कैंप हटाने की मांग की है. 17 मई 2021 को सिलगेर में पुलिस और ग्रामीणों में संघर्ष की स्थिति पैदा हुई. इसमें पुलिसवालों ने गोली चला दी. जिसमें कथित रूप से तीन लोगों की मौत की बात सामने आई. जबकि 1 की भगदड़ में मौत हुई थी. गांव वाले इसका ही विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने मारे गए लोगों को नक्सली बताया था.

ग्राम सभा के बिना अनुमति के कैंप खोलने का आरोप: सिलगेर कांड के एक साल पूरे होने पर यहां ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली और जनसभा का आयोजन किया. इस सभा को सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने संबोधित किया. लोगों ने यहां शहीद स्मारक पर फूल चढ़ाए और इस घटना के शहीदों को याद किया. मनीष कुंजाम ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बस्तर के आदिवासियों के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया. मनीष कुंजाम ने सरकार पर पांचवीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप भी लगाया. उन्होंने 25 मई को पैदल मार्च करने की बात कही.

सिलगेर में सभा
सिलगेर में सभा

सिलगेर कांड में जांच की मांग: यहां प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार से सिलगेर फायरिंग के घटना की जांच की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि गोली कांड को हुए 1 साल पूरे हो गए हैं. पीड़ितों के परिवारवालों को मुआवजा नहीं दिया गया. सिलगेर में बीते एक साल से आंदोलन चल रहा है ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. एक बार फिर सिलगेर कांड की बरसी पर लोगों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है.

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कवासी लखमा के बदले सुर: सिलगेर की घटना पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यू टर्न लिया है. सुकमा विधायक कवासी लखमा ने धरोरा के पास आदिवासी सभा में कहा कि भूपेश सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कुछ घटनाएं आदिवासियों के साथ घटी हैं. लखमा ने कहा कि सिलगेर में 4 लोगों की मौत हमारी सरकार में हुई है, इस बात का हमें दुख है.लखमा ने कहा कि हम सिलगेर के पीड़ितों से बात करके उनको न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.

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ये है मामला: 12 मई 2021 को सिलगेर में कैम्प स्थापित होने से नाराज ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में जुटकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. विरोध के दौरान 17-18 मई को मौजूद ग्रामीणों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच तनाव बढ़ने लगा. इसी बीच पथराव और गोलियां चलीं. फायरिंग रुकने के बाद सिलगेर में 3 लोगों की मौत हो चुकी थी. एक महिला फायरिंग की भगदड़ में फंसकर घायल हो गई. घयाल होने के बाद उसकी भी मौत हो गई.

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