नई दिल्ली : मिजोरम में वरिष्ठ नागरिक, ग्रामीण और यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) एक साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ रहे हैं. इस छोटे से राज्य में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए मिजोरम में कई ग्राम स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
इस टास्क फोर्स में गांव के लोगों में ग्राम परिषद के सदस्य और यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) के सदस्य शामिल हैं. इनके द्वारा एकसाथ सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओ सहित खाद्य पदार्थों का वितरण किया गया.
इस सिलसिले में ईटीवी भारत ने राज्य के कोलासिब जिले का दौरा कर ग्राम स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ बात की. इस बारे में टास्क फोर्स के सदस्य एंड्रयू ने बताया कि हम ग्रामीणों के लिए भी बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाते हैं. उन्होंने कहा कि अपने स्थानीय अधिकार क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से निपटने और उसका मुकाबला करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. एंड्रयू ने कहा, राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के अलावा हमारे पास एक जिला स्तरीय टास्क फोर्स है जिसका नेतृत्व डिप्टी कमिश्नर कर रहे हैं.
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उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में राज्य सरकार को ऐसी ग्राम स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया था. केवल 10 लाख से अधिक की आबादी वाले राज्य मिजोरम में प्रतिदिन कोरोना के 600 से 800 नए मामले सामने आ रहे हैं.
मिजोरम के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में इस साल जुलाई में 18,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं और अगस्त में ऐसे मामलों में वृद्धि देखने को मिली है. हालांकि राज्य में 20 अप्रैल से लॉकडाउन लगा हुआ है. फिर भी वर्तमान में यहां पर 13 हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं.
विडंबना यह है कि मिजोरम और असम के बीच हालिया सीमा संघर्ष का असर मिजोरम की महामारी के खिलाफ लड़ाई पर भी पड़ा है. जिसकी वजह से कई ट्रक जीवन रक्षक दवाओं और दवाओं के साथ-साथ असम से गुजरने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर मिजोरम में अभी नहीं पहुंच पाए हैं क्योंकि वे अभी भी सीमा पर फंसे हुए हैं.
वहीं मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ आर ललथंगलियाना ने कहा है कि जब राज्य महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जीवन रक्षक उपकरण और महत्वपूर्ण दवाएं और दवाएं सीमा पर फंसी हुई हैं, यह बहुत चिंता का विषय है जिसके लिए तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है.