नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने बुधवार को अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाला. इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग न केवल अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय दिलाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि उन्हें किसी अन्याय का सामना न करना पड़े.
विजय सांपला ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों की भलाई के लिए सदैव प्रसारत रहेंगे. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि उनके खिलाफ किसी प्रकार से अन्याय न हो. इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को सुझाव देंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी लगभग 20 फीसदी है, जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती, वैसे-वैसे लोगों के खिलाफ अन्याय बढ़ जाता है. इसलिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि वंचित और दलित लोगों के खिलाफ ऐसी कोई घटना न घटे. इसके लिए हम हर संभव कदम भी उठाएंगे, फिर भी अगर कोई अन्याय होता है तो ऐसे लोगों को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता होगी.
पार्श्व भर्ती के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर पर डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर विजय सांपला ने कहा कि सरकारी क्षेत्र, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र या सार्वजनिक-निजी समूह, जहां कहीं भी अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव होता है या उन्हें दरकिनार किया जाता है तो हम इनके न्याय के लिए लड़ेंगे. हमारी लड़ाई न्यायिक संयम और सामाजिक प्रतिष्ठा के अनुरूप होगी.
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उल्लेखनीय है कि कई नेताओं ने लेटरल भर्ती की अनुमति देने के केंद्र के कदम का विरोध करते हुए कहा है कि ऐसे में सीमांत वर्गों को नजरअंदाज किया जाएगा और वे व्यवस्था लागू होने पर आरक्षण का लाभ नहीं ले पाएंगे.
विजय सांपला से जाति-आधारित जनगणना पर उनकी राय के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह आयोग की जिम्मेदारी नहीं है और यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह ऐसे मुद्दों पर ध्यान दें. हम केवल सरकारी नीतियों को लागू करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सभी लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचें.