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manipur violence : हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी रोकने भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई

मणिपुर में शांति लाने के लिए भारत और म्यांमार की सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों को गश्त में तेजी लाने के लिए कहा गया है. बताया जा रहा है कि मणिपुर में हिंसा फैलाने के लिए हथियारों की तस्करी म्यांमार से होकर की गई थी. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

Vigilance increased on Indo-Myanmar border
भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई
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Published : Jun 28, 2023, 10:36 PM IST

नई दिल्ली: मणिपुर में अशांति पैदा करने के लिए उग्रवादी कार्यकर्ताओं द्वारा म्यांमार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए लंबी सीमा का उपयोग किए जाने की खुफिया रिपोर्टों मिली है. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर अपनी गश्त तेज करने का निर्देश दिया गया है. खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि अस्थिर मणिपुर में अराजकता पैदा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की तस्करी म्यांमार के रास्ते की गई थी.

यह घटनाक्रम हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) और राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuia Uikey) से मुलाकात के बाद हुआ. बता दें कि भारत और म्यांमार 1643 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं जो पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), नागालैंड (215), मणिपुर (398) और मिजोरम (510) से होकर गुजरती हैं. वहीं चंदेल, चुराचांदपुर, कामजोंग, टेंग्नौपाल और उखरुल सहित मणिपुर के पांच जिले म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि म्यांमार सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, जबकि 80 किमी सीमा पर बाड़ लगाने का टेंडर का काम पूरा हो चुका है और शेष सीमा का सर्वेक्षण चल रहा है. इस बारे में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से उग्रवादियों का एक बड़ा समूह पहले ही म्यांमार में अपने ठिकानों से मणिपुर में घुस चुका था.

इससे पहले मणिपुर के एक लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एल निशिकांत सिंह ने कहा था कि करीब 300 आतंकवादी हिंसा फैलाने के लिए म्यांमार से मणिपुर में घुस आए हैं. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई से कुकी और मैतेई के बीच हुई हिंसा के बाद से हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप खुली सीमा के माध्यम से मणिपुर में पहुंच गई थी. सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि म्यांमार के रास्ते मणिपुर के विद्रोही संगठनों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति में कोई तीसरा देश भी शामिल हो सकता है.

इसी को देखते हुए मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की संयुक्त टीमें राज्य के सभी संदिग्ध और संवेदनशील इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही हैं. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने अपने तलाशी अभियान के तहत राज्य के विभिन्न स्थानों से विभिन्न प्रकार के 1150 से अधिक हथियार, 14,000 गोला-बारूद और 300 से अधिक बम बरामद किए हैं. रिपोर्ट के हवाले से सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तामेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार गोले और एक आईईडी बरामद किए गए हैं.

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यह घटनाक्रम हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) और राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuia Uikey) से मुलाकात के बाद हुआ. बता दें कि भारत और म्यांमार 1643 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं जो पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), नागालैंड (215), मणिपुर (398) और मिजोरम (510) से होकर गुजरती हैं. वहीं चंदेल, चुराचांदपुर, कामजोंग, टेंग्नौपाल और उखरुल सहित मणिपुर के पांच जिले म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि म्यांमार सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, जबकि 80 किमी सीमा पर बाड़ लगाने का टेंडर का काम पूरा हो चुका है और शेष सीमा का सर्वेक्षण चल रहा है. इस बारे में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से उग्रवादियों का एक बड़ा समूह पहले ही म्यांमार में अपने ठिकानों से मणिपुर में घुस चुका था.

इससे पहले मणिपुर के एक लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एल निशिकांत सिंह ने कहा था कि करीब 300 आतंकवादी हिंसा फैलाने के लिए म्यांमार से मणिपुर में घुस आए हैं. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई से कुकी और मैतेई के बीच हुई हिंसा के बाद से हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप खुली सीमा के माध्यम से मणिपुर में पहुंच गई थी. सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि म्यांमार के रास्ते मणिपुर के विद्रोही संगठनों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति में कोई तीसरा देश भी शामिल हो सकता है.

इसी को देखते हुए मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की संयुक्त टीमें राज्य के सभी संदिग्ध और संवेदनशील इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही हैं. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने अपने तलाशी अभियान के तहत राज्य के विभिन्न स्थानों से विभिन्न प्रकार के 1150 से अधिक हथियार, 14,000 गोला-बारूद और 300 से अधिक बम बरामद किए हैं. रिपोर्ट के हवाले से सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तामेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार गोले और एक आईईडी बरामद किए गए हैं.

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