भोपाल। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि "भारत में जब कुछ अच्छा हो तो कुछ लोगों का हाजमा खराब हो जाता है. ये लोग मौका देखते हैं कि भारत को कैसे कलंकित करें. उन्होंने संसद के गतिरोध को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैं लगातार ये प्रयास कर रहा हूं कि वहां डायलॉग डिबेट डिस्कशन डेलिब्रेशन होना चाहिए. लेकिन हो क्या रहा है, डिस्टर्बेंस और डिस्रप्शन. उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, उन्होंने तो बहुत क्लिष्ट मुद्दों का समाधान ढूंढा, विचार विमर्श किया. मतभेदों को खत्म किया, कभी नारे नहीं लगे. प्ले कार्ड नहीं देखे. अब दिख रहा है पर मीडिया में इसका असर नहीं है.
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जितनी अभिव्यक्ति की आज़ादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है।
— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
पर… pic.twitter.com/kzYyHSnR3P
">जितनी अभिव्यक्ति की आज़ादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है।
— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023
मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
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मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
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जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये जनांदोलन बनना चाहिए आपके प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया सजग है, तो देश गदगद है. संसद का ही उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जितनी अभिव्यक्ति की आजादी भारत की संसद में है. दुनिया के किसी कोने में नहीं है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में वर्ष 2018 से 2022 के छात्रों को डिग्री प्रदान की.
आप चर्चा तो करें आधी रात तक चर्चा कराऊंगा: मौका भले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह का था, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संसद से लेकर पत्रकारिता के संस्कार तक हर मुद्दे पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि जो अभिव्यक्ति की आजादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है.
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राज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैं लगातार इस ओर प्रयास कर रहा हूं, कि वहां क्या होना चाहिए- Dialogue, debate, discussion.
— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
परंतु हो क्या रहा है?
Disturbance, Distruption.
मीडिया को इस पर सवाल करना चाहिए कि आपके जन प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं? pic.twitter.com/GL0zkq2yIZ
">राज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैं लगातार इस ओर प्रयास कर रहा हूं, कि वहां क्या होना चाहिए- Dialogue, debate, discussion.
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परंतु हो क्या रहा है?
Disturbance, Distruption.
मीडिया को इस पर सवाल करना चाहिए कि आपके जन प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं? pic.twitter.com/GL0zkq2yIZराज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैं लगातार इस ओर प्रयास कर रहा हूं, कि वहां क्या होना चाहिए- Dialogue, debate, discussion.
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परंतु हो क्या रहा है?
Disturbance, Distruption.
मीडिया को इस पर सवाल करना चाहिए कि आपके जन प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं? pic.twitter.com/GL0zkq2yIZ
उपराष्ट्रपति ने कहा कि, "मैंने यहां तक कहा हुआ है, आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है, ढाई घंटे की. मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक चर्चा करूंगा. चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा, पर ऐसा ना होना अच्छी बात नहीं है. धनखड़ ने संसद में होने वाले गतिरोध को बार बार रेखांकित किया और कहा कि मैं लगातार ये प्रयास कर रहा हूं कि वहां डायलॉग डिबेट डिस्कशन डेलिब्रेशन होना चाहिए. लेकिन हो क्या रहा है, डिस्टर्बेंस डिस्ट्रप्शन."
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पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है... हालात विस्फोटक हैं, अविलंब निदान होना चाहिए।
— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
But this watchdog is watching the interest on a commercial pattern. यह ठीक नहीं है। pic.twitter.com/j0YafkVIeR
">पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है... हालात विस्फोटक हैं, अविलंब निदान होना चाहिए।
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प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
But this watchdog is watching the interest on a commercial pattern. यह ठीक नहीं है। pic.twitter.com/j0YafkVIeRपत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है... हालात विस्फोटक हैं, अविलंब निदान होना चाहिए।
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प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
But this watchdog is watching the interest on a commercial pattern. यह ठीक नहीं है। pic.twitter.com/j0YafkVIeR
पत्रकारिता अच्छा व्यवसाय बन गया है: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पत्रकारिता को लेकर कहा कि "सभी जानते हैं पत्रकारिता व्यवसाय नहीं है. समाज सेवा है. ये मेरे से ज्यादा आप जानते हैं, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कह रहा हूं कि बहुत से लोग ये भूल गए हैं. पत्रकारिता अच्छा व्यवसाय बन गया है. शक्ति का केन्द्र बन गया है. सही मापदंडों से भटक गया है. इस पर सबको सोचने की आवश्यक्ता है.
मीडिया को बैन करने पर बोले सिंधिया: आपको बता दें मीडिया के कुछ एंकरों व पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बयान दिया है. सिंधिया ने कहा कि जिनका दिल काला होता है, वहीं ब्लैक लिस्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि जो गठबंधन किसी को ब्लैक लिस्ट करता है, उस गठबंधन को देश की जनता ही ब्लैक लिस्ट करने वाली है.