नई दिल्ली: कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े संगठन बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करते हुए सत्ता में आने पर दोनों ही संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है. लेकिन कांग्रेस के इस वादे और घोषणापत्र को लेकर देश में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने पीएफआई से बजरंग दल की तुलना पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस और पीएफआई का गठबंधन रहा है और कांग्रेस ने तो संसद तक में सिमी जैसे आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया था.
उन्होंने सोनिया गांधी पर बजरंग दल को गलत तरीके से बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम इसे सहन नहीं करेंगे और बजरंग दल हर संभव लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब देगा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते समय जिस प्रकार से प्रखर राष्ट्रभक्त संगठन बजरंग दल की तुलना कुख्यात, राष्ट्रविरोधी, आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के साथ की है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
विहिप नेता ने कहा कि बजरंग दल का एक-एक कार्यकर्ता देश और समाज के लिए समर्पित है जबकि पीएफआई की गतिविधियों से पूरी दुनिया परिचित है. कांग्रेस की सरकारों पर पीएफआई को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए जैन ने कहा कि कांग्रेस और पीएफआई का गठबंधन रहा है और कांग्रेस ने संसद के अंदर सिमी जैसे आतंकी संगठन तक पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया था, सड़कों पर प्रदर्शन किया था.
(आईएएनएस)