नई दिल्ली : पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक मामले (Security lapse of Prime Minister Narendra Modi) में राष्ट्रपति से कार्रवाई का आग्रह किया है. पूर्व सैनिकों का कहना है कि इस तरह की सुरक्षा चूक और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही (Security lapse and dereliction of duty) के लिए अवश्य सजा मिले.
राष्ट्रपति के भारत के सर्वोच्च (सैन्य) कमांडर होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों ने उन्हें लिखे एक पत्र में उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है ताकि इस तरह की अस्वीकार्य सुरक्षा चूक की पुनरावृत्ति नहीं हो. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) वीके चतुर्वेदी (Lt Gen (Retd) VK Chaturvedi) के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने यह पत्र लिखा है.
इसमें कहा गया है कि यह घटना पंजाब में नागरिक प्रशासन की बुरी स्थिति को प्रदर्शित करती है और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए जिम्मेदार सभी लोगों की क्षमता तथा कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है. इसमें पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का जिक्र किया गया है, जिसके चलते उनके काफिले को लौटना पड़ा था.
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पूर्व सैनिकों के संगठन ने दावा किया कि राज्य की आधिकारिक यात्रा पर गये प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की अनुपस्थिति भी षड्यंत्र के सिद्धांत को बल प्रदान करती है, जिस बारे में बातें की जा रही है और यह बहुत ही चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस तरह प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया गया, जिसका देश के लिए बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकता था.