वाराणसीः वैदिक परंपरा में जिस हिसाब से समय की गणना की जाती थी उसी हिसाब से एक घड़ी को बनाया गया. जिसकी बुधवार को ही लॉन्चिंग भी की गई. हमारी वर्तमान पीढ़ी को अपने वेद और संस्कृति से जोड़ने का यह प्रयास है.
11 अगस्त 2021 को प्रतिवर्ष की ही भाँति 'स्वामी श्री धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज' का आविर्भाव महोत्सव मनाया गया. 114वें आविर्भाव महोत्सव के उपलक्ष्य में 'धर्मशास्त्राणां उपयोगिता' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के आयोजक विद्या तत्त्वानुसन्धान आश्रम, हरिद्वार, दिल्ली एवं श्री करपात्री स्वामी जी आविर्भाव महोत्सव समिति काशी रहे. सभा की अध्यक्षता-प्रोफेसर युगल किशोर मिश्र जी (पूर्व कुलपति जयपुर संस्कृत विश्वविद्यालय)/जयपुर मंगल सन्निधि सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज पीठाधीश्वर, करपात्री धाम, केदारघाट आयोजक महेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने सम्मानित विद्वानों के समक्ष 'भारतीय-वैदिक-घटिका' (घड़ी) का विमोचन कर उन्हें सम्मानित किया. वैदिक काल से चली आ रही वैदिक समय चक्र (घड़ी) का महाराज ने द्वारा संस्कृत और वैदिक विज्ञान के देखते हुए वैदिक-घटिका का विमोचन किया गया. जिससे आने वाली युवा पीढ़ी वैदिक काल को समझ सके.
बैटरी घड़ी से बहुत सी चीजों का पता चलेगा जैसे ग्रहण कब लगने वाला है. ग्रहण का उदय कब होगा. कौन सा पर्व कितने दिन बाद आने वाला है. शुभ मुहूर्त कब है. शुभ लग्न कब है. कौन सा मुहूर्त चल रहा है. राहु काल कब से कब तक है. प्रदोष काल कब से कब तक है. इन सब चीजों के बारे में पता चलेगा. साथी वैदिक काल में किस तरह लोग गणना करते थे इस पर भी चर्चा की गई.
महेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने बताया आज हम लोगों ने वैदिक घड़ी का विमोचन किया. इसमें वैदिक काल में हम किस प्रकार गणना करके आने वाले दिनों के बारे में आपने समय के बारे में पता लगाते थे. उस चीज को प्रस्तुत किया गया है क्योंकि मुगलों और अंग्रेजों के शासनकाल में इस घड़ी का परिवर्तन कर दिया गया. हम फिर से अपने आने वाली युवा पीढ़ी के सामने वैदिक घड़ी को लाए हैं, ताकि वह अपने वेद को समझे जो कि वेद विज्ञान से भी पुराना है.
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सभागत विद्वान जन-प्रोफेसर युगल किशोर मिश्र, प्रोफेसर राममूर्ति चतुर्वेदी, प्रोफेसर रामपूजन पाण्डेय, प्रोफेसर सुधाकर मिश्र, प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी, प्रोफेसर ब्रजभूषण ओझा, प्रोफेसर भगवत शरण शुक्ल, प्रोफेसर किशोर मिश्र, डॉक्टर बलराम पांडेय, रामअवध पाण्डेय, डॉक्टर दिव्य चेतन ब्रह्मचारी, प्रोफेसर किशोर मिश्र, डॉक्टर विद्याधर पांडेय, पंडित राजकृष्ण मालवीय जी, डॉक्टर दिव्य चैतन्य ब्रह्मचारी, समेत कई लोग उपस्थित रहे.