नई दिल्ली : वेदांता स्टरलाइट कॉपर प्लांट ने तमिलनाडु सरकार के ऑक्सीजन निर्माण के प्रस्ताव का विरोध किया है. उसका कहना है कि संयंत्र को चलाने के लिए एस्सपर्ट इंजीनियरों की आवश्यकता है. राज्य सरकार के पास विशेषज्ञ नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में खनन कंपनी ने तर्क दिया है कि संयंत्र चलाने से न केवल परिसंपत्तियों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है, बल्कि इसे चलाने के लिए वहां तैनात कर्मियों के लिए भी खतरा है. क्योंकि इसे चलाने में उच्च दबाव वाहिकाओं, उच्च क्षमता के कम्प्रेसर और हाई वोल्टेज उपकरण का उपयोग करना पड़ेगा.
वेदांता स्टरलाइट का कहना है कि प्लांट चलाने के लिए 45 प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी, जिन्हें कम से कम 10 साल का अनुभव हो. इसके अलावा इसे चलाने के लिए वह आर्थिक रूप से भी सक्षम नहीं है.
ये हलफनामा कोविड 19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन का निर्माण करने के लिए वेदांता स्टरलाइट संयंत्र को फिर से खोलने से संबंधित मामले के जवाब में आया है.
पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद स्टरलाइट को तूतीकोरिन में ऑक्सीजन उत्पादन की मिली अनुमति
तमिलनाडु ने वेदांत की याचिका का विरोध किया था, लेकिन अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए कहा क्योंकि स्थिति गंभीर है और देश को ऑक्सीजन की आवश्यकता है. मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.