हैदराबाद : हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत प्रत्येक माह दो बार रखा जाता है. एक बार शुक्ल पक्ष की एकादशी और दूसरी बार दूसरी बार कृष्ण पक्ष की ekadashi को. मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा है प्रभु मुझे Utpanna Ekadashi के महत्व के बारे में बताइए. भगवान श्री कृष्ण ने कहा इस व्रत को करने से शंखोद्धार तीर्थ स्थान में स्नान करके भगवान का दर्शन करने से जो पुण्य प्राप्त होता है. वही पुण्य इस व्रत को करने से मिलता है. भगवान श्री कृष्ण ने कहा इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को गलत कार्यों और गलत कार्यों में लिप्त व्यक्ति से दूर रहते हुए भगवान का भजन कीर्तन करना चाहिए
तब युधिष्ठिर ने पूछा की हे भगवन् यह तिथि सभी तिथियां में श्रेष्ठ कैसे हैं. तब भगवान श्री कृष्ण ने कहा हे युधिष्ठिर सतयुग में मुर नाम का एक दैत्य हुआ जिसने सभी देवताओं को पराजित कर दिया. तब सभी देवता भयभीत होकर भगवान शिव के पास पहुंचे. भगवान शिव ने उन्हें भय से मुक्ति के लिए तीनों लोकों के स्वामी Lord Vishnu की शरण में जाने को कहा. सभी देवता क्षीरसागर पहुंचकर भगवान विष्णु की स्तुति करते हुए बोले, हे प्रभु, जगत की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु हमें दैत्य मुर के आतंक से बचाइए से हमारी रक्षा कीजिए. दैत्य मा ने हमारे स्वर्ग पर कब्जा कर लिया है, सृष्टि का संचालन बाधित कर दिया है और उसके भय से हम सभी लोग इधर-उधर भटक रहे हैं.
तब Bhagwan Vishnu देवताओं की बात सुनकर मुर का संहार करने के लिए चंद्रावती नगरी पहुंचे, जहां दैत्य मुर युद्ध में व्यस्त था. भगवान विष्णु पर सभी दैत्यों ने आक्रमण कर दिया, तब भगवान विष्णु ने सभी दैत्यों का संहार कर दिया, सिर्फ मुर बच गया. लगातार कई हजार वर्षों तक God Vishnu व दैत्य मुर के बीच युद्ध चलता रहा. लगातार युद्ध करने से थक गए और बद्रिकाश्रम चले गए, वहां एक हेमवती नामक गुफा थी जिसके अंदर प्रवेश कर भगवान विश्राम करने लगे.
देवी उत्पन्ना का जन्म
जब भगवान विष्णु वहां योग निद्रा में विश्राम कर रहे थे, उनको सोया हुआ देखकर मुर उनका वध करने के लिए जैसे ही आगे बढ़ा, भगवान विष्णु के शरीर से एक तेजस्वी ओजपूर्ण देवी उत्पन्न हुई. उसके बाद उन देवी ने दैत्य मोड़ को युद्ध के लिए ललकार और उसका वध कर दिया. इसके बाद जब भगवान विष्णु योग निद्रा से जागे, तब देवी ने भगवान विष्णु को सारी बात बताई. उसके बाद भगवान विष्णु ने कहा है देवी- आपका जन्म एकादशी के दिन हुआ है इसलिए आपको उत्पन्ना एकादशी के नाम से पूजा जाएगा और आपके भक्तों पर भी मेरी कृपा बनी रहेगी. december ekadashi 2023 . uttpanna ekadashi vrat katha name significance . December 2023 ekadashi . 8 December 2023 panchang . ekadashi . utpanna ekadashi vrat katha . ekadashi december 2023 in hindi