देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने बिहार के नवादा से चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवा के नाम पर देशभर में ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है. आरोपी, ठगी के रुपयों को पीओएस मशीन और साइबर ठग साथियों की मदद से बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराकर कुछ ही मिनटों पर एटीएम से निकलवाने का काम करते थे. एसटीएफ ने अब तक चारधाम हेली सेवा से जुड़ी 41 फर्जी वेबसाइटों को भी ब्लॉक किया है. इससे उत्तराखंड एटीएस ने भारत के सेकड़ों लोगों को साइबर ठगी का शिकार होने से बचाया है.
बिहार से ऑपरेट: आरोपी अलग-अलग फर्जी वेबसाइट बनाकर, अलग-अलग मोबाइल नंबरों और बैंक खातों का प्रयोग कर स्वयं को पवन हंस हेली सर्विस का कर्मचारी बताकर ठगी करते थे. ठग पीड़ितों को उनके व्हाट्सएप नंबर के जरिए हेली सेवा की फर्जी आईडी भेजकर धोखाधड़ी करते थे. उत्तराखंड एसटीएफ ने पहले गिरोह के दो सदस्य सन्नी राज निवासी जनपद शेखपुरा, बिहार और बॉबी रविदास निवासी जनपद शेखपुरा, बिहार को उनके गृह जनपद से ही गिरफ्तार किया है. इसके बाद निशानदेही पर गिरोह के मुख्य सरगना नीरज कुमार निवासी जनपद नवादा, बिहार को उसके गृह जनपद से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
इनको बनाया शिकार: एसटीएफ के मुताबिक, श्रीकोटी कल्याणी निवासी नरसीपट्टनम, जिला अंकापल्ली, आंध्रा प्रदेश ने मोबाइल से 19 अप्रैल को चारधाम यात्रा के लिए फर्जी वेबसाइट https://pawanhanshtravels.in से हेली सेवा टिकट बुकिंग के लिए विजिट किया. ठग ने तुरंत पीड़िता के व्हाट्सएप नंबर पर चैट के दौरान खुद को पवनहंस हेली सर्विस का कर्मचारी बताया. इसके बाद श्रीकोटी का आधार कार्ड और अन्य डिटेल ली और फाटा (रुद्रप्रयाग) से केदारनाथ मंदिर तक 7 लोगों के हेली सेवा के टिकट बुक करने पर 49 हजार रुपए ट्रांसफर कराकर धोखाधड़ी की.
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इनको बनाया शिकार: एक अन्य केस में इसी तरह पवन हंस हेली सर्विस का प्रतिनिधि बताकर ठग ने अशोक प्रजापति पुत्र शांतिलाल निवासी अमहदाबाद, गुजरात के मोबाइल पर केदारनाथ यात्रा के लिए हेसी सर्विस का टिकट बुक करने के लिए संपर्क किया. ठग ने अशोक कुमार के व्हाट्सएप नंबर पर वेबसाइट https://pawanhanshtravels.in और ईमेल info@pawanhansheliticket.in की जानकारी दी. इसके बाद 19 अप्रैल को पीड़ित अशोक ने 11 लोगों के हेली सेवा टिकट बुक करवाने के नाम पर 77 हजार रुपए ठग को ट्रांसफर किए. इसके बाद पीड़ित द्वारा बार-बार कॉल करने पर भी कोई संपर्क नहीं हुआ. जिसके बाद अशोक को ठगी होने के बात पता चली. इसके अलावा ठग ने एक अन्य पीड़ित राजेंद्र महाजन निवासी हमीरपुर रोड, हिमाचल प्रदेश को भी मोबाइल के जरिए हेली सेवा टिकट बुक के नाम पर 25 अप्रैल को 33 हजार रुपए की धोखाधड़ी की.
पूरे भारत में दी ठगी को अंजाम: पुलिस जांच में पता चला कि ठगों द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पूरे भारत में हेली सेवा के नाम पर ठगी की. इसके लिए उन्होंने अलग-अलग मोबाइल, सिमकार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल किया है. ठगों ने प्रतिरूपण, फिशिंग, फर्जी हेली सेवा कंपनियों के अधिकारी बनकर भी पूरे भारत में लोगों को ठगा है.
अपराध का तरीका: ठग फर्जी आधार कार्ड पर सिमकार्ड प्राप्त कर, हेली सेवा कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर, चारधाम यात्रा सेवा टिकट ऑनलाइन बुक करने के नाम पर व्हाट्सएप एपीआई (अप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) को अपनी फर्जी वेबसाइट से कनेक्ट कर देते हैं. पीड़ितों द्वारा हेली सेवा टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के लिए वेबसाइट पर विजिट करने और क्लिक करने पर ठगों के व्हाट्सएप पर विजिट करने वालों का मोबाइल नंबर आ जाता है. इस पर ठग पीड़ितों को हेली सेवा कंपनी की फर्जी आईडी भेजकर टिकट बुकिंग का विश्वास दिलाते हैं और विश्वास जीतने पर फर्जी बैंक खातों में रुपया ट्रांसफर करवाते हैं. इस सब में ठगों द्वारा कई मोबाइल, सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है, जिससे पीड़ितों को कोई शक ना हो. पुलिस ने बताया कि मुख्य सरगना नीरज कुमार फर्जी हेली वेबसाइट बनाने का मास्टरमाइंड है. नीरज के द्वारा https://pawanhanshtravels.in, https://irtcyatraheli.in/, https://kedarnathhelipadticket.in, https://pawanhanstickets.in/ फर्जी वेबसाइट बनाई गई है.
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POS मशीन का प्रयोग: ठगी के दौरान पीओएस मशीनों का उपयोग किया जाता है. साइबर अपराधी FINO पेमेंट बैंक पीओएस मशीन का इस्तेमाल करते हैं. अपराधियों द्वारा FINO मित्रा ऐप इंस्टॉल करके किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड को पीओएस मशीन से स्वाइप कर लेते है. ऐसे में राशि तुरंत फिनो पेमेंट बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली जाती है. इसके बाद विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर और आखिर में एटीएम निकासी कर लेते थे. यह पूरी प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट लगते हैं.
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ईमेल: ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर उत्तराखंड के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों से पीड़ितों द्वारा हेली सेवा बुकिंग के नाम पर उनके साथ हुई धोखाधड़ी के संबंध में ई-मेल प्राप्त हुई हैं. इसके आधार पर एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की है. साइबर टीम ने 41 वेबसाइट भी ब्लॉक करने की कार्रवाई की है.
पहले भी जा चुका है जेल: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया है कि ठग नीरज 2021 दिसंबर में कोतवाली जयपुर राजस्थान पुलिस द्वारा जेल भेजा गया था. इनके द्वारा फोन पर लड़की बनकर लोगों को ठगा जाता था. इस मामले में कोतवाली जयपुर ने इनको पकड़ा था. इसके बाद वह जमानत में बाहर है. साथ ही ठग के खिलाफ भारत में अन्य थानों में पंजीकृत मुकदमों में भी अहम भूमिका का होना पाया गया है.
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