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Hair Donation: उत्तराखंड की इस युवती ने कैंसर पीड़ितों के लिए दान किए अपने सुंदर बाल

वैसे तो सभी इंसानों को अपने बालों से प्यार होता है, लेकिन लड़कियों और महिलाओं को बालों से विशेष लगाव होता है. महिलाओं और युवतियों को आकर्षित करने के लिए ही शैंपू और तेल कंपनियां बालों से जुड़े मन लुभाने वाले विज्ञापन प्रसारित करती हैं. लेकिन उत्तराखंड की एक युवती ने अपने बाल कैंसर पीड़ितों के लिए दान कर दिए. पढ़िए रीना शाही के बाल दान करने की ये स्टोरी.

Hair Donation
रीना शाही ने कैंसर पीड़ितों के लिए दान किए अपने सुंदर बाल.
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Published : Feb 9, 2023, 4:01 PM IST

रीना शाही ने कैंसर पीड़ितों के लिए दान किए अपने सुंदर बाल.

श्रीनगर: आपने सुना होगा कि समाज में बहुत से लोग सोना दान करते हैं. धन दान करते हैं. अन्न दान करते हैं. वस्त्र से लेकर जो लोगों की जरूरत हो उसे दान करते हैं. लेकिन गढ़वाल केंद्रीय विवि में एमए हिंदी में पढ़ने वाली रीना शाही ने स्त्रियों के सबसे बड़े गहने यानी अपने बाल ही कैंसर पीड़ितों को दान कर दिए हैं. रीना के इस कदम से जहां उनके परिजन उनके साथ खड़े हैं, वहीं रीना की सहेलियां भी उनके इस कदम की जम कर सराहना कर रही हैं.

पिथौरागढ़ की रहने वाली हैं रीना शाही: रीना मूल रूप से जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम चामी भैंस्कोट की रहने वाली हैं. उनका परिवार कई सालों से अब देहरादून के गजियावाला में रह रहा है. उनके पिता चंद्रभानु सिंह शाही पेशे से अध्यापक हैं जो उन्हें बचपन से ही हर अच्छे बुरे की शिक्षा देते आ रहे हैं. रीना के दो भाई हैं जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. रीना ने हाईस्कूल की पढ़ाई अपने गांव चामी भैंस्कोट से की. इंटरमीडिएट मोहन लाल शाह बालिका विद्या मंदिर नैनीताल से की.

दुबई में जॉब करने के बाद रीना उत्तराखंड लौटीं: रीना ने ग्रेजुएशन (BCA) DBIT तथा मास्टर्स (MCA) graphic era से किया. 5 साल दिल्ली, बैंगलुरू और दुबई में जॉब करने के बाद वापस कॉलेज ज्वाइन किया. अभी रीना HNBGU से हिंदी में MA कर रही हैं. रीना को कविताएं लिखने का शौक है. उनका पहला कविता संग्रह ‘जंगली फूल’ नाम से 2022 में प्रकाशित हो चुका है.

ऐसे आया बाल डोनेट करने का ख्याल: रीना ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि वे लंबे समय से अपने बाल डोनेट करने के बारे में सोच रही थीं. लेकिन बालों में कलर करने के कारण पूर्व में वो अपने बाल डोनेट नहीं कर पाईं. अब उन्होंने बालों में किसी भी प्रकार की छेड़ छाड़ किये बिना ही अपने बाल Cope with Cancer- Madad Charitable Trust को डोनेट कर दिए हैं. अब ये संस्था उनके बालों को कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति को डोनेट करेगी. कैंसर पेशेंट उनके बालों के जरिये समाज में मुस्कारते हुए अपना आगे का इलाज जारी रखेंगे.

बाल डोनेट करने के लिए मिला घरवालों का सपोर्ट: रीना ने कहा कि जब उन्होंने अपने परिवार को इस बारे में बताया तो उनके पिता और उनके भाइयों ने उनके इस कदम को खूब सराहा. रीना के साथ रजत हॉस्टल में रहने वाली रिया करन कहती हैं कि उनकी साथी का ये फैसला बहुत सराहनीय कदम है. महिलाओं के लिए उनके बाल सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं. बाल ही उनके सबसे बड़े आभूषण हैं, जो रीना ने दान किये हैं. उन्हें रीना पर गर्व की अनुभूति होती है. गढवाल विवि में ही पढ़ने वाले कार्तिक बहुगुणा भी रीना के इस कदम को लेकर रीना की जमकर सराहना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रीना गढ़वाल विवि में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
ये भी पढ़ें: World Cancer Day: एक डॉक्टर के भरोसे दून मेडिकल कॉलेज का कैंसर विभाग, महिलाओं में तेजी से फैल रहा ब्रेस्ट कैंसर

कैंसर पीड़ितों के बाल उड़ जाते हैं: दरअसल जो व्यक्ति कैंसर पीड़ित होता है, इलाज के दौरान उसके बाल उड़ जाते हैं. खासकर महिलाएं और युवतियां बिना बालों के अजीब सा महसूस करती हैं. ऐसे में कुछ महिलाएं और युवतियां विग लगाने लगती हैं. कैंसर सर्वाइवल के लिए विग मुंबई और केरल के कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटलों की निगरानी में तैयार किए जाते हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इस तरह की विग बनाने के लिए 12 इंच से लंबे बाल चाहिए होते हैं. लड़कों के बाल इतने लंबे नहीं होते हैं, इसलिए लड़कियों, महिलाओं के बाल ये विग बनाने के लिए परफैक्ट होते हैं. रीना शाही ने यही सोचकर अपने 15 इंच से लंबे बाल दान कर दिए.

रीना शाही ने कैंसर पीड़ितों के लिए दान किए अपने सुंदर बाल.

श्रीनगर: आपने सुना होगा कि समाज में बहुत से लोग सोना दान करते हैं. धन दान करते हैं. अन्न दान करते हैं. वस्त्र से लेकर जो लोगों की जरूरत हो उसे दान करते हैं. लेकिन गढ़वाल केंद्रीय विवि में एमए हिंदी में पढ़ने वाली रीना शाही ने स्त्रियों के सबसे बड़े गहने यानी अपने बाल ही कैंसर पीड़ितों को दान कर दिए हैं. रीना के इस कदम से जहां उनके परिजन उनके साथ खड़े हैं, वहीं रीना की सहेलियां भी उनके इस कदम की जम कर सराहना कर रही हैं.

पिथौरागढ़ की रहने वाली हैं रीना शाही: रीना मूल रूप से जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम चामी भैंस्कोट की रहने वाली हैं. उनका परिवार कई सालों से अब देहरादून के गजियावाला में रह रहा है. उनके पिता चंद्रभानु सिंह शाही पेशे से अध्यापक हैं जो उन्हें बचपन से ही हर अच्छे बुरे की शिक्षा देते आ रहे हैं. रीना के दो भाई हैं जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. रीना ने हाईस्कूल की पढ़ाई अपने गांव चामी भैंस्कोट से की. इंटरमीडिएट मोहन लाल शाह बालिका विद्या मंदिर नैनीताल से की.

दुबई में जॉब करने के बाद रीना उत्तराखंड लौटीं: रीना ने ग्रेजुएशन (BCA) DBIT तथा मास्टर्स (MCA) graphic era से किया. 5 साल दिल्ली, बैंगलुरू और दुबई में जॉब करने के बाद वापस कॉलेज ज्वाइन किया. अभी रीना HNBGU से हिंदी में MA कर रही हैं. रीना को कविताएं लिखने का शौक है. उनका पहला कविता संग्रह ‘जंगली फूल’ नाम से 2022 में प्रकाशित हो चुका है.

ऐसे आया बाल डोनेट करने का ख्याल: रीना ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि वे लंबे समय से अपने बाल डोनेट करने के बारे में सोच रही थीं. लेकिन बालों में कलर करने के कारण पूर्व में वो अपने बाल डोनेट नहीं कर पाईं. अब उन्होंने बालों में किसी भी प्रकार की छेड़ छाड़ किये बिना ही अपने बाल Cope with Cancer- Madad Charitable Trust को डोनेट कर दिए हैं. अब ये संस्था उनके बालों को कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति को डोनेट करेगी. कैंसर पेशेंट उनके बालों के जरिये समाज में मुस्कारते हुए अपना आगे का इलाज जारी रखेंगे.

बाल डोनेट करने के लिए मिला घरवालों का सपोर्ट: रीना ने कहा कि जब उन्होंने अपने परिवार को इस बारे में बताया तो उनके पिता और उनके भाइयों ने उनके इस कदम को खूब सराहा. रीना के साथ रजत हॉस्टल में रहने वाली रिया करन कहती हैं कि उनकी साथी का ये फैसला बहुत सराहनीय कदम है. महिलाओं के लिए उनके बाल सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं. बाल ही उनके सबसे बड़े आभूषण हैं, जो रीना ने दान किये हैं. उन्हें रीना पर गर्व की अनुभूति होती है. गढवाल विवि में ही पढ़ने वाले कार्तिक बहुगुणा भी रीना के इस कदम को लेकर रीना की जमकर सराहना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रीना गढ़वाल विवि में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
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कैंसर पीड़ितों के बाल उड़ जाते हैं: दरअसल जो व्यक्ति कैंसर पीड़ित होता है, इलाज के दौरान उसके बाल उड़ जाते हैं. खासकर महिलाएं और युवतियां बिना बालों के अजीब सा महसूस करती हैं. ऐसे में कुछ महिलाएं और युवतियां विग लगाने लगती हैं. कैंसर सर्वाइवल के लिए विग मुंबई और केरल के कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटलों की निगरानी में तैयार किए जाते हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इस तरह की विग बनाने के लिए 12 इंच से लंबे बाल चाहिए होते हैं. लड़कों के बाल इतने लंबे नहीं होते हैं, इसलिए लड़कियों, महिलाओं के बाल ये विग बनाने के लिए परफैक्ट होते हैं. रीना शाही ने यही सोचकर अपने 15 इंच से लंबे बाल दान कर दिए.

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