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उत्तराखंड के विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी, जानिए सीएम का क्या है हाल

एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड के विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी हैं. कुछ विधायकों ने तो अपनी विधायक निधि का 60 फीसदी ही खर्च किया है, जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं.

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Published : Oct 21, 2021, 8:11 PM IST

काशीपुर : 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य गठन को 21 साल पूरे होने जा रहे हैं. इन 21 सालों में राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन पाया. विकास को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था, लेकिन हमारे माननीयों को शायद प्रदेश की डगमगाती व्यवस्था से कोई लेना-देना ही नहीं है. तभी तो विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च नहीं कर पाए हैं.

काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च संबंधी सूचना मांगी थी. सूचना से खुलासा हुआ है कि वर्तमान विधायकों को साल 2017 से सितंबर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रुपए की विधायक निधि उपलब्ध हुई. इसमें से केवल 77 प्रतिशत यानी 963.40 करोड़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी है. जबकि 23 प्रतिशत यानी 293.10 करोड़ की विधायक निधि खर्च होनी शेष है.

विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी
विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी

बता दें, उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है. एक विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है. 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में केवल एक विधायक शामिल है. सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च करने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं, जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च करने वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं.

धन सिंह रावत ने की 60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च

60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धन सिंह हैं. 61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुंडीर शामिल हैं. 66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चौहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैं. 71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल हैं.

76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फर्त्याल, भारत सिंह चौधरी, इंदिरा हृदयेश (अब स्वर्गीय), अरविन्द पांडेय, आदेश सिंह चौहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवंत सिंह, रितु खंडूरी, सुरेश राठौर, चन्द्रा पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुनाथ चौहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल हैं. 81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी, यतीश्वरानन्द, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद भंडारी, सौरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल हैं.

86 से 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायकों में कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चौहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, तथा संजीव आर्य शामिल हैं.

पढ़ेंः उत्तराखंड : गृह मंत्री शाह ने किया हवाई सर्वेक्षण, कहा- केंद्र की चेतावनी से कम हुई जन हानि

काशीपुर : 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य गठन को 21 साल पूरे होने जा रहे हैं. इन 21 सालों में राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन पाया. विकास को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था, लेकिन हमारे माननीयों को शायद प्रदेश की डगमगाती व्यवस्था से कोई लेना-देना ही नहीं है. तभी तो विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च नहीं कर पाए हैं.

काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च संबंधी सूचना मांगी थी. सूचना से खुलासा हुआ है कि वर्तमान विधायकों को साल 2017 से सितंबर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रुपए की विधायक निधि उपलब्ध हुई. इसमें से केवल 77 प्रतिशत यानी 963.40 करोड़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी है. जबकि 23 प्रतिशत यानी 293.10 करोड़ की विधायक निधि खर्च होनी शेष है.

विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी
विधायक और मंत्री अपनी निधि खर्च करने में फिसड्डी

बता दें, उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है. एक विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है. 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में केवल एक विधायक शामिल है. सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च करने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं, जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च करने वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं.

धन सिंह रावत ने की 60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च

60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धन सिंह हैं. 61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुंडीर शामिल हैं. 66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चौहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैं. 71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल हैं.

76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फर्त्याल, भारत सिंह चौधरी, इंदिरा हृदयेश (अब स्वर्गीय), अरविन्द पांडेय, आदेश सिंह चौहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवंत सिंह, रितु खंडूरी, सुरेश राठौर, चन्द्रा पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुनाथ चौहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल हैं. 81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी, यतीश्वरानन्द, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद भंडारी, सौरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल हैं.

86 से 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायकों में कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चौहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, तथा संजीव आर्य शामिल हैं.

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