देहरादून : उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. प्रदेश सरकार में सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत समेत भाजपा के कई और दिग्गज नेताओं ने भी पुष्कर सिंह धामी के बाद मंत्री पद की शपथ ली. देहरादून स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने पर पीएम मोदी ने धामी को बधाई दी.
इससे पहले पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहले ही दिन पहली कैबिनेट बैठक करने का फैसला लिया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब से थोड़ी देर बाद 8 बजे पुष्कर कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री
45 साल के पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं. वो दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. जानकार मानते हैं कि कुमाऊं में पार्टी का वर्चस्व और खासकर युवाओं में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए बीजेपी आलाकमान का ये फैसला 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कारगर साबित हो सकता है. उनका जन्म 16 सितंबर, 1975 को हुआ.
लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र रहे धामी यहीं से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे. लगभग एक दशक तक आरएसएस, एबीवीपी में विभिन्न पदों पर भी काम किया. पुष्कर सिंह धामी दो कार्यकालों के लिए उत्तराखंड में भाजपा युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है.
बता दें शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधानमंडल की बैठक के बाद धामी के नाम पर मुहर लगी. केंद्रीय मंत्री और पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम सहित पूर्व मुख्यमंत्रियों तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा सांसदों और विधायकों की मौजूदगी में धामी के नाम पर मुहर लगाई. धामी उत्तराखंड में खटीमा विधानसभा से विधायक हैं. धामी उत्तराखंड के अति सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी से आते हैं.
पुष्कर सिंह धामी ने पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं किया है. उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने भी शपथ ली. जिनमें बिशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडे, रेखा आर्य, धन सिंह रावत, गणेश जोशी, बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल शामिल हैं.
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बता दें कि 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 57 सीटें मिलीं थीं. इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, अमित शाह के करीबी माने जाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उनके मामले पर कोर्ट से फैसला आना था. पार्टी को लगा कि अगर उनके सीएम रहते अगर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए, तो पार्टी की किरकिरी हो जाएगी. अक्टूबर 2020 में हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. इसलिए उनसे इस्तीफा लिया गया. उनकी जगह तीरथ सिंह रावत को सत्ता की कमान दी गई.