बदरीनाथ (उत्तराखंड): धरती के वैकुंठ धाम बदरीनाथ के कपाट आज खुल गए हैं. आज रिमझिम बारिश के बीच उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित वैकुंड धाम बदरीनाथ के कपाट वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ विधि विधान से खोल दिए गए हैं. बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि बदीरनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. मैं इसका साक्षी हूं.
कपाट खुलते समय मौजूद था अपार जनसमूह: बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते समय श्रद्धालुओं का अपार समूह मंदिर परिसर में उपस्थित था. हर तरफ भगवान बदरीविशाल के जयकारे लगाए जा रहे थे. स्थानीय श्रद्धालु बदरीनाथ भगवान की स्तुति करने के साथ ही भजन गा रहे थे. खासकर महिलाएं भगवान बदरीविशाल की भक्ति में लीन थीं. महिला श्रद्धालुओं का कहना था कि आज उनके लिए विशेष दिन है. आज भगवान बदरीनाथ के कपाट खुले हैं.
सेना के बैंड ने जमाया रंग: बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते समय सेना के गढ़वाल स्कॉट की बैंड की धुन ने भी सबका मन मोहा. बैंड की धुन से बदरीनाथ धाम गूंज रहा था. बैंड ने जब ओम जय जगदीश हरे की धुन बजाई तो माहौल भक्तिमय हो गया. श्रद्धालु भी सेना के बैंड की धुन पर झूम रहे थे. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल चुके हैं और चारधाम यात्रा पूरी तरह शुरू हो चुकी है. इससे पहले 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे.
22 अप्रैल को खुले थे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट: 22 अप्रैल से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. सबसे पहले अक्षय तृतीया के दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुले थे. गंगोत्री मंदिर मां गंगा को समर्पित है तो यमुनोत्री धाम मां यमुना का तीर्थस्थल है.
25 अप्रैल को खुले केदारनाथ के कपाट: 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के बाद 25 अप्रैल को रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले थे. केदारनाथ धाम में अभी भी बर्फबारी हो रही है. केदारनाथ की चोटियां बर्फ से ढकी हुई हैं.
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अगले 6 महीने तक खुले रहेंगे चारधाम के कपाट: अब अगले 6 महीने तक चारधाम के कपाट खुले रहेंगे. श्रद्धालु इन 6 महीनों में चारधाम के चारों मंदिरों में जाकर दर्शन कर सकते हैं. इस बार राज्य के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य रखा गया है. इसके साथ ही वाहन चालकों के ग्रीन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं. ग्रीन कार्ड बनाते समय ड्राइवरों का मेडिकल चेकअप भी हो रहा है. फिट पाए जाने पर चालक को चारधाम यात्रा रूट पर वाहन चलाने की अनुमति दी जा रही है.