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उत्तराखंड : 16 दिन के नवजात शिशु में मिली एंटीबॉडी - नवजात शिशु में मिली एंटीबॉडी

काशीपुर में एक निजी अस्पताल में 16 दिन के नवजात शिशु में एंटीबॉडी मिली है. जिसके बाद नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी है.

नवजात शिशु में मिली एंटीबॉडी
नवजात शिशु में मिली एंटीबॉडी
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Published : Sep 29, 2021, 6:39 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश के काशीपुर में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के लिए तीसरी लहर चुनौती बनती नजर आ रही है. कोविड संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने का खतरा बताया जा रहा है. काशीपुर में एक निजी अस्पताल में 16 दिन के नवजात शिशु में एंटीबॉडी मिली है. जिसके बाद नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी है.

16 दिन के बच्चे में मिली एंटीबॉडी:

काशीपुर से मुरादाबाद रोड पर स्थित बिहार अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल ने कहा कि एंटीबॉडी वास्तव में प्रोटेक्टिव कण होते हैं. 16 दिन के नवजात शिशु को उसके परिजन उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत होने पर अस्पताल लाए थे. जांच के दौरान कोविड-19 एंटीबॉडी नवजात में पाई गई. फिलहाल नवजात ठीक है और अस्पताल ने उसे छुट्टी दें दी है.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल

नवजात की मां से या उसके आसपास के क्षेत्र से एंटीबॉडी ग्रहण होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बच्चों में एंटीबॉडी ग्रहण करने की 2 प्रतिशत संभावना होती है. कोरोना की तीसरी लहर से हालांकि इसका कोई लेना देना नहीं है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परिवार में अगर किसी को खांसी, जुकाम की शिकायत है तो वह बच्चों से दूर रहें. 2 साल से ऊपर के बच्चों को मास्क लगाकर रखें. बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम के अलावा उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें.

लगातार बिगड़ रही थी बच्चे की तबीयत

काशीपुर का मामला तब सामने आया जब 16 दिन के नवजात की तबीयत लगातार बिगड़ने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच की सलाह दी. खून की जांच के दौरान पता चला कि बच्चे में एंटीबॉडी बन चुकी हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि बच्चे को कोरोना हुआ था, लेकिन अब वह ठीक हो चुका है.

बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर कुशाल अग्रवाल बताते हैं कि सिर्फ खांसी, जुकाम, बुखार ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं. बच्चों में उल्टी, दस्त ज्यादा दिन तक रहना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में उनके पास आए 16 दिन के बच्चे का केस इस बात का सबूत है कि नवजात भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें-बेंगलुरु आवासीय कॉलेज के 60 छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित

देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश के काशीपुर में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के लिए तीसरी लहर चुनौती बनती नजर आ रही है. कोविड संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने का खतरा बताया जा रहा है. काशीपुर में एक निजी अस्पताल में 16 दिन के नवजात शिशु में एंटीबॉडी मिली है. जिसके बाद नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी है.

16 दिन के बच्चे में मिली एंटीबॉडी:

काशीपुर से मुरादाबाद रोड पर स्थित बिहार अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल ने कहा कि एंटीबॉडी वास्तव में प्रोटेक्टिव कण होते हैं. 16 दिन के नवजात शिशु को उसके परिजन उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत होने पर अस्पताल लाए थे. जांच के दौरान कोविड-19 एंटीबॉडी नवजात में पाई गई. फिलहाल नवजात ठीक है और अस्पताल ने उसे छुट्टी दें दी है.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल

नवजात की मां से या उसके आसपास के क्षेत्र से एंटीबॉडी ग्रहण होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बच्चों में एंटीबॉडी ग्रहण करने की 2 प्रतिशत संभावना होती है. कोरोना की तीसरी लहर से हालांकि इसका कोई लेना देना नहीं है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परिवार में अगर किसी को खांसी, जुकाम की शिकायत है तो वह बच्चों से दूर रहें. 2 साल से ऊपर के बच्चों को मास्क लगाकर रखें. बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम के अलावा उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें.

लगातार बिगड़ रही थी बच्चे की तबीयत

काशीपुर का मामला तब सामने आया जब 16 दिन के नवजात की तबीयत लगातार बिगड़ने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच की सलाह दी. खून की जांच के दौरान पता चला कि बच्चे में एंटीबॉडी बन चुकी हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि बच्चे को कोरोना हुआ था, लेकिन अब वह ठीक हो चुका है.

बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर कुशाल अग्रवाल बताते हैं कि सिर्फ खांसी, जुकाम, बुखार ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं. बच्चों में उल्टी, दस्त ज्यादा दिन तक रहना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में उनके पास आए 16 दिन के बच्चे का केस इस बात का सबूत है कि नवजात भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है.

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