वाशिंगटन : पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और भारत एक साथ सैन्य प्रणालियों के उत्पादन करने पर विचार कर रहे हैं. पेंटागन के रक्षा सचिव के कार्यालय में दक्षिण एशिया नीति के निदेशक सिद्धार्थ अय्यर ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में यह कहा. वह हडसन इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (Intelligence, surveillance and reconnaissance, ISR) के साथ-साथ जमीनी स्तर पर जरूरी सैन्य प्रणालियों के उत्पादन पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत के साथ पारस्परिक रक्षा खरीद समझौता स्थापित करने के प्रयास भी जारी हैं.
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Hudson's @Aparna_Pande sits down with Office of the Secretary of Defense Director for South Asia Policy Siddharth Iyer to discuss how to further the US-India relationship. 🇺🇸🇮🇳
— Hudson Institute (@HudsonInstitute) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भारत और अमेरिका के बीच बातचीत में अच्छी प्रगति : उन्होंने कहा कि हम आईएसआर और फिर निश्चित रूप से जमीन आधारित पारंपरिक युद्ध से संबंधित क्षेत्रों में सैन्य प्रणालियों के निर्माण पर विचार कर रहे हैं. जिसमें भारत हमारा साझेदार है. अय्यर ने कहा, अभी बातें शुरुआती दौर में हैं. जैसे ही कुछ ठोस फैसले होंगे हम इस बारे में अधिक बात कर पायेंगे. भारतीय-अमेरिकी अय्यर ने कहा कि आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा को अंतिम रूप देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अच्छी प्रगति कर रही है. इस बातचीत के निष्कर्षों से रक्षा कंपनियों को देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी.
अमेरिकी और भारतीय रक्षा उद्योगों के लिए बाजार पहुंच बढ़ायेगा : उन्होंने कहा कि हम पारस्परिक रक्षा खरीद समझौते को पूरा करने के लिए आक्रामक तरीके से कदम उठा रहे हैं. यह समझौता अमेरिकी और भारतीय रक्षा उद्योगों के लिए बाजार पहुंच बढ़ायेगा. उन्हें सुव्यवस्थित करने और उनके अनुकुल स्थितियां बनाएगा. अय्यर ने कहा, यह रिश्ता पेंटागन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अमेरिका-भारत के रिश्ते ना सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि बल्कि इंडो-पैसिफिक में हमारी रणनीति को हासिल करने के लिए भी जरूरी है. अमेरिका ऐसा करने के लिए व्यापक रूप से गहरी प्रतिबद्धता दिखाता रहा है.
भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को लेकर उत्सुकता : उन्होंने कहा कि रोडमैप के बारे में बात करते हुए कहा कि हम जिन तरीकों से सोचते हैं उनमें से एक वास्तव में भारत के सैन्य आधुनिकीकरण में तेजी लाने के लिए (रक्षा) सचिव (लॉयड) ऑस्टिन की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण है. ऑस्टिन के लिए भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को लेकर काफी उत्सुक हैं.
प्राथमिकता वाले सैन्य क्षेत्रों की पहचान : अय्यर ने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा रोड मैप, अन्य बातों के अलावा, प्राथमिकता वाले सैन्य क्षेत्रों की पहचान करता है जहां उनके उद्योगों को अपने सहयोगात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यह कुछ ठोस तंत्रों की पहचान करता है जिनके द्वारा वे आपूर्ति श्रृंखलाओं को एकीकृत करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं.
जेट इंजन प्रौद्योगिकी तक भारत की पहुंच : अय्यर ने कहा कि कुछ ठोस पहलों पर, मुझे लगता है कि जीई इंजन सौदे ने प्रेस में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है. मुझे लगता है कि यह सौदे के महत्व का एक प्रमाण है. निश्चित रूप से, यह निजी कंपनियों के बीच एक व्यवस्था है लेकिन सरकारों को एक-दूसरे के साथ, उद्योग के साथ मिलकर काम करना था. हमें इस बारे में वास्तव में समग्र दृष्टिकोण रखना था कि हम कैसे सोचते हैं प्रौद्योगिकी सुरक्षा और हमारे रणनीतिक हित को आगे बढ़ाने का क्या मतलब है. इसे पूरा करने के लिए तकनीकी सुरक्षा और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को संतुलित करना है.
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उन्होंने कहा कि यह सौदा भारत को जेट इंजन प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान करता है जो अमेरिका के लिए उपलब्ध सबसे संवेदनशील सैन्य प्रौद्योगिकियों में से एक है और जिसे कई लोग मुकुट रत्न मानते हैं. अय्यर ने कहा कि आने वाले महीनों में, मुझे उम्मीद है कि हम कई अलग-अलग मोर्चों पर प्रगति करेंगे.