नई दिल्ली : उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) ने साल 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में रियल एस्टेट उद्यमियों सुशील और गोपाल अंसल को उम्रकैद देने की मांग मंगलवार को अदालत से की.
उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हुई थी.
अदालत ने इस मामले में आठ अक्टूबर को अंसल बंधुओं, अदालत के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और पीपी बत्रा तथा अनूप सिंह को दोषी करार दिया था.
अन्य दो आरोपियों हरस्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी.
एवीयूटी अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था, जिसके आधार पर यह मामला दर्ज किया गया.
यह मामला अग्निकांड के साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं को दोषी करार देते हुए उन्हें दो-दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.
हालांकि, शीर्ष अदालत ने उनके जेल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि वे दिल्ली में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये का जुर्माना देंगे.
एवीयूटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा से दोषियों को अधिकतम सजा देने का आग्रह करते हुए दावा किया कि मामला कहीं अधिक गंभीर है क्योंकि यह समाज के अमीर लोगों के दुस्साहस और अहंकार को प्रकट करता है, जिन्हें लगता है कि वे कानून की पहुंच से बाहर हैं और गंभीर अपराध करने के बाद भाग सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्य रूप से अंसल बंधुओं ने मुख्य उपहार मामले में उन्हें दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और अदालत के कर्मचारियों के साथ आपराधिक साजिश रचने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ की.
(पीटीआई)