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इस लाइब्रेरी को 125 सालों से रौशन कर रहे बल्ब, जानें क्या है राज..

क्या आप यकीन करेंगे कि दुनिया को रौशन करने वाले कुछ बल्ब ऐसे भी हो सकते हैं जो 125 साल से रोशनी बिखेर रहे हों? सुनकर हैरानी होगी लेकिन आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही कमाल के बल्ब के बारे में. इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि उस समय जब टेक्नोलॉजी आज के मुकाबले कहीं पिछड़ी थी लेकिन तब से ये बल्ब बिना फ्यूज़ हुए आज भी जल रहे हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कहां लगे हैं ये बल्ब और कैसे ये 125 सालों से रोशनी बिखेर रहे हैं.

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Published : Apr 22, 2022, 3:41 PM IST

रामपुर: आज जब आपके घरों के बल्ब जल्दी-जल्दी फ्यूज हो जाते हैं, वहीं, सौ साल से भी ज़्यादा वक्त से अगर कोई बल्ब लगातार रोशनी बिखेर रहे हों तो यकीनन आप उस समय के मैन्युफैक्चरर्स की दाद देंगे, लेकिन ऐसा क्या खास था उस समय के इन बल्बों में जो बिना बुझे लगातार काम किए जा रहे हैं. क्या ऐसा मुमकिन है?

रामपुर की रजा लाइब्रेरी है
उत्तर प्रदेश के रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी अपनी कई खूबियों के लिए दुनियाभर में जानी जाती है. रामपुर के तत्कालीन नवाब फैज़ुल्ला खान ने 1774 में रजा लाइब्रेरी की स्थापना की थी. इस लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपियां, ऐतिहासिक दस्तावेज, मुगलकालीन पेंटिंग्स, किताबें, और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरण सहित अन्य बहुमूल्य कलाकृतियों का भंडार है. इसके साथ ही यहां आपको अरबी और फारसी भाषा में कुछ दुर्लभ ग्रंथ इस भी मिल जाएंगे. और तो और यहां 60,000 से ज्यादा पुस्तकों का विशाल भंडार है.

रामपुर की रजा लाइब्रेरी में 125 सालों से जगमगा रहे बल्ब

125 साल पुराने बल्ब से रौशन रजा लाइब्रेरी
रजा लाइब्रेरी के दरबार हॉल की खूबसूरती की मिसाल आज भी दी जाती है और इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं यहां के झाड़ फानूस. लेकिन झाड़ फानूस जब तक रोशनी न बिखेरें तब तक उनका कोई मतलब नहीं. बिजली आने के बाद इन फानूसों में खास किस्म के बल्ब लगाए गए. करीब 125 साल पहले लगाए गए ये बल्ब, आज भी बिना बुझे लगातार जल रहे हैं और पूरे हॉल को जगमग कर रहे हैं.

रजा लाइब्रेरी के निदेशक सादिक इस्लाही बताते हैं कि दरबार हाल में लगे झाड़ फानूस 125 साल पुराने हैं और इतने सालों से ये अब तक काम कर रहे हैं. वहीं झाड़ फानूस में सोने की नक्काशी की गई है. दरबार हॉल के पिलर, उसकी सीलिंग पर नक्काशी इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती है. सादिक इस्लाही बताते हैं कि नवाब साहब का उस वक्त अपना पावर हाउस था जिसकी वजह से उन्होंने यह झाड़ फानूस लगवाए थे.

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125 साल पुराने बल्ब

यह भी पढ़ें-अनोखा मेला! जहां लड़की ने पान खा लिया तो समझो रिश्ता पक्का

125 साल का राज क्या ?
क्या कोई बल्ब इतने साल तक चल सकता है? यह जानने के लिए हमने रामपुर के रेडिको खैतान में कार्यरत इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शिवेंद्र यादव से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि यहां 125 सालों से बल्ब जल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण है पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम. उनका कहना है कि उस समय फ्लकचुएशन की समस्या नहीं रही होगी. अगर पावर सप्लाई में फ्लकचुएशन नहीं है तो जो भी इलेक्ट्रिक उपकरण हैं, उनकी लाइफ बढ़ जाती है. जैसे घरों में 220 वोल्ट का इस्तेमाल होता है. अगर इसमें सर्वो स्टेबलाइजर का इस्तेमाल होता है, तो वोल्टेज फ्लकचुएशन लगभग ना के बराबर होगा. शिवेंद्र यादव ने बताया कि एलईडी या सीएफएल बल्ब की नॉर्मल लाइफ 5 से 10 साल होती है. ऐसे में रजा लाइब्रेरी में लगे बल्बों की चमकदार रोशनी और इतनी लंबी लाइफ, अनोखी ही कही जाएगी.

रामपुर: आज जब आपके घरों के बल्ब जल्दी-जल्दी फ्यूज हो जाते हैं, वहीं, सौ साल से भी ज़्यादा वक्त से अगर कोई बल्ब लगातार रोशनी बिखेर रहे हों तो यकीनन आप उस समय के मैन्युफैक्चरर्स की दाद देंगे, लेकिन ऐसा क्या खास था उस समय के इन बल्बों में जो बिना बुझे लगातार काम किए जा रहे हैं. क्या ऐसा मुमकिन है?

रामपुर की रजा लाइब्रेरी है
उत्तर प्रदेश के रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी अपनी कई खूबियों के लिए दुनियाभर में जानी जाती है. रामपुर के तत्कालीन नवाब फैज़ुल्ला खान ने 1774 में रजा लाइब्रेरी की स्थापना की थी. इस लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपियां, ऐतिहासिक दस्तावेज, मुगलकालीन पेंटिंग्स, किताबें, और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरण सहित अन्य बहुमूल्य कलाकृतियों का भंडार है. इसके साथ ही यहां आपको अरबी और फारसी भाषा में कुछ दुर्लभ ग्रंथ इस भी मिल जाएंगे. और तो और यहां 60,000 से ज्यादा पुस्तकों का विशाल भंडार है.

रामपुर की रजा लाइब्रेरी में 125 सालों से जगमगा रहे बल्ब

125 साल पुराने बल्ब से रौशन रजा लाइब्रेरी
रजा लाइब्रेरी के दरबार हॉल की खूबसूरती की मिसाल आज भी दी जाती है और इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं यहां के झाड़ फानूस. लेकिन झाड़ फानूस जब तक रोशनी न बिखेरें तब तक उनका कोई मतलब नहीं. बिजली आने के बाद इन फानूसों में खास किस्म के बल्ब लगाए गए. करीब 125 साल पहले लगाए गए ये बल्ब, आज भी बिना बुझे लगातार जल रहे हैं और पूरे हॉल को जगमग कर रहे हैं.

रजा लाइब्रेरी के निदेशक सादिक इस्लाही बताते हैं कि दरबार हाल में लगे झाड़ फानूस 125 साल पुराने हैं और इतने सालों से ये अब तक काम कर रहे हैं. वहीं झाड़ फानूस में सोने की नक्काशी की गई है. दरबार हॉल के पिलर, उसकी सीलिंग पर नक्काशी इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती है. सादिक इस्लाही बताते हैं कि नवाब साहब का उस वक्त अपना पावर हाउस था जिसकी वजह से उन्होंने यह झाड़ फानूस लगवाए थे.

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125 साल पुराने बल्ब

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125 साल का राज क्या ?
क्या कोई बल्ब इतने साल तक चल सकता है? यह जानने के लिए हमने रामपुर के रेडिको खैतान में कार्यरत इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शिवेंद्र यादव से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि यहां 125 सालों से बल्ब जल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण है पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम. उनका कहना है कि उस समय फ्लकचुएशन की समस्या नहीं रही होगी. अगर पावर सप्लाई में फ्लकचुएशन नहीं है तो जो भी इलेक्ट्रिक उपकरण हैं, उनकी लाइफ बढ़ जाती है. जैसे घरों में 220 वोल्ट का इस्तेमाल होता है. अगर इसमें सर्वो स्टेबलाइजर का इस्तेमाल होता है, तो वोल्टेज फ्लकचुएशन लगभग ना के बराबर होगा. शिवेंद्र यादव ने बताया कि एलईडी या सीएफएल बल्ब की नॉर्मल लाइफ 5 से 10 साल होती है. ऐसे में रजा लाइब्रेरी में लगे बल्बों की चमकदार रोशनी और इतनी लंबी लाइफ, अनोखी ही कही जाएगी.

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