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UP Election 2022: पीएम बोले लाल टोपी का मतलब रेड अलर्ट, सपा कार्यकर्ताओं ने शुरू की बंपर खरीद

प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी ने समाजवाद के लाल रंग को 'उप्र के लिए खतरा' और लाल टोपी वाले गुंडे' के बयान के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रदेश में समाजवाद को वापस लाने और सरकार के बदलाव के लिए लाल टोपी पहन कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

Samajwadi Party
समाजवादी पार्टी
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Published : Jan 28, 2022, 7:06 PM IST

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi's) की लाल टोपी का मतलब रेड अलर्ट वाले बयान के कुछ हफ्ते बाद, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता (Samajwadi Party workers) बड़ी संख्या टोपी खरीद रहे हैं. कार्यकर्ताओं का दावा है कि लाल टोपी परिवर्तन और क्रांति का प्रतीक है (Symbol Of Change And Revolution). इसी वजह से इसकी बिक्री में इजाफा हुआ है. चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब अधिक से अधिक लाल टोपी पहन रहे हैं जिस कारण इसकी बिक्री में इजाफा देखने को मिल रहा है (Huge Jump In The Sales Of Red Caps).

समाजवादियों के लाल टोपी पहनने से दो बाते हो रही हैं एक तो वह बिना चुनाव आयोग की नजरों में आए पार्टी का प्रचार कर रहे हैं और दूसरे 'लाल टोपी वाले उप्र के लिये खतरा हैं' और 'लाल टोपी वाले गुंडे' वाले बयान का खामोश रहकर विरोध कर रहे हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Party Chief Akhilesh Yadav) का हमेशा लाल टोपी पहनने से यह समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए अब एक स्टेटस सिम्बल बन गया है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि 'आज गांव-गांव, गली-गली में सपा का हर नेता और कार्यकर्ता लाल टोपी लगाकर चुनाव प्रचार कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने समाजवाद के लाल रंग को 'उप्र के लिए खतरा' और लाल टोपी वाले गुंडे' के बयान के बाद अब पार्टी नेता और कार्यकर्ता प्रदेश में समाजवाद को वापस लाने और सरकार के बदलाव के लिए लाल टोपी पहन रहे हैं. सुनील सिंह साजन का कहना है कि हम भाजपा नेताओं को दिखा देना चाहते हैं कि लाल टोपी पहनने वाले समाजवादी कार्यकर्ता गुंडे नहीं बल्कि जनता के सेवक हैं. हम विधानसभा चुनाव में क्रांति लाकर इस सरकार को बदल कर ही दम लेंगे.

पढ़ें:राष्ट्रवाद की बात करने वाले जवाब दें कि सशस्त्र बलों में 1.22 लाख रिक्तियां क्यों: सचिन पायलट

लखनऊ के चुनाव प्रचार सामग्री के थोक विक्रेता शीला इंटरप्राइजेज के राजू शुक्ला बताते हैं कि इस विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के रैलियों और जुलूस पर पाबंदी के कारण प्रचार सामग्री के बैनर पोस्टर की बिक्री तो बहुत कम है लेकिन समाजवादी पार्टी की 'लाल टोपी' की बिक्री में काफी उछाल आया है. शुक्ला ने आगे कहा कि यह टोपी पहनने पर किसी की कोई बंदिश नहीं है और न ही इसे दूर दराज के इलाकों में ले जाने पर पुलिस की कार्रवाई का खतरा है. शुक्ला बताते हैं कि उनके पास बिक्री के लिये कई तरीके की 'लाल टोपियां' हैं जिन्हें आमतौर पर नेता और कायकर्ता पहनते हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक और लाल टोपी है जिसकी एक तरफ समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल बना हुआ है और दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी या अखिलेश यादव का नाम लिखा हुआ है.

प्रचार सामग्री की एक अन्य दुकानदार सक्सेना बंधु के नरेंद्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी की टोपियों के साथ समाजवादी मास्क की बिक्री में भी इजाफा देखने को मिला है. उनका कहना है कि साइकिल निशान वाले मास्क ज्यादातर युवा कार्यकर्ता खरीद रहें हैं क्योंकि इनको लगाकर कोरोना से बचाव के साथ-साथ पार्टी का प्रचार भी हो रहा है. ऐसा ही विचार आयुष पब्लिसिटी सेंटर के अमित और बाला जी इंटरप्राइजेज के आलोक कुमार का भी था. गौरतलब है कि सात दिसंबर को गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा था कि लाल टोपी वाले उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट 'खतरे की घंटी' हैं और वो आतंकवादियों को जेल से छुड़ाने के लिए सत्ता हासिल करना चाहते हैं.

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi's) की लाल टोपी का मतलब रेड अलर्ट वाले बयान के कुछ हफ्ते बाद, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता (Samajwadi Party workers) बड़ी संख्या टोपी खरीद रहे हैं. कार्यकर्ताओं का दावा है कि लाल टोपी परिवर्तन और क्रांति का प्रतीक है (Symbol Of Change And Revolution). इसी वजह से इसकी बिक्री में इजाफा हुआ है. चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब अधिक से अधिक लाल टोपी पहन रहे हैं जिस कारण इसकी बिक्री में इजाफा देखने को मिल रहा है (Huge Jump In The Sales Of Red Caps).

समाजवादियों के लाल टोपी पहनने से दो बाते हो रही हैं एक तो वह बिना चुनाव आयोग की नजरों में आए पार्टी का प्रचार कर रहे हैं और दूसरे 'लाल टोपी वाले उप्र के लिये खतरा हैं' और 'लाल टोपी वाले गुंडे' वाले बयान का खामोश रहकर विरोध कर रहे हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Party Chief Akhilesh Yadav) का हमेशा लाल टोपी पहनने से यह समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए अब एक स्टेटस सिम्बल बन गया है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि 'आज गांव-गांव, गली-गली में सपा का हर नेता और कार्यकर्ता लाल टोपी लगाकर चुनाव प्रचार कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने समाजवाद के लाल रंग को 'उप्र के लिए खतरा' और लाल टोपी वाले गुंडे' के बयान के बाद अब पार्टी नेता और कार्यकर्ता प्रदेश में समाजवाद को वापस लाने और सरकार के बदलाव के लिए लाल टोपी पहन रहे हैं. सुनील सिंह साजन का कहना है कि हम भाजपा नेताओं को दिखा देना चाहते हैं कि लाल टोपी पहनने वाले समाजवादी कार्यकर्ता गुंडे नहीं बल्कि जनता के सेवक हैं. हम विधानसभा चुनाव में क्रांति लाकर इस सरकार को बदल कर ही दम लेंगे.

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लखनऊ के चुनाव प्रचार सामग्री के थोक विक्रेता शीला इंटरप्राइजेज के राजू शुक्ला बताते हैं कि इस विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के रैलियों और जुलूस पर पाबंदी के कारण प्रचार सामग्री के बैनर पोस्टर की बिक्री तो बहुत कम है लेकिन समाजवादी पार्टी की 'लाल टोपी' की बिक्री में काफी उछाल आया है. शुक्ला ने आगे कहा कि यह टोपी पहनने पर किसी की कोई बंदिश नहीं है और न ही इसे दूर दराज के इलाकों में ले जाने पर पुलिस की कार्रवाई का खतरा है. शुक्ला बताते हैं कि उनके पास बिक्री के लिये कई तरीके की 'लाल टोपियां' हैं जिन्हें आमतौर पर नेता और कायकर्ता पहनते हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक और लाल टोपी है जिसकी एक तरफ समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल बना हुआ है और दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी या अखिलेश यादव का नाम लिखा हुआ है.

प्रचार सामग्री की एक अन्य दुकानदार सक्सेना बंधु के नरेंद्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी की टोपियों के साथ समाजवादी मास्क की बिक्री में भी इजाफा देखने को मिला है. उनका कहना है कि साइकिल निशान वाले मास्क ज्यादातर युवा कार्यकर्ता खरीद रहें हैं क्योंकि इनको लगाकर कोरोना से बचाव के साथ-साथ पार्टी का प्रचार भी हो रहा है. ऐसा ही विचार आयुष पब्लिसिटी सेंटर के अमित और बाला जी इंटरप्राइजेज के आलोक कुमार का भी था. गौरतलब है कि सात दिसंबर को गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा था कि लाल टोपी वाले उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट 'खतरे की घंटी' हैं और वो आतंकवादियों को जेल से छुड़ाने के लिए सत्ता हासिल करना चाहते हैं.

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