लखनऊ: गोला गोकरननाथ से विधायक अरविंद गिरी के निधन को लेकर शोक प्रस्ताव पास करके विधानसभा का मानसून सत्र पहले दिन स्थगित कर दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा पक्ष और विपक्ष के सभी दलों के सभी प्रमुख नेताओं ने अपनी अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 2 मिनट का मौन रखा. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने शोक प्रस्ताव में कहा कि अरविंद गिरी विधानसभा के अधिष्ठाता मंडल में शामिल थे. वह बहुत ही संवेदनशील विधायक थे. उन्होंने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा सहयोग किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद, बहुजन समाज पार्टी के विधायक उमाशंकर सिंह ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. धरना प्रदर्शन को लेकर समाजवादी पार्टी और लोकदल का कोई भी प्रतिनिधि सदन में नहीं पहुंचा था. इस वजह से उनके नेताओं की शोक संवेदना प्रस्ताव नहीं हो सका.
महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने कांग्रेस कार्यालय से विधानसभा तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान विधायक वीरेंद्र चौधरी और विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा सहित कई कांग्रेसी नेता मौजूद रहे. आराधना मिश्रा ने कहा कि महंगाई ने देश की कमर तोड़ दी है. हर वर्ग इससे परेशान है. राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो का कार्यक्रम चला रहे हैं. आज सदन में पहला दिन था. कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया था कि हमारे साथी विधायक पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक पैदल मार्च करेंगे. लेकिन, पुलिस ने रोक दिया.
-
महँगाई, बेरोज़गारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। pic.twitter.com/yOCArCy276
">महँगाई, बेरोज़गारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022
सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। pic.twitter.com/yOCArCy276महँगाई, बेरोज़गारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022
सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। pic.twitter.com/yOCArCy276
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में सोमवार को सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं ने विधानसभा तक पैदल मार्च निकाला. वहीं, पुलिस ने विक्रमादित्य मार्ग पर सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को रोक लिया. इससे नाराज होकर अखिलेश यादव विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए. कुछ देर बाद धरना समाप्त होने पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में बीजेपी और योगी सरकार पर निशाना साधा.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार विपक्ष को जनता की आवाज नहीं उठाने देना चाहती है. उन्होंने कहा कि उनके विशेषाधिकार का हनन हो रहा है. इसके लिए पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने पैदल मार्च के लिए जो रूट तय किया था, उस पर भी नहीं जाने दिया. बाजेपी के लोग समस्या पैदा करने चाहते हैं, समस्या का समाधान नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि सरकार के विधायक और मंत्री खुद भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार की व्यवस्था देखकर डिप्टी सीएम तक शर्मिंदा हो जाते हैं.
22 सितंबर को महिला विधायक सदन चलाएंगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों की बैठक में कहा कि 22 सितंबर का दिन दोनों सदनों के लिए सिर्फ महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है. ऐसा पहली बार हो रहा है. ऐसे में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए सभी महिला विधायक सदन में मिशन शक्ति को लेकर किए गए सरकार की तरफ से कार्यों की जानकारी दें.
महिला सदस्य होंगी पीठासीन अधिकारी
देश की किसी विधानसभा में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य ही अपना विषय रखेंगी. उन्होंने महिला सदस्यों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के दृष्टिगत चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के विषय में जरूर बोलें. सीएम योगी ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से अनुरोध करते हुए कहा कि इस दिन को विशेष बनाने के लिए महिला सदस्य को दोनों सदनों में पीठासीन अधिकारी बनाएं.
ये भी पढ़ें- अयोध्या में भगवान राम से पहले बना CM योगी का मंदिर, रोज होती है पूजा