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UP Assembly Election: विकास संग धर्म-संस्कृति व मुफ्त योजनाओं का पिटारा है BJP का संकल्प पत्र

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उत्तर प्रदेश के संकल्प पत्र ने चुनाव के लिए एजेंडा तय कर दिया है. उत्तर प्रदेश में इस बार जहां सभी पार्टियों के बीच मुफ्त बिजली, पानी और तमाम चीजों को देने की होड़ लगी है वहीं भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में इससे आगे बढ़कर मुफ्त योजनाओं के वायदे (free plans promises) कर डालें हैं. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

Bharatiya Janata Party
भारतीय जनता पार्टी
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Published : Feb 8, 2022, 5:19 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : यूपी के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के घोषणा पत्र में उत्तर प्रदेश से जुड़े हर सांस्कृतिक धरोहर, महापुरुषों और नेताओं के नाम से कुछ ना कुछ दिया गया है. यानी कि वोट बैंक को साधने के लिए हर जाति और समुदाय के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश इस संकल्प पत्र में की गई है.

उत्तर प्रदेश का घोषणा पत्र यूपी के चुनाव का एजेंडा तैयार करता हुआ नजर आ रहा है. जहां इस घोषणापत्र किसानों को मुफ्त बिजली और होली दीवाली में लोगों को सिलेंडर और वृद्धा और दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी की बात की गई है. वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय, चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र, वाराणसी में संत रविदास सांस्कृतिक केंद्र, रंग वीरपुर में निषादराज गुहा सांस्कृतिक केंद्र और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संस्कृतिक केंद्र बनाने के भी वायदे किए गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर भी बहराइच में उनकी प्रतिमा व भव्य स्मारक बनाने के वायदे किए हैं. भाजपा का यह संकल्प पत्र विकास, धर्म, संस्कृति और मुफ्त योजनाओं के बीच तालमेल का सामंजस्य नजर आ रहा है. युवाओं के लिए 5 साल में हर घर में एक रोजगार या स्वरोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया गया है. ग्राम पंचायतों में जिम और खेल के मैदान बनाए जाने की बात कही गई है.

मेधावी छात्राओं को स्कूटी और सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी करने की भी बात कही गई है. लता मंगेशकर की स्मृति में आर्ट्स अकैडमी की स्थापना की गई है. यही नहीं घोषणा पत्र में लव जिहाद के नाम पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ एक लाख जुर्माना और 1 साल तक की कैद के नियमों को लाने का भी प्रावधान किया गया है, जो अपने आप में वोटों के ध्रुवीकरण करने का रास्ता साफ करता हुआ नजर आता है. पार्टी से नाराज चल रहे किसानों के लिए भी मुफ्त बिजली के वायदे किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022: अमित शाह ने जारी किया भाजपा का 'संकल्प पत्र'

एक तरह से देखा जाए तो घोषणा पत्र में तमाम विपक्षी पार्टियों की तरफ से की जा रही अलग-अलग घोषणाओं को काउंटर करते हुए पार्टी ने ज्यादा मुफ्त घोषणाएं की है. पार्टी के संकल्प पत्र में 5 साल में 5 एक्सप्रेस-वे के निर्माण का वायदा किया गया है. जिनमें गंगा एक्सप्रेसवे, कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है. यही नहीं गरीबों को लुभाने के लिए भी कम रेट पर भोजन उपलब्ध कराने का वादा किया गया है. वहीं पूरे यूपी में मां अन्नपूर्णा कैंटीन स्थापित करने की भी वायदे संकल्प पत्र में किए गए हैं.

वरिष्ठ नागरिकों के और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाकर 15 सौ रुपए प्रतिमाह करने की योजना भी संकल्प पत्र में रखी गई है. साथ ही होली और दिवाली पर दो गैस सिलेंडर मुफ्त देने की बात कहीं गई है, जो अपने आप में पार्टी के ध्रुवीकरण का रास्ता साफ करता है. प्रदेश में 1000000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है.

यह भी पढ़ें- UP Assembly Election: किसान, रोजगार, हेल्थ सब है एजेंडे में, जानें सपा के चुनावी वायदे

राजनीतिक विश्लेषक देश रतन निगम का कहना है कि भाजपा की यह कोई मुफ्त घोषणा ही नहीं है. शुरू से ही घोषणा पत्रों को उठाकर देखें तो भाजपा विकास और धर्म की राजनीति के बीच हमेशा से अपने संकल्प पत्रों में सामंजस्य बिठाती आई है. यह कोई पहली बार नहीं है कि धर्म से संबंधित विश्वविद्यालय या महापुरुषों के नाम पर परियोजनाओं की या विश्वविद्यालयों की घोषणा की गई है. इससे पहले मंदिर निर्माण की बातें कही जाती थी तब भी यही बातें उठाई जाती रही है. इसीलिए कहा जा सकता है कि यह घोषणा पत्र अपने आप में भाजपा के नीति नियमों को देखते हुए उनके सिद्धांतों के अनुकूल है.

नई दिल्ली : यूपी के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के घोषणा पत्र में उत्तर प्रदेश से जुड़े हर सांस्कृतिक धरोहर, महापुरुषों और नेताओं के नाम से कुछ ना कुछ दिया गया है. यानी कि वोट बैंक को साधने के लिए हर जाति और समुदाय के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश इस संकल्प पत्र में की गई है.

उत्तर प्रदेश का घोषणा पत्र यूपी के चुनाव का एजेंडा तैयार करता हुआ नजर आ रहा है. जहां इस घोषणापत्र किसानों को मुफ्त बिजली और होली दीवाली में लोगों को सिलेंडर और वृद्धा और दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी की बात की गई है. वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय, चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र, वाराणसी में संत रविदास सांस्कृतिक केंद्र, रंग वीरपुर में निषादराज गुहा सांस्कृतिक केंद्र और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संस्कृतिक केंद्र बनाने के भी वायदे किए गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर भी बहराइच में उनकी प्रतिमा व भव्य स्मारक बनाने के वायदे किए हैं. भाजपा का यह संकल्प पत्र विकास, धर्म, संस्कृति और मुफ्त योजनाओं के बीच तालमेल का सामंजस्य नजर आ रहा है. युवाओं के लिए 5 साल में हर घर में एक रोजगार या स्वरोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया गया है. ग्राम पंचायतों में जिम और खेल के मैदान बनाए जाने की बात कही गई है.

मेधावी छात्राओं को स्कूटी और सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी करने की भी बात कही गई है. लता मंगेशकर की स्मृति में आर्ट्स अकैडमी की स्थापना की गई है. यही नहीं घोषणा पत्र में लव जिहाद के नाम पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ एक लाख जुर्माना और 1 साल तक की कैद के नियमों को लाने का भी प्रावधान किया गया है, जो अपने आप में वोटों के ध्रुवीकरण करने का रास्ता साफ करता हुआ नजर आता है. पार्टी से नाराज चल रहे किसानों के लिए भी मुफ्त बिजली के वायदे किए गए हैं.

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एक तरह से देखा जाए तो घोषणा पत्र में तमाम विपक्षी पार्टियों की तरफ से की जा रही अलग-अलग घोषणाओं को काउंटर करते हुए पार्टी ने ज्यादा मुफ्त घोषणाएं की है. पार्टी के संकल्प पत्र में 5 साल में 5 एक्सप्रेस-वे के निर्माण का वायदा किया गया है. जिनमें गंगा एक्सप्रेसवे, कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है. यही नहीं गरीबों को लुभाने के लिए भी कम रेट पर भोजन उपलब्ध कराने का वादा किया गया है. वहीं पूरे यूपी में मां अन्नपूर्णा कैंटीन स्थापित करने की भी वायदे संकल्प पत्र में किए गए हैं.

वरिष्ठ नागरिकों के और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाकर 15 सौ रुपए प्रतिमाह करने की योजना भी संकल्प पत्र में रखी गई है. साथ ही होली और दिवाली पर दो गैस सिलेंडर मुफ्त देने की बात कहीं गई है, जो अपने आप में पार्टी के ध्रुवीकरण का रास्ता साफ करता है. प्रदेश में 1000000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है.

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राजनीतिक विश्लेषक देश रतन निगम का कहना है कि भाजपा की यह कोई मुफ्त घोषणा ही नहीं है. शुरू से ही घोषणा पत्रों को उठाकर देखें तो भाजपा विकास और धर्म की राजनीति के बीच हमेशा से अपने संकल्प पत्रों में सामंजस्य बिठाती आई है. यह कोई पहली बार नहीं है कि धर्म से संबंधित विश्वविद्यालय या महापुरुषों के नाम पर परियोजनाओं की या विश्वविद्यालयों की घोषणा की गई है. इससे पहले मंदिर निर्माण की बातें कही जाती थी तब भी यही बातें उठाई जाती रही है. इसीलिए कहा जा सकता है कि यह घोषणा पत्र अपने आप में भाजपा के नीति नियमों को देखते हुए उनके सिद्धांतों के अनुकूल है.

Last Updated : Feb 8, 2022, 6:01 PM IST
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