वाराणसी: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम ममता बनर्जी को उनके गढ़ में लगातार चैलेंज दिया था. वहीं अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में ममता पीएम मोदी के गढ़ में उन्हें ललकारेंगी. 3 मार्च को वाराणसी में ममता बनर्जी का कार्यक्रम प्रस्तावित है. इसे लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा और युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव 22 फरवरी को वाराणसी पहुंच रहे हैं. इस दौरान प्रत्याशियों के साथ बैठक करने के अलावा ममता बनर्जी के आगमन को लेकर पूरी प्लानिंग तैयार की जाएगी.
दरअसल ममता बनर्जी की पार्टी भले ही उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन वह खुले तौर पर अखिलेश यादव का समर्थन कर रही हैं. हाल ही में लखनऊ में पहुंचकर उन्होंने अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. लखनऊ से उन्होंने उत्तर प्रदेश में खेला होबे का नारा देते हुए वाराणसी आने की घोषणा भी की थी. ममता बनर्जी ने वाराणसी में जनसभा के साथ ही काशी विश्वनाथ में दर्शन करने की बात भी कही थी और इसी प्लानिंग को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता बनारस में ममता बनर्जी के आगमन को लेकर तैयारियों की समीक्षा करने के लिए 22 तारीख को बनारस पहुंच रहे हैं.
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा वाराणसी में ममता बनर्जी की जनसभा स्थल से लेकर उनके रोड शो तक की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी वाराणसी के बंगाली बाहुल्य इलाकों में जनसंपर्क के लिए भी जा सकती हैं. इनमें सोनारपुरा, जगमबाड़ी, पांडेय हवेली शिवाला और इससे सटे तमाम इलाके हैं, जहां पर बड़ी संख्या में बंगाली परिवार रहते हैं. चूंकि भारतीय जनता पार्टी के सात बार के विधायक रह चुके श्यामदेव राय चौधरी भी बंगाली कम्युनिटी से ही आते हैं और बीजेपी का सबसे मजबूत किला दक्षिणी को ही माना जाता है. इसी कारण से बंगाली वोटर्स को साधने के साथ ममता बनर्जी भाजपा के सबसे मजबूत किले में सेंधमारी की कोशिश कर सकती हैं. ममता बनर्जी यहां पर रोड शो और जनसंपर्क अभियान के अलावा बनारस के किसी एक विधानसभा में जनसभा भी कर सकती हैं. इसके अलावा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी जाएंगी.
फिलहाल ममता बनर्जी के आगमन को लेकर समाजवादी पार्टी के साथ हाल ही में कांग्रेस और तृणमूल में शामिल हुए कमलापति त्रिपाठी परिवार के ललितेशपति त्रिपाठी भी तैयारियों में जुटे हैं. अपने वक्त के सबसे बड़े और कांग्रेस के ब्राह्मणवादी चेहरे के रूप में कमलापति त्रिपाठी उत्तर प्रदेश में एक अलग पहचान रखते थे और यही वजह है कि ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए ललितेश को आगे करके अखिलेश के लिए ब्राह्मणों को एकजुट करने का भी काम करेंगी.