न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि ओमीक्रोन के खतरे को हल्के में नहीं ले. कोविड-19 का यह वैरिएंट आने वाले समय में तबाही मचा सकता है. संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स 2022 (WESP 2022) की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है कि ओमीक्रोन के कारण नई लहरों से मौतों की तादाद बढ़ सकती है, साथ ही आर्थिक नुकसान में बढ़ोतरी होगी. पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत में 2.40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और इससे अर्थव्यवस्था में रुकावट आई थी. अप्रैल से जून के बीच डेल्टा वैरिएंट ने कहर बरपाया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह भारत में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ेगा.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि टीकाकरण की धीमी रफ्तार से कोरोना के नए-नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं. दुनिया के कई देशों में वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की गति स्लो है. अगर इन देशों में वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो कोरोना की लहरों का खतरा बना रहेगा.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पिछले हफ्ते के दौरान दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में करीब 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि मौत के मामले में आंकड़े स्थिर हैं. पिछले हफ्ते कोविड-19 के करीब डेढ़ करोड़ नए मामले आए थे और 43000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. अफ्रीका को छोड़कर दुनिया के सभी देश में कोविड संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है लेकिन अफ्रीका में 11 प्रतिशत की कमी आई है.
बता दें कि देश में शुक्रवार को गुरुवार के मुकाबले कोरोना के 16,785 ज़्यादा मामले आए हैं. गुरुवार को कोरोना वायरस के 2,47,417 मामले आए थे. वहीं शुक्रवार को 2,64,202 नए मामले आए और 1,09,345 रिकवरी हुईं. इसके साथ ही एक्टिव केस बढ़कर 12 लाख 72 हजार 73 हो गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 12 लाख 72 हजार 73 हो गई है. वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4 लाख 85 हजार 350 हो गई है. एक्सपर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर जनवरी के अंत तक पीक पर पहुंच सकती है. तब रोजाना छह से आठ लाख केस सामने आ सकते हैं. हालांकि फरवरी के पहले सप्ताह के बीच इसमें कमी भी आएगी.
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