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कनाडा में शादी, दिल्ली-फिलीपींस से आशीर्वाद और उज्जैन में बेसहारों को रिसेप्शन

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Published : May 16, 2021, 4:53 AM IST

कनाडा के टोरंटो शहर में एक विवाह संपन्न हुआ. इस विवाह को भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से आशीर्वाद मिला. कनाडा में रहने वाले सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से विवाह किया.

कनाडा में रहने वाले सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से विवाह किया
कनाडा में रहने वाले सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से विवाह किया

उज्जैन: कोरोना संक्रमण के बीच कनाडा के टोरंटो शहर के पास स्थित ब्रह्मटन में शनिवार को अनोखा विवाह सम्पन्न हुआ. दूल्हे के माता-पिता ने दिल्ली से तो दादी ने उज्जैन से वर-वधू को वर्चुअल आशीर्वाद दिया. इतना ही नहीं शादी का रिसेप्शन सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 से अधिक आश्रमवासियों को दिया गया. इस अनोखे विवाह में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. वधू के पिता ने भी फिलीपींस से वर्चुअल आशीर्वाद दिया.

  • कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारत में नहीं हुई शादी

दरअसल कोरोना काल में भारत में सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगी है. आखातीज पर देश में लाखों विवाह बिना मुहूर्त के ही संपन्न होते हैं. इसी अनबूझ मुहूर्त में दिल्ली के मूल निवासी सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से भारतीय रीति-रिवाज से विवाह किया. सहर्ष कनाडा में पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी कर रहे हैं. वही, उनकी दोस्ती जेली नारसिको से हुई, दोनों ने आपस में परिणय सूत्र में बंधने का निर्णय लिया. शुरुआत में तय हुआ था कि दिल्ली में भव्यता से विवाह होगा, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने से ऐसा संभव नहीं हो सका. इसी बीच विचार आया कि बेहद सादगी से विवाह संपन्न किया जाए. विचार आते ही सहर्ष ने अपने माता पिता और बड़े पापा समेत दादी से इसकी इजाजत मांगी और सबने निर्णय का स्वागत करते हुए विवाह की मंजूरी दे दी.

कोरोना काल और शादी
लड़के के माता-पिता
  • भारतीय रीति-रिवाज से हुआ विवाह

परिवार और स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेने के बाद इन दोनों ने ब्रह्म मुहूर्त में भारतीय रीति-रिवाज से विवाह किया. इस दौरान जहां सहर्ष के परिजनों ने भारत में बैठकर तो वहीं, लड़की के परिजनों ने फिलीपींस से विवाह को लाइव देखा.

कोविड-19 के चलते ड्यूटी पर है दुल्हन

जैली नारसिको पैशे से नर्स है और पिछले कुछ समय से कोविड-19 के वैक्सीनेशन में स्थानीय अस्पताल में ड्यूटी पर है. शादी के तत्काल बाद वह फिर से टोरंटो शहर पहुंच कर वैक्सीनेशन के कार्य में जुट गई. उसका कहना है कि देश के नागरिकों की कोविड-19 से जान बचाना अभी मुख्य लक्ष्य है. जेली नारसीको, पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर है, पिता फिलीपींस में रहते है, लड़की की मां अब इस दुनिया में नहीं है.

  • शादी भव्यता से करने की थी इच्छा

दूल्हे की दादी जानकी देवी बगड़िया बताती हैं कि उनके परिवार में यह अंतिम शादी थी. इसके बाद अब 20 साल बाद ही परिवार में पोते-पोतियों के विवाह होंगे. अरमान था कि विवाह बहुत भव्यता के साथ दिल्ली में सारे रिश्तेदारों की मौजूदगी में हो, लेकिन कोविड-19 के चलते विवाह सादगी से किया गया.

दिया वर्चुअल आशीर्वाद

नवदंपती को विवाह के बाद वर्चुअल आर्शीवाद उषा बगड़िया (माता), सत्य प्रकाश बगड़िया (पिता), ओमप्रकाश बगड़िया (बड़े पापा), जानकी देवी (दादी), अश्विनी (बड़ा भाई), गरिमा (भाभी) के अलावा कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, पंजाब, उज्जैन आदि देशभर में मौजूद रिश्तेदारों ने दिया.

कोरोना काल और शादी
सेवाधाम आश्रम में रिसेप्शन
  • सेवाधाम में किया रिसेप्शन

बगड़िया परिवार सेवाधाम आश्रम उज्जैन से जुड़ा है, इसलिए विचार आया कि विवाह पर रिसेप्शन तो होगा और इसके लिए सेवाधाम आश्रम का चयन किया गया. क्योंकि विवाह में 700 से अधिक मेहमान शामिल होने वाले थे. इसलिए तय हुआ की सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 आश्रमवासियों के लिए रिसेप्शन का आयोजन हो. इसके लिए आश्रम संचालक सुधीर भाई से संपर्क किया और आश्रम में ही पकवान बनाना तय हुआ. बाहर से हलवाई नहीं बुलाया जा सकता था, इसलिए आश्रमवासियों को ही पकवान बनाने की ड्यूटी दी गई.

उज्जैन: कोरोना संक्रमण के बीच कनाडा के टोरंटो शहर के पास स्थित ब्रह्मटन में शनिवार को अनोखा विवाह सम्पन्न हुआ. दूल्हे के माता-पिता ने दिल्ली से तो दादी ने उज्जैन से वर-वधू को वर्चुअल आशीर्वाद दिया. इतना ही नहीं शादी का रिसेप्शन सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 से अधिक आश्रमवासियों को दिया गया. इस अनोखे विवाह में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. वधू के पिता ने भी फिलीपींस से वर्चुअल आशीर्वाद दिया.

  • कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारत में नहीं हुई शादी

दरअसल कोरोना काल में भारत में सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगी है. आखातीज पर देश में लाखों विवाह बिना मुहूर्त के ही संपन्न होते हैं. इसी अनबूझ मुहूर्त में दिल्ली के मूल निवासी सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से भारतीय रीति-रिवाज से विवाह किया. सहर्ष कनाडा में पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी कर रहे हैं. वही, उनकी दोस्ती जेली नारसिको से हुई, दोनों ने आपस में परिणय सूत्र में बंधने का निर्णय लिया. शुरुआत में तय हुआ था कि दिल्ली में भव्यता से विवाह होगा, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने से ऐसा संभव नहीं हो सका. इसी बीच विचार आया कि बेहद सादगी से विवाह संपन्न किया जाए. विचार आते ही सहर्ष ने अपने माता पिता और बड़े पापा समेत दादी से इसकी इजाजत मांगी और सबने निर्णय का स्वागत करते हुए विवाह की मंजूरी दे दी.

कोरोना काल और शादी
लड़के के माता-पिता
  • भारतीय रीति-रिवाज से हुआ विवाह

परिवार और स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेने के बाद इन दोनों ने ब्रह्म मुहूर्त में भारतीय रीति-रिवाज से विवाह किया. इस दौरान जहां सहर्ष के परिजनों ने भारत में बैठकर तो वहीं, लड़की के परिजनों ने फिलीपींस से विवाह को लाइव देखा.

कोविड-19 के चलते ड्यूटी पर है दुल्हन

जैली नारसिको पैशे से नर्स है और पिछले कुछ समय से कोविड-19 के वैक्सीनेशन में स्थानीय अस्पताल में ड्यूटी पर है. शादी के तत्काल बाद वह फिर से टोरंटो शहर पहुंच कर वैक्सीनेशन के कार्य में जुट गई. उसका कहना है कि देश के नागरिकों की कोविड-19 से जान बचाना अभी मुख्य लक्ष्य है. जेली नारसीको, पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर है, पिता फिलीपींस में रहते है, लड़की की मां अब इस दुनिया में नहीं है.

  • शादी भव्यता से करने की थी इच्छा

दूल्हे की दादी जानकी देवी बगड़िया बताती हैं कि उनके परिवार में यह अंतिम शादी थी. इसके बाद अब 20 साल बाद ही परिवार में पोते-पोतियों के विवाह होंगे. अरमान था कि विवाह बहुत भव्यता के साथ दिल्ली में सारे रिश्तेदारों की मौजूदगी में हो, लेकिन कोविड-19 के चलते विवाह सादगी से किया गया.

दिया वर्चुअल आशीर्वाद

नवदंपती को विवाह के बाद वर्चुअल आर्शीवाद उषा बगड़िया (माता), सत्य प्रकाश बगड़िया (पिता), ओमप्रकाश बगड़िया (बड़े पापा), जानकी देवी (दादी), अश्विनी (बड़ा भाई), गरिमा (भाभी) के अलावा कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, पंजाब, उज्जैन आदि देशभर में मौजूद रिश्तेदारों ने दिया.

कोरोना काल और शादी
सेवाधाम आश्रम में रिसेप्शन
  • सेवाधाम में किया रिसेप्शन

बगड़िया परिवार सेवाधाम आश्रम उज्जैन से जुड़ा है, इसलिए विचार आया कि विवाह पर रिसेप्शन तो होगा और इसके लिए सेवाधाम आश्रम का चयन किया गया. क्योंकि विवाह में 700 से अधिक मेहमान शामिल होने वाले थे. इसलिए तय हुआ की सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 आश्रमवासियों के लिए रिसेप्शन का आयोजन हो. इसके लिए आश्रम संचालक सुधीर भाई से संपर्क किया और आश्रम में ही पकवान बनाना तय हुआ. बाहर से हलवाई नहीं बुलाया जा सकता था, इसलिए आश्रमवासियों को ही पकवान बनाने की ड्यूटी दी गई.

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