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Unique seat of MP: एमपी की इस विधानसभा सीट से कांग्रेस और बीजेपी से दो सगे भाई आमने- सामने, जीते कोई भी विधायकी घर में ही आएगी - एमपी की राजनीति

मध्यप्रदेश में एक ऐसी सीट है, जहां से बीजेपी और कांग्रेस के दो उम्मीदवार आपस में सगे भाई हैं. यानि कोई जीते, विधायक घर का ही होगा. ये सीट है, प्रदेश की नर्मदापुरम सीट. यहां से बड़े भाई गिरिजाशंकर शर्मा कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं और छोटे भाई सीताशरण शर्मा बीजेपी से उम्मीदवार हैं. ऐसे में दोनों भाई एक दूसरे के लिए क्या बोले आइए जानते हैं...

Narmadapuram Assembly Seat
सीताशरण शर्मा और गिरिजाशंकर शर्मा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 1, 2023, 9:11 PM IST

भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव में एमपी की सबसे चर्चित सीट बन गई है नर्मदापुरम विधानसभा. वजह कांग्रेस और बीजेपी से दो सगे भाई आमने- सामने चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने अगर यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विधायक डॉ सीताशरण शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. इधर, कांग्रेस से उनके सगे भाई गिरिजाशंकर शर्मा ताल ठोक रहे हैं. जो हाल में ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए हैं. अब एक नजरिए से .देखिए तो जीते कोई भी सत्ता यानि विधायकी घर में ही आएगी. बिल्कुल इस अंदाज़ में कि घी कहां गया खिचड़ी में.

कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा शंकर शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बताया. गिरिजाशंकर विरोध में खड़े अपने भाई सीताशऱण शर्मा पर सीधा हमला नहीं बोलते. क्या छोटे भाई सीता शरण शर्मा को विजयी भव का आर्शीवाद देंगे..इस सवाल पर गिरिजाशंकर कहते हैं ये आर्शीवाद देना पार्टी के साथ धोखा होगा. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार डॉ सीताशरण शर्मा कहते हैं, तीन दिसम्बर को जीतने के बाद उनका आर्शीवाद लेने जाऊंगा...और वो बड़े हैं आर्शीवाद देंगे...

जिस पार्टी से विधायक रहे अब वही भ्रष्ट: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए गिरिजा शंकर शर्मा 2003 में जिस पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बनें. अब उसी पार्टी में भ्रष्टाचार से इस कदर आहत हैं कि कहते हैं कि इसका भ्रष्टाचार ही इस पार्टी को ले डूबेगा. क्या अपने छोटे भाई डॉ सीताशरण शर्मा को जीत का आर्शीवाद देंगे? इस सवाल पर वे कहते हैं बाकी छोटो के लिए कई आर्शीवाद हैं, लेकिन विजयी भव: नहीं कह सकता, ये मेरा अपनी पार्टी से धोखा होगा.

तीन दशक से इस सीट पर है शर्मा परिवार का दबदबा: तीन दशक से यानि करीब 33 बरस से नर्मदापुरम विधानसभा सीट की सियासी कुंडली में शर्मा परिवार भाग्यस्थान पर बैठा है. चाहे सीताशऱण शर्मा जीतें या फिर गिरिजा शंकर शर्मा, नर्मदापुरम सीट शर्मा परिवार और बीजेपी पार्टी के खाते में ही जाती है. इस इलाके में सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है शर्मा परिवार.

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1990 से इस इलाके की राजनीति को देखें तो यहां से सीताशरण शर्मा 1990 से लेकर 1998 तक पहली पारी में लगातार दस साल विधायक रहे. फिर, 2003 से 2008 गिरिजाशंकर शर्मा याहं से चुनाव जीते. उसके बाद 2013 और 2018 के विधआनसभा चुनाव में एक बार फिर गिरिजाशंकर बीजेपी के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए. साल दर साल भाईयों के चेहरे बदले बाकी विधायक शर्मा परिवार का ही रहा है.

मुकाबले में भले खड़े हों भैय्या का आर्शीवाद मेरे साथ: बीजेपी उम्मीदवार डॉ सीताशरण शर्मा ने गिरिजाशंकर के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कांग्रेस में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड बने हैं. वे कहते हैं, भैय्या बड़े हैं, उनका आर्शीवाद इस चुनाव में मेरे साथ है. मुंह से वो भले ना बोलें, तीन दिसम्बर को जीतने के बाद उनका आर्शीवाद लेने जाऊंगा. ईटीवी भारत के इस सवाल पर कि जीते कोई भी घी कहां गया खिचड़ी में वाला मामला है भाई- भाई का.

सीताशरण शर्मा कहते हैं, नहीं घी खिचड़ी में तभी तक था, जब तक दोनों भाई बीजेपी में थे. अब तो एक तरफ से घी राहुल गांधी के पास जा रहा ईटली और दूसरी तरफ से मोदी के पास जाएगा.

भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव में एमपी की सबसे चर्चित सीट बन गई है नर्मदापुरम विधानसभा. वजह कांग्रेस और बीजेपी से दो सगे भाई आमने- सामने चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने अगर यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विधायक डॉ सीताशरण शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. इधर, कांग्रेस से उनके सगे भाई गिरिजाशंकर शर्मा ताल ठोक रहे हैं. जो हाल में ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए हैं. अब एक नजरिए से .देखिए तो जीते कोई भी सत्ता यानि विधायकी घर में ही आएगी. बिल्कुल इस अंदाज़ में कि घी कहां गया खिचड़ी में.

कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा शंकर शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बताया. गिरिजाशंकर विरोध में खड़े अपने भाई सीताशऱण शर्मा पर सीधा हमला नहीं बोलते. क्या छोटे भाई सीता शरण शर्मा को विजयी भव का आर्शीवाद देंगे..इस सवाल पर गिरिजाशंकर कहते हैं ये आर्शीवाद देना पार्टी के साथ धोखा होगा. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार डॉ सीताशरण शर्मा कहते हैं, तीन दिसम्बर को जीतने के बाद उनका आर्शीवाद लेने जाऊंगा...और वो बड़े हैं आर्शीवाद देंगे...

जिस पार्टी से विधायक रहे अब वही भ्रष्ट: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए गिरिजा शंकर शर्मा 2003 में जिस पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बनें. अब उसी पार्टी में भ्रष्टाचार से इस कदर आहत हैं कि कहते हैं कि इसका भ्रष्टाचार ही इस पार्टी को ले डूबेगा. क्या अपने छोटे भाई डॉ सीताशरण शर्मा को जीत का आर्शीवाद देंगे? इस सवाल पर वे कहते हैं बाकी छोटो के लिए कई आर्शीवाद हैं, लेकिन विजयी भव: नहीं कह सकता, ये मेरा अपनी पार्टी से धोखा होगा.

तीन दशक से इस सीट पर है शर्मा परिवार का दबदबा: तीन दशक से यानि करीब 33 बरस से नर्मदापुरम विधानसभा सीट की सियासी कुंडली में शर्मा परिवार भाग्यस्थान पर बैठा है. चाहे सीताशऱण शर्मा जीतें या फिर गिरिजा शंकर शर्मा, नर्मदापुरम सीट शर्मा परिवार और बीजेपी पार्टी के खाते में ही जाती है. इस इलाके में सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है शर्मा परिवार.

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1990 से इस इलाके की राजनीति को देखें तो यहां से सीताशरण शर्मा 1990 से लेकर 1998 तक पहली पारी में लगातार दस साल विधायक रहे. फिर, 2003 से 2008 गिरिजाशंकर शर्मा याहं से चुनाव जीते. उसके बाद 2013 और 2018 के विधआनसभा चुनाव में एक बार फिर गिरिजाशंकर बीजेपी के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए. साल दर साल भाईयों के चेहरे बदले बाकी विधायक शर्मा परिवार का ही रहा है.

मुकाबले में भले खड़े हों भैय्या का आर्शीवाद मेरे साथ: बीजेपी उम्मीदवार डॉ सीताशरण शर्मा ने गिरिजाशंकर के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कांग्रेस में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड बने हैं. वे कहते हैं, भैय्या बड़े हैं, उनका आर्शीवाद इस चुनाव में मेरे साथ है. मुंह से वो भले ना बोलें, तीन दिसम्बर को जीतने के बाद उनका आर्शीवाद लेने जाऊंगा. ईटीवी भारत के इस सवाल पर कि जीते कोई भी घी कहां गया खिचड़ी में वाला मामला है भाई- भाई का.

सीताशरण शर्मा कहते हैं, नहीं घी खिचड़ी में तभी तक था, जब तक दोनों भाई बीजेपी में थे. अब तो एक तरफ से घी राहुल गांधी के पास जा रहा ईटली और दूसरी तरफ से मोदी के पास जाएगा.

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