नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट (एससी) के फैसले की सराहना करते हुए, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि यह निर्देश सबसे प्रत्याशित था.
सोनोवाल ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'निरस्तीकरण केंद्र सरकार द्वारा लिया गया एक सही निर्णय था. सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई और उसके बाद के फैसले ने भारत की संप्रभुता को बरकरार रखा है.'
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#WATCH | Union Minister and BJP MP Sarbananda Sonowal says "It is clear that the Opposition had no logic, so they walked out. The way Supreme Court upheld the decision of the govt on Article 370 shows that the decision that was taken under the leadership of PM Modi and the bill… pic.twitter.com/C1bKge3jHF
— ANI (@ANI) December 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 11, 2023#WATCH | Union Minister and BJP MP Sarbananda Sonowal says "It is clear that the Opposition had no logic, so they walked out. The way Supreme Court upheld the decision of the govt on Article 370 shows that the decision that was taken under the leadership of PM Modi and the bill… pic.twitter.com/C1bKge3jHF
— ANI (@ANI) December 11, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व की सराहना करते हुए सोनोवाल ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है. सोनोवाल ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए साहसिक निर्णयों के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संभव हुआ.'
उन्होंने कहा कि 'मोदी के नेतृत्व में भारत दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है.' वहीं एक अन्य वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ मोहन श्याम ने कहा कि 'महान संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 370 को भारत के संविधान का एक हिस्सा बनाए रखा, जो जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में एक अस्थायी प्रावधान था.'
मोहन श्याम ने आगे कहा कि 'परिणामस्वरूप हमारे पास नागरिकों के लिए उपलब्ध कानूनी और मौलिक अधिकारों की सीमा के साथ दो संविधान और दो झंडे थे. इसकी सख्त जरूरत थी और अगर हम कह सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग एक अलग वातावरण में सांस लेने के लिए धारा 370 के हटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो उन्हें सतत विकास हासिल करने में मदद करता है.'