नई दिल्ली: राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) में खादी के लिए पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEK) का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने कहा कि खादी हमारी पहचान है. उन्होंने कहा कि हमें इसके उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए जिससे रोजगार के अवसर में वृद्धि हो सके. राणे ने कहा कि भारतीय फैशन उद्योग में अन्य की तुलना में खादी की लोकप्रियता का आकलन करने की आवश्यकता है. हमारे डिजाइनरों को खादी में इस तरह के आकर्षक डिजाइन पेश करने चाहिए कि लोग खादी खरीदने के लिए उतने ही लालायित हों जितना वे दूसरे कपड़े खरीदने के लिए होते हैं. इसके लिए प्राथमिक रूप से हमारा ध्यान खादी को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार में डिजाइन और बनावट में सुधार लाने पर होना चाहिए और युवा हों चाहे बुजुर्ग, सभी को खादी पहनना चाहिए.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार को लक्षित करने पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे हम इसे अमेरिका में प्रमोट करें या यूरोप में, हमें एक ऐसी डिजाइन और बनावट लेकर आना चाहिए जो हर पुरुष और महिला को आकर्षित करे. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अनुसार, खादी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को एक यूनिवर्सल, क्लासिक और वैल्यू ड्रिवेन ब्रांड बनाने के लिए तैयार किया गया है. खादी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ सहयोग किया है.
खादी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEK) को स्थापित करने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) के बीच पिछले साल एक एमओयू पर हस्तक्षार किए गए थे. इस परियोजना को तीन साल की अवधि में लागू किया जाएगा. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अनुसार, यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घरेलू और वैश्विक खरीदारों की जरूरतों के अनुसार नए कपड़े और नवीनतम डिजाइन पेश करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों की प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए काम करेगा.
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इसके साथ ही यह सेंटर खादी संस्थानों को खादी निर्माण प्रक्रिया के डिजाइन और तकनीक को और बेहतर बनाने के साथ खादी उत्पादों में विविधता लाने में भी मदद करेगा. इसके अतिरिक्त, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर खादी, नए खादी उत्पादों के लिए ब्रांडिंग और प्रचार सहित विजुअल मर्चेंडाइजिंग और पैकेजिंग में भी योगदान देगा और भारत और विदेशों में खादी फैशन शो और प्रदर्शनियों का आयोजन करके खादी की वैश्विक पहुंच को बढ़ाएगा.