नई दिल्ली : केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण 'स्वच्छ सर्वेक्षण-2022' की शुरुआत की जिसके तहत पहली बार जिलों की रैंकिंग होगी.
एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस साल के सर्वेक्षण से छोटे शहरों के लिए आबादी की दो श्रेणियों-15,000 से कम और 15,000-25,000 की शुरुआत करने से एक समान अवसर पैदा होगा.
मंत्रालय के अनुसार सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाकर अब 100 प्रतिशत वार्डों को नमूने के लिए शामिल किया गया है, जबकि पिछले वर्षों में यह 40 प्रतिशत था.
कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन देश का एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी कार्यक्रम है, जिसने जमीनी स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी के कारण सफलता हासिल की है. बयान में पुरी के हवाले से कहा गया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व के जरिए इसे एक जन आंदोलन में परिवर्तित करके महात्मा गांधी के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने का काम किया है. सफलता की राह आसान नहीं थी लेकिन आज हमने न केवल खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) का लक्ष्य हासिल किया है बल्कि ठोस कचरा प्रबंधन में भी सफलता हासिल की है.'
पुरी ने कहा कि करोड़ों भारतीय नागरिक आंदोलन से जुड़े हुए हैं और यह लगातार मजबूत हो रहा है. प्रधानमंत्री एक अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) 2.0 और अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 की शुरुआत करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी अभियान को सुगमतापूर्वक अंजाम देने के लिए 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2022' में पिछले साल मूल्यांकन के लिए तैनात विश्लेषणकर्ताओं की संख्या दोगुनी से अधिक होगी.
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प्रधानमंत्री के 'डिजिटल इंडिया' के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सर्वेक्षण का आगामी संस्करण बेहतर तकनीकी हस्तक्षेपों जैसे दस्तावेजों की डिजिटल ट्रैकिंग, स्वच्छता के संबंध में जियो-टैगिंग और क्यूआर कोड आधारित जवाब की शुरुआत करेगा