हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति एवं रजाकारों के 'भय' के कारण 'मुक्ति दिवस' (hyderabad Liberation Day) मनाने के वादे से 'मुकर जाने' वालों पर निशाना साधा. शाह ने 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' पर यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरदार पटेल नहीं होते, तो हैदराबाद को मुक्त कराने में कई और साल लग जाते. उन्होंने कहा कि पटेल जानते थे कि जब तक निजाम के रजाकारों को हरा नहीं दिया जाता, तब तक अखंड भारत का सपना साकार नहीं होगा.
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‘Hyderabad Liberation Day’ celebrations in Hyderabad. Watch live! https://t.co/VYMmShT6D7
— Amit Shah (@AmitShah) September 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत कई नेता शामिल हुए. शाह ने कहा कि इतने साल बाद, इस भूमि के लोगों की इच्छा थी कि 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' को सरकार की भागीदारी से मनाया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य की बात की है कि 75 साल बाद भी यहां शासन करने वाले वोट बैंक की राजनीति के कारण 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने का साहस नहीं जुटा पाए. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने चुनावों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान मुक्ति दिवस मनाने का वादा किया, लेकिन जब वे सत्ता में आए, तो रजाकारों के भय से अपने वादों से मुकर गए.
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Telangana | Union Home Minister Amit Shah participates in Telangana Liberation Day celebrations at Parade Ground, Hyderabad pic.twitter.com/DWFyhvQJFE
— ANI (@ANI) September 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उन्होंने 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि जब मोदी ने यह दिन मनाने का फैसला किया, तो सभी ने इसका अनुसरण किया. गृह मंत्री ने कहा कि वे जश्न मनाते हैं, लेकिन 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के रूप में नहीं, उनमें अब भी डर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं, अपने दिल से डर निकाल दो और रजाकार इस देश के लिए फैसले नहीं ले सकते क्योंकि इसे 75 साल पहले आजादी मिल चुकी है.
उन्होंने कहा कि मैं मोदी को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को समझा और हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का फैसला किया. देश की आजादी के बाद भी हैदराबाद राज्य निजाम शासन के अधीन था. पुलिस ने भारत में इसका विलय कराने के लिए 'ऑपरेशन पोलो' नाम से अभियान चलाया था. तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के बाद तत्कालीन हैदराबाद का 17 सितंबर, 1948 को भारत में विलय किया गया था.
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Greetings to the people of Telangana, Hyderabad-Karnataka & Marathwada region on ‘Hyderabad Liberation Day’. I bow to the martyrs and the brave warriors, who fought valiantly against the atrocities of Razakars under the cruel Nizam rule to merge Hyderabad into the Union of India. pic.twitter.com/xcN06ofeC3
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इससे पहले शाह ने ट्वीट किया कि तेलंगाना, हैदराबाद-कर्नाटक एवं मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' की शुभकामनाएं. मैं उन शहीदों एवं बहादुर योद्धाओं को नमन करता हूं, उन्होंने हैदराबाद के भारत संघ में विलय के लिए निर्दयी निजाम शासन के दौरान रजाकारों के अत्याचारों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी. रजाकार एक निजी सेना (मिलिशिया) थी, जिसने हैदराबाद में तत्कालीन निजाम शासन का बचाव किया था. वह प्रजा पर अत्याचार करती थी. जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो रजाकारों ने भारत संघ में हैदराबाद के विलय का विरोध किया था.
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इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने ट्वीट किया था कि 1948 में सरदार पटेल ने हैदराबाद के भारत संघ में विलय के बाद तिरंगा फहराया था. अब 75 वर्ष बाद, माननीय गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह की शुरुआत करेंगे. पार्टी की ओर से गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुक्ति दिवस समारोह के बाद शाह तेलंगाना में भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे. पार्टी ने कहा की बाद में शाह सिकंदराबाद में मोदी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे.