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दिल्ली के CGHS में मरीज बनकर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, जानें आगे क्या हुआ... - दूसरे डॉक्टरों के लिये प्रेरक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया 30 अगस्त की रात अचानक दिल्ली की एक सरकारी डिस्पेंसरी में मरीज बनकर पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें डॉक्टर द्वारा दी गई सर्विस इतनी पसंद आई कि उन्होंने उसे मंत्रालय में बुलाकर सम्मानित किया. इसके साथ ही पत्र लिखकर दूसरे डॉक्टरों के लिये प्रेरक बताया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
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Published : Sep 3, 2021, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया 30 अगस्त की रात को अचानक दिल्ली की एक सरकारी डिस्पेंसरी में मरीज बनकर पहुंचे. उन्होंने अपना नाम अनिल राजोडीया बताया था. इस दौरान वह अस्पताल की व्यवस्था से इतने प्रभावित हुए कि इलाज कराने वाले डॉक्टर को गुरुवार को मंत्रालय में बुलाकर सम्मानित किया.

मंडाविया ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि CGHS सेवा की व्यवस्था को परखने के लिए एक सामान्य रूप से मरीज बनकर दिल्ली की डिस्पेंसरी में गया, मुझे खुशी हुई कि वहां कार्य चिकित्सक डॉक्टर अरविंद कुमार की कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव प्रेरित करने वाला है. अपने कार्य के प्रति उनके समर्पण की मैं सराहना करता हूं.

मरीज बनकर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

पढ़ें : कैसे होती है सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति ?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर को संबोधित करते हुए एक पत्र भी साझा किया. इसमें लिखा है कि मुझे खुशी है कि आपने बहुत अच्छे ढंग से मुझसे बातचीत की, मेरी समस्याओं को समझा. मेरी दिक्कतों के बारे में अपनी राय दी और मेरा इलाज किया. मैंने पाया कि आपका यह सेवाभाव CGHS के डॉक्टर से अपेक्षित व्यवहार के अनुकूल था, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं. आपकी विनम्रता कर्तव्यनिष्ठा विशेषज्ञता और कर्म के प्रति समर्पण CGHS के तहत देश भर में काम कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रेरणा देने वाला है. अगर देश के सभी सीजीएचएस डॉक्टर अन्य डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपने यहां आने वाले मरीजों का इलाज इसी संवेदना के साथ करें तो हम सब मिलकर प्रधानमंत्री मोदी के स्वस्थ भारत का सपना पूरा कर पाएंगे.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया 30 अगस्त की रात को अचानक दिल्ली की एक सरकारी डिस्पेंसरी में मरीज बनकर पहुंचे. उन्होंने अपना नाम अनिल राजोडीया बताया था. इस दौरान वह अस्पताल की व्यवस्था से इतने प्रभावित हुए कि इलाज कराने वाले डॉक्टर को गुरुवार को मंत्रालय में बुलाकर सम्मानित किया.

मंडाविया ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि CGHS सेवा की व्यवस्था को परखने के लिए एक सामान्य रूप से मरीज बनकर दिल्ली की डिस्पेंसरी में गया, मुझे खुशी हुई कि वहां कार्य चिकित्सक डॉक्टर अरविंद कुमार की कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव प्रेरित करने वाला है. अपने कार्य के प्रति उनके समर्पण की मैं सराहना करता हूं.

मरीज बनकर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर को संबोधित करते हुए एक पत्र भी साझा किया. इसमें लिखा है कि मुझे खुशी है कि आपने बहुत अच्छे ढंग से मुझसे बातचीत की, मेरी समस्याओं को समझा. मेरी दिक्कतों के बारे में अपनी राय दी और मेरा इलाज किया. मैंने पाया कि आपका यह सेवाभाव CGHS के डॉक्टर से अपेक्षित व्यवहार के अनुकूल था, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं. आपकी विनम्रता कर्तव्यनिष्ठा विशेषज्ञता और कर्म के प्रति समर्पण CGHS के तहत देश भर में काम कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रेरणा देने वाला है. अगर देश के सभी सीजीएचएस डॉक्टर अन्य डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपने यहां आने वाले मरीजों का इलाज इसी संवेदना के साथ करें तो हम सब मिलकर प्रधानमंत्री मोदी के स्वस्थ भारत का सपना पूरा कर पाएंगे.

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