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मोदी सरकार ने छोटे किसानों को दी राहत, कृषि ऋण पर ब्याज में मिलेगी छूट

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता को मंजूरी दी. साथ ही मंत्रिमंडल ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत व्यय 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को स्वीकर कर लिया है.

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Published : Aug 17, 2022, 3:38 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 4:23 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता को मंजूरी दी. इस कदम का मकसद कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सभी वित्तीय संस्थानों के लिए अल्पकालीन कृषि कर्ज के लिए 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए किसानों को दिए गए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'ब्याज सहायता के तहत 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिये 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी.' ब्याज सहायता में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बना रहेगा और साथ ही वित्तीय संस्थानों की वित्तीय सेहत और कर्ज को लेकर व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी. बता दें, समय पर कर्ज भुगतान करने पर किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर लघु अवधि का ऋण मिलता रहेगा.

ईसीएलजीएस के तहत व्यय बढ़ाकर पांच लाख करोड़ किया गया
इसके अलावा, सरकार ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत व्यय 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये कर दिया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. इससे होटल एवं संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. बता दें, आम बजट 2022-23 में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित होटल और संबंधित क्षेत्रों की मदद के लिए ईसीएलजीएस की सीमा 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था.

ठाकुर ने मंत्रिमंडल के लिए गए विभिन्न फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि होटल और संबंधित क्षेत्रों में महामारी के चलते गंभीर व्यवधानों के कारण राशि में वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि ईसीएलजीएस के तहत पांच अगस्त 2022 तक लगभग 3.67 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ें- सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी 4-9 प्रतिशत बढ़ाई, धान का MSP 100 रुपये क्विंटल बढ़ा

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता को मंजूरी दी. इस कदम का मकसद कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सभी वित्तीय संस्थानों के लिए अल्पकालीन कृषि कर्ज के लिए 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए किसानों को दिए गए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'ब्याज सहायता के तहत 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिये 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी.' ब्याज सहायता में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बना रहेगा और साथ ही वित्तीय संस्थानों की वित्तीय सेहत और कर्ज को लेकर व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी. बता दें, समय पर कर्ज भुगतान करने पर किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर लघु अवधि का ऋण मिलता रहेगा.

ईसीएलजीएस के तहत व्यय बढ़ाकर पांच लाख करोड़ किया गया
इसके अलावा, सरकार ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत व्यय 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये कर दिया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. इससे होटल एवं संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. बता दें, आम बजट 2022-23 में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित होटल और संबंधित क्षेत्रों की मदद के लिए ईसीएलजीएस की सीमा 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था.

ठाकुर ने मंत्रिमंडल के लिए गए विभिन्न फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि होटल और संबंधित क्षेत्रों में महामारी के चलते गंभीर व्यवधानों के कारण राशि में वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि ईसीएलजीएस के तहत पांच अगस्त 2022 तक लगभग 3.67 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ें- सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी 4-9 प्रतिशत बढ़ाई, धान का MSP 100 रुपये क्विंटल बढ़ा

Last Updated : Aug 17, 2022, 4:23 PM IST
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